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यह कैसा ट्रैफ़िक नियम! 15 हज़ार की स्कूटी, 23 हज़ार जुर्माना

यह कैसा ट्रैफ़िक नियम! 15 हज़ार की स्कूटी, 23 हज़ार जुर्माना

यह कैसा नया ट्रैफ़िक नियम! हेलमेट-कागजात नहीं थे तो स्कूटी चलाने वाले पर 23 हज़ार जुर्माना। यदि स्कूटी सिर्फ़ 15 हज़ार रुपये की हो तो? यानी जितना जुर्माना लगाया गया उतने की तो गाड़ी भी नहीं है। 

यह कैसा नया ट्रैफ़िक नियम! हेलमेट-कागजात नहीं थे तो स्कूटी चलाने वाले पर 23 हज़ार जुर्माना। यदि स्कूटी की मार्केट वैल्यू सिर्फ़ 15 हज़ार रुपये हो तो? यानी जितना जुर्माना लगाया गया उतने की तो गाड़ी भी नहीं है। रिपोर्टों में कहा गया है कि स्कूटी चलाने वाले ने कह दिया है कि वह 15 हज़ार की स्कूटी के लिए 23 हज़ार का जुर्माना भरने नहीं जाएँगे। यह मामला गुरुग्राम में चालान काटे जाने का है।

देश भर में मोटर व्हीकल एक्ट में हाल ही में संशोधन किया गया है। बता दें कि एक सितंबर को ही नया नियम लागू हुआ है। 'हिंदुस्तान टाइम्स' ने एक रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि इन बदले नियमों के बाद सोमवार को पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी के रहने वाले दिनेश मदान बिना लाइसेंस के ही गाड़ी चला रहे थे। इसके लिए 5000 रुपए का जुर्माना लगाया गया। रजिस्ट्रेशन सर्टिफ़िकेट नहीं देने के लिए भी पाँच हज़ार रुपये का चालान काटा गया। थर्ड पार्टी इंश्योरेंस नहीं होने पर 2000 रुपये, वायु प्रदूषण नियमों का उल्लंघन के लिए 10 हज़ार रुपये और हेलमेट नहीं पहनने के लिए एक हज़ार रुपये का जुर्माना लगाया गया।

गुरुग्राम पुलिस ने दिनेश का सोमवार को गुरुग्राम की ज़िला अदालत के पास चालान काटा। ‘हिंदुस्तान टाइम्स’ की रिपोर्ट के अनुसार, चालान काटे जाने वाली जगह पर मौजूद एक यातायात पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘चूँकि मदान ने अपना हेलमेट नहीं पहना हुआ था, उसे ऑन-ड्यूटी ट्रैफ़िक कर्मियों ने रोक दिया। पूछने पर वह अपने दस्तावेज़ों को पेश करने में असमर्थ था। इसलिए, चालान काटा गया।

रिपोर्ट के अनुसार, मदान ने कहा, 'मैंने यातायात के कोई नियम नहीं तोड़े। उन्होंने दस मिनट में कागजात देने को कहा जिसे इतने कम समय में लाना नामुमकिन था। उन्होंने मुझे हेलमेट नहीं पहनने के लिए रोका और कहा कि इसके लिए जुर्माना लगाया गया है।'

पहले दिन 39,000 चालान काटे

संसद ने इसी साल जुलाई महीने में मोटर व्हीकल (संशोधन) विधेयक 2019 को पास किया था। इसके बाद यह क़ानून बना। परिवहन मंत्रालय ने 28 अगस्त को अधिसूचना जारी की थी कि एक सितंबर से नए संशोधन को लागू किया जाएगा। 

एक सितंबर को नये नियम लागू होने के पहले दिन 39,000 ड्राइवरों पर अलग-अलग यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए जुर्माना लगाया गया था, जिसमें ट्रिपल राइडिंग, प्रदूषण, नंबर प्लेट सही नहीं होना, प्रेशर हॉर्न का उपयोग करना और ड्राइविंग के दौरान मोबाइल फ़ोन पर बात करना शामिल है।

मोटर व्हीकल (संशोधन) क़ानून को काफ़ी सख्त किया गया है। इसमें कुछ मामलों में चार गुना से अधिक जुर्माना लगाया गया है। कड़ी कार्रवाई के प्रावधान भी किए गए हैं। ड्राइविंग लाइसेंस को जारी करने में सख्त नियम लगाए गए हैं।

संशोधन के बाद भारी जुर्माना

नये नियमों के तहत जुर्माना काफ़ी ज़्यादा बढ़ा दिया गया है। बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने पर 500 से 1500 रुपये का जुर्माना किया गया है जो पहले सिर्फ़ 100 से 300 रुपये था। बिना ड्राइविंग लाइसेंस के गाड़ी चलाते पाए जाने पर 500 की जगह 5000 रुपये देने होंगे। ख़तरनाक ड्राइविंग करने पर अब एक हज़ार की बजाए 5 हज़ार रुपये का चालान किया गया है। 

ड्राइविंग के दौरान फ़ोन पर बात करने पर 1 हज़ार की जगह 5 हज़ार रुपये तक भरने पड़ेंगे। रेड लाइट जंप करने पर पहले जो जुर्माना सिर्फ़ 100 रुपये था अब वह 10 हज़ार रुपया कर दिया गया है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर जुर्माना भी 10 हज़ार हो गया है।

नाबालिग के गाड़ी चलाने पर 25 हज़ार रुपये का जुर्माना, गाड़ी का रजिस्ट्रेशन रद्द होगा और नाबालिग का ड्राइविंग लाइसेंस 25 साल की उम्र तक नहीं बनेगा। ग़लत दिशा में ड्राइविंग करने पर अब 1100 के बजाए 5 हज़ार रुपये तक देने होंगे। इमरजेंसी गाड़ियों जैसे एंबुलेंस और दमकल की गाड़ियों को साइड न देने पर 10 हज़ार रुपये के चालान का प्रावधान है।

भारी जुर्माने के इसी प्रावधान के कारण देश भर में लागू नया मोटर व्हीकल एक्ट का विरोध भी शुरू हो गया है। दिल्ली सरकार भी  आनाकानी करती रही है। ग़ैर बीजेपी शासित राज्यों में से कई ने इस क़ानून को लागू करने से मना कर दिया है। मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने तो साफ़ कह दिया कि वे इतने अधिक जुर्माने से सहमत नहीं हैं, और इसे ऐसे लागू नहीं करेंगे। अब सवाल यह है कि ऐसे हालात में क्या इसमें बदलाव होंगे?

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