न्यूज़क्लिक केस: प्रबीर पुरकायस्थ, एचआर हेड 7 दिन की पुलिस रिमांड पर
न्यूज़क्लिक के संस्थापक और प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ को 7 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। उनको दिल्ली पुलिस ने गैरकानूनी गतिविधियाँ (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए के तहत दर्ज एक मामले में मंगलवार को गिरफ्तार किया था। उन्हें बुधवार सुबह न्यायाधीश के समक्ष उनके आवास पर पेश किया गया। पुरकायस्थ के साथ ही एचआर हेड अमित चक्रवर्ती को भी पुलिस हिरासत में भेजा गया है।
प्रबीर पुरकायस्थ और अमित चक्रवर्ती के खिलाफ यूएपीए के तहत यह कार्रवाई की गई है। इन दोनों को दिल्ली पुलिस द्वारा न्यूज़क्लिक कार्यालय और उससे जुड़े लगभग 40 पत्रकारों और कंट्रीब्यूटरों के आवासों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया था। छापेमारी के बाद पुलिस ने दिल्ली में न्यूज़क्लिक के दफ्तर को भी सील कर दिया।
छापेमारी के दौरान न्यूजक्लिक से जुड़े 40 से अधिक लोगों से पूछताछ की गई है। पुलिस ने इन पत्रकारों के लैपटॉप और मोबाइल फोन समेत कई दस्तावेजों को जब्त भी किया। हिरासत में लिए गए पत्रकारों और कई अन्य को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। मंगलवार रात तक सिर्फ दो लोगों को गिरफ्तार किये जाने की बात सामने आयी।
जिन पत्रकारों से पूछताछ की गई है उसमें वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, परंजॉय गुहा ठाकुरता, अभिसार शर्मा, औनिंद्यो चक्रवर्ती, इतिहासकार सोहेल हाशमी के साथ व्यंग्यकार संजय राजौरा और सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड डेवलपमेंट के डी रघुनंदन शामिल थे।
समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक पर आरोप है कि उसने चीन समर्थक अमेरिकी अरबपति नेविल रॉय सिंघम से जुड़ी संस्थाओं से फंड लिया है। सिंघम से जुड़ी संस्थाओं से न्यूजक्लिक पर 38 करोड़ रुपये का फंंड लेने का आरोप है। हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट में वेबसाइट पर भारत में चीन समर्थक प्रचार के लिए एक अमेरिकी करोड़पति, नेविल रॉय सिंघम से कथित तौर पर धन प्राप्त करने का आरोप लगाया गया था। इसके बाद मीडिया फर्म ईडी और दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी ईओडब्ल्यू की जांच के दायरे में आ गई।
17 अगस्त को पोर्टल के खिलाफ सख्त गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम यानी यूएपीए और आईपीसी की धारा 153ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 120बी (आपराधिक साजिश) सहित अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था।
बता दें कि पत्रकारों पर इस कार्रवाई की पत्रकारों के संगठनों ने आलोचना की है। एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने कहा है कि वह इन कार्रवाइयों से चिंतित है। संपादकों के इस संगठन ने इस कार्रवाई को मीडिया पर लगाम लगाने का एक और प्रयास बताया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा है कि, "उनके लैपटॉप, मोबाइल फोन और अन्य उपकरण जब्त कर लिए गए हैं। कथित तौर पर 'पूछताछ' करने के लिए वरिष्ठ पत्रकारों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि छापेमारी बड़े पैमाने पर रही है।"
ईजीआई ने बयान में कहा है कि छापेमारी कथित तौर पर बेहद सख़्त यूएपीए के तहत दर्ज एक एफआईआर और न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों सहित अन्य पत्रकारों के खिलाफ आपराधिक साजिश और सांप्रदायिक सद्भाव में व्यवधान डालने से जुड़े कानूनों के संबंध में की जा रही है।
प्रेस क्लब ऑफ इंडिया यानी पीसीआई ने भी इस पर बयान जारी किया है। इसने कहा है कि वह पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़ा है। इसने सरकार से इस पर विस्तृत बयान जारी करने की मांग की है।