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बृजभूषण सिंह पर सरयू में अवैध खनन का आरोप, NGT की जांच समिति गठित

बृजभूषण सिंह पर सरयू में अवैध खनन का आरोप, NGT की जांच समिति गठित

विवादित भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर सरयू नदी के पर्यावरण को लगातार रेत खनन से नुकसान पहुंचाने का आरोप लगा है। एनजीटी ने मामले की जांच का आदेश देते हुए एक कमेटी गठित कर दी है। 

महिला पहलवानों के उत्पीड़न से विवाद में आए गोंडा के भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सरयू नदी को रेत खनन से नुकसान पहुंचाने के मामले की जांच का आदेश दिया है। एनजीटी ने एक कमेटी भी इसके लिए गठित कर दी है।

सरयू नदी का पौराणिक महत्व है। जो गोंडा और अयोध्या में बहती है। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनजीटी ने बुधवार 2 अगस्त को इस मामले की सुनवाई की थी। एनजीटी के संज्ञान में आया है कि भाजपा सांसद की कंपनी गोंडा में अवैध रेत खनन और खनिजों की खुदाई के कारण "सरयू नदी को नुकसान" पहुंचा रही है। इसके बाद इन आरोपों की जांच का आदेश दिया गया है।

एनजीटी की मुख्य बेंच ने बुधवार को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एंड सीसी), केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी), राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी), उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एक संयुक्त समिति का गठन भी किया। (यूपीपीसीबी), और गोंडा के जिला मजिस्ट्रेट भी इसके सदस्य हैं। समिति को एक सप्ताह के अंदर बैठक करने का निर्देश दिया गया है। 

एनजीटी कोर्ट ने आदेश दिया कि "समिति विशेष रूप से लगातार रेत खनन के खिलाफ 2016 में बने कानून और निगरानी दिशानिर्देश का अनुपालन करा सकती है। जिसमें खनन क्षेत्रों और सरयू नदी को हुए नुकसान को शामिल किया जा सकता है। राज्य पीसीबी इसके लिए नोडल एजेंसी होगी। नोडल एजेंसी समन्वय और अनुपालन कराएगी। अदालत ने निर्देश दिया है, ''तथ्यात्मक और कार्रवाई रिपोर्ट दो महीने के भीतर जमा की जाए।''

किसी ने एनजीटी को पत्र लिखकर सरयू नदी को पहुंचाए जा रहे नुकसान की जानकारी दी थी। एनजीटी ने डाक से मिले पत्र पर यह निर्देश दिए गए हैं। एनजीटी ने पत्र में लगाए गए आरोपों पर संज्ञान लिया है। दिल्ली में एनजीटी की इस मुख्य बेंच में जस्टिस अरुण कुमार त्यागी और डॉ. ए सेंथिल वेल शामिल हैं।

एनजीटी ने आदेश में लिखा है कि समिति से अपेक्षा की जाती है कि वह सरयू नदी की साइट का दौरा करेगी। याचिका भेजने वाले व्यक्ति के साथ-साथ "प्रोजेक्ट प्रस्तावक" यानी बृज भूषण सिंह की कंपनी से बातचीत करेगी। आदेश के अनुसार, तथ्यात्मक स्थिति को सत्यापित करने और कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करने और परियोजना प्रस्तावक को सुनवाई का अवसर देने की भी अपेक्षा की जाती है। 

क्या है शिकायतः एनजीटी को भेजी गई शिकायत में कहा गया है कि बृज भूषण शरण सिंह सांसद कैसरगंज, गोंडा की कंपनी द्वारा ग्राम माझाराठ, जैतपुर, नवाबगंज, तहसील तरबगंज, जिला गोंडा में अवैध खनन, निकाले गए लघु खनिजों को ओवरलोड ट्रकों द्वारा अवैध ट्रांसपोर्ट किया जा रहा है। हर दिन 700 से अधिक की संख्या में ट्रक रेत और खनिज लेकर निकलते हैं। लगभग 20 लाख क्यूबिक मीटर के छोटे खनिजों का भंडारण और अवैध बिक्री ओवरलोडेड ट्रकों द्वारा पटपड़ गंज पुल और सड़क को नुकसान पहुंचा रहा है।

बता दें कि महिला पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों और भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनावों को लेकर बृजभूषण शरण सिंह कानूनी और राजनीतिक संकट में घिरे हुए हैं।

सांसद पहले से ही 38 से अधिक आपराधिक मामलों का सामना कर रहे हैं। जिसमें हत्या के प्रयास, दंगा, भू-माफिया के साथ संबंध और अन्य गंभीर आरोप शामिल हैं, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उनके द्वारा दायर हलफनामे के अनुसार, उन्हें सभी मामलों में बरी कर दिया गया था।

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