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मोदी को 'आख़िरी उम्मीद' बताने वाली तसवीर को न्यूयॉर्क टाइम्स ने फर्जी बताया

मोदी को 'आख़िरी उम्मीद' बताने वाली तसवीर को न्यूयॉर्क टाइम्स ने फर्जी बताया

प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के बाद वायरल हुई मोदी को महान बताकर ख़बर के तौर पर पेश करने वाली तसवीर को न्यूयॉर्क टाइम्स पर सफ़ाई क्यों जारी करनी पड़ी?   

'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने भी अब कह दिया कि मोदी को महान बताने वाली जो कथित ख़बर की तसवीर है वह फर्जी है। यानी उस अख़बार का नाम जोड़कर एक प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की गई थी। अमेरिकी अख़बार की यह सफ़ाई उस मामले में आई है जिसमें न्यूयॉर्क टाइम्स के मास्टहेड पर प्रधानमंत्री मोदी की तसवीर के साथ शीर्षक है- 'लास्ट, बेस्ट होप ऑफ़ अर्थ'। इस हेडिंग का हिंदी तर्जुमा होता है- धरती की आख़िरी, बेहतरीन उम्मीद'। इसके साथ ही उप-शीर्षक में लिखा हुआ है- दुनिया के सबसे चहेते, ताक़तवर नेता हम पर कृपा बरसाने आए हैं'।

सोशल मीडिया पर इसके काफ़ी ज़्यादा शेयर किए जाने पर न्यूयॉर्क टाइम्स ने ट्वीट कर इस पर सफ़ाई दी है। इसने लिखा है कि यह पूरी तरह से गढ़ी गई तसवीर है, जो प्रधानमंत्री मोदी की विशेषता बताने वाली उन गढ़ी गई कई तसवीरों में से एक है जो प्रचलन में हैं। इसने कहा है, 'ऐसे समय में जब सच्ची, विश्वसनीय पत्रकारिता की सबसे अधिक आवश्यकता है, फ़ोटोशॉप की गई तसवीरों को ऑनलाइन साझा करना या प्रसारित करना केवल ग़लत सूचना और अनिश्चितता को बढ़ावा देता है।'

फ़ोटोशॉप की गई तसवीर में मोदी की एक बड़ी तसवीर है। इसके साथ लिखा है कि 'दुनिया का सबसे प्रिय और सबसे शक्तिशाली नेता यहाँ हमें आशीर्वाद देने के लिए है'। तसवीर में 26 सितंबर का संस्करण दिखता है। लेकिन, अंग्रेजी में लिखे सितंबर की वर्तनी ग़लत है और शीर्षक की फ़ॉन्ट की शैली द न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा उपयोग की गई शैली के समान नहीं है।

मोदी के अमेरिका के दौरे के बाद से फर्जी तसवीर सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही है। सर्वेश नाम के एक ट्विटर यूज़र ने 26 सितंबर को लिखा था, 'दुनिया के सबसे प्रिय नेता...'

अभय सक्सेना नाम के ट्विटर यूज़र ने भी उस तसवीर को शेयर किया था और प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ़ों के पुल बांधे। 

मनोज कुमार जैन ने भी कुछ ऐसा ही ट्वीट किया था। 

हालाँकि, न्यूयॉर्क टाइम्स की तरफ़ से सफ़ाई आने से पहले ही उस तसवीर को फ़ेक बताया जा रहा था। कई लोग उस पर तंज कस रहे थे। अजय सिंह नाम के यूज़र ने लिखा, 'फोटोशॉप करने वाला असमंजस में था कि शख्स धरती की आखिरी है या सबसे अच्छी उम्मीद। फिर उन्होंने दोनों के लिए कौमा से काम चलाने का फ़ैसला किया!'

बता दें कि तथाकथित उस ख़बर की इस तसवीर में जो 26 सितंबर लिखा हुआ था उस दिन के न्यूयॉर्क टाइम्स के अख़बार के फ्रंट पेज पर ऐसा कुछ नहीं था। उस दिन उस अख़बार के पहले पन्ने पर जर्मनी के फ्रैंकफर्ट की तसवीर थी और ख़बर अमेरिका के टेक्सास की थी। 

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