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जी -20 देशों में बनी सहमति के बाद नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित

जी -20 देशों में बनी सहमति के बाद नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित

सम्मेलन के दूसरे सत्र में शनिवार को  लीडर्स डिक्लेरेशन या शिखर सम्मेलन के साझा घोषणा-पत्र पर सहमति बन गई है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए इस सत्र में सभी सदस्यों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित कर दिया गया है।  

राजधानी दिल्ली के भारत मंडपम में चल रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। सम्मेलन के दूसरे सत्र में शनिवार को  लीडर्स डिक्लेरेशन या शिखर सम्मेलन के साझा घोषणा-पत्र पर सहमति बन गई है। 

पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुए इस सत्र में सभी सदस्यों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पारित कर दिया गया है।  

इसकी घोषणा करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी टीम की कठिन मेहनत और आप सबके सहयोग से जी - 20 लीडर समिट के डिक्लेरेशन पर सहमति बन गई है। मेरा प्रस्ताव है कि लीडर्स डिक्लेरेशन को भी अपनाया जाए। मैं भी इस डिक्लेरेशन को अपनाने की घोषणा करता हूं। 

इससे पहले पीएम मोदी ने जी - 20 शिखर सम्मेलन में आए विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि यूक्रेन युद्ध के कारण दुनिया में गहरी हुई विश्वास की कमी को एक-दूसरे पर भरोसे में तब्दील किया जाना चाहिए। 

इस मौके पर पीएम मोदी ने अफ्रीकी संघ को जी-20 में शामिल किए जाने का ऐलान किया है। 1999 में स्थापित किए गए जी-20 का पहली बार इसका विस्तार किया गया है।  

जी20  की यह बैठक और इसका घोषणापत्र इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें पिछली किसी भी बैठक की तुलना में अधिक घोषणाओं को शामिल किया गया है। 

नवंबर 2022 में इंडोनेशिया में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में जारी घोषणा पत्र में रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर सदस्य देशों के बीच सहमति नहीं बन पाई थी। रूस और चीन ने खुद काे युद्ध के बारे में की गई टिप्पणियों से अलग कर लिया था। 

इस घोषणा पत्र में यूक्रेन जंग का 4 बार जिक्र हुआ है। इसके बाद भी देशों की साझे घोषणा पत्र पर सहमति बनना एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है। 

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस की घोषणा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मेरा अनुरोध है कि इसे सभी जी - 20 नेताओं द्वारा अपनाया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है कि यह होगा। इस समय, मैं उन सभी मंत्रियों और शेरपाओं को भी दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने इसे संभव बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है। 

जी - 20 के नई दिल्ली डिक्लेरेशन के पारित होने पर इसकी जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि सभी देशों ने नई दिल्ली घोषणा पत्र को मंजूर कर लिया है। जी- 20 देशों के सभी नेताओं ने माना है कि यह संगठन राजनीतिक मुद्दों की चर्चा करने का प्लेटफॉर्म नहीं है। यही कारण है कि अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम मुद्दों की चर्चा इसमें की गई है। 

वहीं केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने कहा है कि भारत की जी - 20 अध्यक्षता जी- 20 के इतिहास में सबसे महत्वाकांक्षी रही है। उन्होंने कहा कि इस मसौदे को कोविड के बाद की दुनिया में एक प्रमुख मील के पत्थर के रूप में याद किया जाएगा। यह अन्य बहुपक्षीय संस्थानों के लिए प्रेरणा दायक होगा। उन्होंने कहा कि यह कोविड के बाद की नई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था , खुशी और जश्न का क्षण है। .

जी - 20 के लिए एकत्र हुए विदेशी मंत्रियों ने जलवायु परिवर्तन सहित विभिन्न चुनौतियों से निपटने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की है।

साझा घोषणा पत्र में एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर

जी-20 का साझा घोषणा पत्र या नई दिल्ली डिक्लेरेशन कुल 37 पेज का है जिसमें कुल कुल 83 पैराग्राफ हैं।

इसमें कहा गया है कि जी-20 के सभी देश सतत विकास लक्ष्य पर काम करेंगे। सभी सदस्य देशों को संयुक्त राष्ट्र संघ के चार्टर के नियमों के मुताबिक काम करना चाहिए। 

इसमें सहमति बनी है कि एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य पर जोर दिया जायेगा। पर्यावरण के अनुकूल ईंधन को बढ़ावा देने की बात भी इसमें है। 

इसमें कहा गया है कि सदस्य देशों के बीच एक जैव ईंधन गठबंधन बनाया जाएगा। इसके संस्थापक सदस्यों में भारत, अमेरिका और ब्राजील होंगे। 

कहा गया है कि, ग्रीन और लो कार्बन उर्जा तकनीक पर काम किया जायेगा। इस साझा घोषणा पत्र में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर एक ग्लोबल पॉलिसी बनाने के लिए आपस में बातचीत करने की बात कही गई है।

साथ ही इसमें सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद के हर रूप की आलोचना की है। 

इसमें सहमति बनी है कि मल्टीलैट्रल डेवलपमेंट बैंको को मजबूती प्रदान की जायेगा। इन्हें बेहतर, बड़ा और ज्यादा कारगर बनाया जाएगा। विश्व में तेजी से विकास करने वाले शहरों के लिए फंड जारी किया जायेगा। ऋण देने को लेकर बेहतर व्यवस्था बनाने की बात भी इसमें कही गई है। 

वैश्विक कल्याण के लिए सभी के एक-साथ मिलकर चलने का समय है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को जी-20 के शिखर सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा है कि भारत की जी- 20 अध्यक्षता देश के भीतर और बाहर समावेशिता का प्रतीक बन गई है। यह समय वैश्विक कल्याण के लिए सभी देशों को एक-साथ मिलकर चलने का समय है। जब हम मिलकर कोरोना को हरा सकते हैं तो आपसी चर्चा से यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़े  विश्वास के इस संकट को भी दूर सकते हैं। 

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने उद्घाटन भाषण की शुरुआत मोरक्को भूकंप में मारे गए लोगों के लिए संवेदना व्यक्त करके की है। उन्होंने कहा- दुख की इस घड़ी में पूरा विश्व समुदाय मोरक्को के लोगों के साथ हैं। हम उन्हें हर संभव सहायता देने के लिए तैयार हैं। 

शनिवार को इस सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा कि भारत ने कनेक्टिविटी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। यह सभी देशों में विश्वास बढ़ाने का स्रोत है। इसमें सभी देशों की संप्रभुता और उनकी क्षेत्रीय एकता का सम्मान होना जरूरी है।  

भारत में आधारभूत संरचनाओं में निवेश हो रहा है। उन्होंने कहा कि हम आने वाली पीढ़ियों के विकास के बीज बो रहे हैं। ग्लोबल साउथ के देशों में आधारभूत संरचनाओं में गैप पर काम किया जा रहा है। आज के समय में मजबूत कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास का आधार है। उन्होंने कहा कि भारत - मिडिल ईस्ट -  यूरोप कनेक्टिविटी कॉरिडोर शुरू होगा।

जी20 के इस शिखर सम्मेलन में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला डा सिल्वा, सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान समेत विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए हैं। वहीं रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग इस शिखर सम्मेलन में भाग नहीं ले रहे हैं। उनकी जगह उनके प्रतिनिधि पहुंचे हैं। 

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