बजट में रोजगार, कौशल पर फोकस, जानें वित्त मंत्री की घोषणाएँ
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार 3.0 के अपने पहले बजट में रोजगार और कौशल विकास पर जोर दिया है। उन्होंने 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास से जुड़ी 5 योजनाओं के लिए दो लाख करोड़ के पैकेज की घोषणा की। वित्त मंत्री ने कहा कि रोजगार, कौशल विकास, एसएमई और मध्यम वर्ग पर जोर दिया जाएगा।
सीतारमण ने कहा कि रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन ईपीएफओ में पंजीकरण के आधार पर होंगे। वित्त मंत्री ने कहा, 'नए काम पर आने वाले सभी कर्मचारियों को एक महीने का वेतन दिया जाएगा। ईपीएफओ में नए-नए शामिल होने वालों को 15,000 रुपये दिए जाएंगे, जिनका वेतन 1 लाख रुपये प्रति माह तक है। इससे 210 लाख युवाओं को लाभ होगा।'
निर्मला सीतारमण ने कहा कि उत्पादन क्षेत्र में रोजगार सृजन को पहली बार कर्मचारियों के रोजगार से जुड़ी योजना के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। 'रोजगार से जुड़े प्रोत्साहन' के लिए 3 योजनाओं की घोषणा की गई-
- योजना ए: पहली बार काम करने वाले के लिए
- योजना बी: विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन के लिए
- योजना सी: नियोक्ताओं को सहायता के लिए
यह योजना रोजगार के पहले चार वर्षों के दौरान कर्मचारियों और नियोक्ताओं को ईपीएफओ योगदान के संबंध में प्रोत्साहन देगी। सरकार प्रत्येक अतिरिक्त कर्मचारी के लिए दो साल तक प्रति माह 3,000 रुपए तक के ईपीएफओ योगदान की प्रतिपूर्ति नियोक्ताओं को करेगी। इस पहल का उद्देश्य 50 लाख लोगों के अतिरिक्त रोजगार को प्रोत्साहित करना है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांच साल की अवधि में देश भर की 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करने की योजना की घोषणा की। इस अवसर के साथ 5000 रुपये प्रति माह का इंटर्नशिप भत्ता और 6000 रुपये की एकमुश्त सहायता मिलेगी।
इसके अलावा राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम के तहत लगभग 12 औद्योगिक पार्क स्वीकृत किए गए हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा की कि सरकार घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि 1000 आईटीआई को हब और स्पोक मॉडल में अपग्रेड किया जाएगा।