+
लंदन उच्चायोग हिंसा मामले में NIA ने की 15 की पहचान

लंदन उच्चायोग हिंसा मामले में NIA ने की 15 की पहचान

लंदन में भारतीय उच्चायोग में छह महीने पहले हिंसा के मामले में एनआईए ने कार्रवाई की है। जानिए, सैन फ्रांसिस्को में दूतावास को निशाना बनाने और कनाडा में भारतीयों पर हमले को लेकर भी एनआईए क्या कर रही है।

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में हिंसा में शामिल कम से कम 15 लोगों की एनआईए ने पहचान कर ली है। इसने क़रीब दो महीने पहले ही हिंसा में कथित रूप से शामिल 45 लोगों की तस्वीरें जारी की थी। रिपोर्ट है कि पहचान किए गए 15 लोगों के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी करने के लिए एनआईए इमिग्रेशन विभाग को जानकारी देने की तैयारी में है। इसके साथ ही एनआईए ने सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाने वालों की पहचान भी की है।

लंदन में भारतीय उच्चायोग में हिंसा का मामला काफी बड़ा मुद्दा था। अप्रैल महीने में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एनआईए को लंदन विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक नया मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था, क्योंकि प्रारंभिक जाँच में पाकिस्तान की आईएसआई से जुड़े आतंकी लिंक की ओर इशारा किया गया था। मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस को भी निर्देश दिया था, जिसने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी, ताकि जांच एनआईए को सौंपी जा सके।

मई में एनआईए की एक टीम ने यूके का दौरा किया और सबूत एकत्र किए। भारत लौटने पर उन्होंने घटना के पांच वीडियो जारी किए, और आम लोगों से उन संदिग्धों की पहचान करने में मदद करने के लिए कहा जिन्होंने उच्चायोग में तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी। 

कुछ हमलावरों की पहचान करने के बाद 1 अगस्त को एनआईए द्वारा पंजाब और हरियाणा में कई जगहों पर छापेमारी की गई थी।

गृह मंत्रालय के एक सूत्र ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) ने भी संदिग्धों की पहचान करने में एनआईए जाँच टीम की मदद की। एक अधिकारी ने कहा, 'सूचना की क्राउडसोर्सिंग और अन्य एजेंसियों की मदद से एनआईए ने 15 हमलावरों की पहचान की है और उनकी पहचान करने के बाद वे जल्द ही उनके ख़िलाफ़ एलओसी जारी करने की प्रक्रिया में हैं।'

एफआईआर में तीन व्यक्तियों- अवतार सिंह उर्फ खांडा, गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह के नामों का उल्लेख है। एक अधिकारी ने कहा, 'खांडा की जून में बर्मिंघम में मौत हो गई और एनआईए अपनी केस फाइल के लिए उसका मृत्यु प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए संबंधित विभाग के संपर्क में है।'

एनआईए ने ब्रिटेन की घटना के संबंध में असम की डिब्रूगढ़ जेल में वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उनके नौ सहयोगियों से पूछताछ की, जब यह पाया गया कि वे खांडा के संपर्क में थे। उन्होंने भारत विरोधी और खालिस्तान समर्थक नारे लगाकर प्रदर्शनकारियों को उकसाया था। 

सैन फ्रांसिस्को में 2 जुलाई को भारतीय वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाया गया था। इस मामले में भी कार्रवाई आगे बढ़ी है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार एनआईए ने चार खालिस्तान समर्थकों की भी पहचान की है, जिन्होंने कथित तौर पर दूतावास को निशाना बनाया था। इसके अलावा कनाडा में भारतीयों पर खालिस्तानी हमले को लेकर भी एनआईए कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है।

चूँकि एनआईए ने 15 लोगों की पहचान कर ली है, लेकिन अब अगली चुनौती यूके सरकार को उनके खिलाफ कदम उठाने के लिए राजी करना होगा। यह काफ़ी मुश्किल काम होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदर्शनकारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए यूके में भारत के यूएपीए के समान कोई कानून नहीं है और एनआईए ने इसी के तहत मामले में एफआईआर दर्ज की है।

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें