वाजे की देखरेख में हुआ था हिरेन का पोस्टमार्टम
मुकेश अंबानी एंटीलिया केस की जाँच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है वैसे-वैसे रोज नए खुलासे हो रहे हैं। मनसुख हिरेन हत्याकांड की जाँच एटीएस से ट्रांसफर होने के बाद एनआईए ने अब मनसुख मामले की भी जाँच तेज़ कर दी है। एनआईए को पुख्ता सबूत मिले हैं कि मनसुख के पोस्टमार्टम के दौरान एपीआई सचिन वाज़े ठाणे के सरकारी अस्पताल में मौजूद थे। एनआईए बहुत जल्द सरकारी अस्पताल में मनसुख का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ करने की तैयारी कर रही है।
वैसे, महाराष्ट्र एटीएस के अधिकारियों ने भी मनसुख हिरेन का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ की थी। एटीएस की पूछताछ में सामने आया था कि पोस्टमार्टम करने के दौरान अस्पताल के सुपरिंटेंडेंट पर पुलिस का दबाव था। हालाँकि, अस्पताल के डॉक्टर इससे इंकार कर रहे थे। यही कारण है कि अब एनआईए की टीम दोबारा पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ करेगी।
एनआईए को शुरुआती जाँच में यह भी पता लगा है कि जिस समय मनसुख का पोस्टमार्टम चल रहा था उस समय एपीआई सचिन वाजे भी वहाँ पर मौजूद थे। अब एनआईए पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से पूछताछ कर पता लगाने की कोशिश करेगी कि डॉक्टरों पर आख़िर सचिन वाजे ने क्या किसी तरह का कोई दवाब डाला था? क्या पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफ़ी हुई थी? पोस्टमार्टम के दौरान कौन-कौन लोग डॉक्टरों से मिलने आए थे या किसी का फ़ोन आया था इस बात की जानकारी एनआईए डॉक्टरों से हासिल करने की कोशिश करेगी।
डॉक्टरों पर शक़
एटीएस की जाँच में सामने आया था कि अस्पताल प्रशासन ने मनसुख के पोस्टमार्टम के लिए पूरे सैंपल पहली बार में ही फोरेंसिक के लिए नहीं भेजे गए थे। एटीएस के अधिकारियों ने जब इस बारे में अस्पताल के डॉक्टरों से पूछा तो डॉक्टर कोई ठोस जवाब नहीं दे पाए।
एटीएस की जाँच में सामने आया था कि अस्पताल में डॉक्टरों से मुलाक़ात करने वालों का कोई लिखित रिकॉर्ड मौजूद नहीं था।
पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद थे वाजे
जिस समय मनसुख हिरेन का पोस्टमार्टम ठाणे के अस्पताल में चल रहा था उस समय सचिन वाजे मनसुख के भाई विनोद हिरेन से भी मिले थे। वाजे पहले से ही विनोद को जानते थे इसलिए उन्होंने मनसुख की मौत पर अफसोस भी जताया था। 4 मार्च को जब मनसुख लापता थे तो विनोद ने सचिन वाजे को भी फोन करके मनसुख के लापता होने की जानकारी दी थी और वाजे ने उनकी खोजबीन की भी बात कही थी।
डायटम रिपोर्ट पर सवाल
मनसुख हिरेन की आयी डायटम रिपोर्ट को लेकर भी सवाल खड़े हो गए हैं। सूत्रों के मुताबिक़, एटीएस की अब तक की जाँच-पड़ताल में सामने आया है कि मनसुख को पहले कार में 3 से 4 लोगों ने क्लोरोफॉर्म सुंघाया था और मुँह में चार-पाँच रुमाल ठूँसकर फिर शव को पानी में फेंक दिया था। लेकिन मनसुख की डायटम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मनसुख जब पानी में गिरे थे तो वह ज़िंदा थे। एटीएस मनसुख की डायटम रिपोर्ट को हरियाणा की लैब भेज चुकी है और एनआईए अब उसी रिपोर्ट का इंतज़ार कर रही है।
परिवार के आरोपों की जाँच करेगी एनआईए
मनसुख के परिवार ने भी आरोप लगाया है कि मनसुख के पोस्टमार्टम के दौरान सचिन वाजे लगातार पोस्टमार्टम हाउस में मौजूद थे। मनसुख के भाई विनोद हिरेन को शक है कि उनके कहने पर ही डॉक्टरों ने मनसुख की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बदल दी है। हालाँकि एटीएस पहले ही मनसुख के परिवार वालों का बयान दर्ज कर चुकी है लेकिन बावजूद इसके एनआईए मनसुख के परिवार वालों का बयान फिर से दर्ज करेगी।