खारकीव में अब रूस की मदद से निकल रहे हैं भारतीय
खारकीव में भारतीय छात्रों को आज फिर एक एडवाइजरी जारी कर उनसे फॉर्म भरने को कहा गया, ताकि उन्हें वहां से निकाला जा सके। इससे पहले कल जब एडवाइजरी जारी हुई थी तो वहां मेट्रो स्टेशन पहुंचने पर अफरातफरी मच गई थी। खारकीव में हालात बिगड़ चुके हैं। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे कुछ सूत्रों ने बताया कि खारकीव अब व्यावहारिक रूप से रूसी नियंत्रण में है। वहां रूसी भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद कर रहे हैं।
भारतीय एम्बेसी ने कल कई दो एडवाइजरी जारी कर खारकीव में भारतीयों को स्थानीय समयानुसार शाम छह बजे तक तुरंत" शहर छोड़ने और पास के तीन शहरों - पिसोचिन, बाबई या बेज़लुदिवका तक पहुंचने के लिए कहा था। दूतावास ने ऑल-कैप एडवाइजरी में कहा था कि जिन्हें ट्रांसपोर्ट न मिले वो लोग पैदल ही चल पड़ें।
All Indian Nationals who are in KHARKIV excluding PISOCHYN, please fill up details contained in the form on an urgent basis: https://t.co/hm5ayU5UgC
— India in Ukraine (@IndiainUkraine) March 3, 2022
आज शाम को दूतावास के हैंडल से ट्वीट किया गया, "सभी भारतीय नागरिक जो खारकीव में हैं, कृपया फौरन फॉर्म भरें। इस फॉर्म में नाम, पता, पासपोर्ट नंबर और निकाले जाने वाले अतिरिक्त लोगों की संख्या शामिल है।
आज शाम, सरकार ने कहा कि यूक्रेन से पिछले 24 घंटों में 15 उड़ानों में 3,000 भारतीयों को निकाला गया। विदेश मंत्रालय ने कहा कि "ऑपरेशन गंगा" कार्यक्रम के तहत छात्रों को घर पहुंचाने के लिए और उड़ानें निर्धारित की गई हैं।
One of the buildings of Kharkiv university on fire, hit by Russian missile. One of the first universities in Russian empire, officially founded in 1805. I interviewed a pro-Russian academic here in 2014. Putin is now destroying “Russian world” he is claiming to protect. pic.twitter.com/EvavU2L5SI
— Leonid Ragozin (@leonidragozin) March 2, 2022
कल की एडवाइजरी ने खारकीव स्टेशन पर घंटों इंतजार कर रहे छात्रों को परेशान कर दिया था। वहां इतनी भीड़ हो गई थी, जिस वजह से काफी तो ट्रेन में चढ़ने में असमर्थ थे। कई वीडियो संदेशों में, छात्रों ने कहा कि उनमें से कई बड़े जोखिम उठाकर स्टेशन तक पहुंचने में कामयाब रहे और फिर जब ट्रेन में चढ़े तो उन्हें बाहर कर दिया गया। बाद में शाम को, सूत्रों ने कहा कि छात्राओं को रूसी मदद से ट्रेन से यूक्रेन की पश्चिमी सीमा पर भेजा गया और छात्रों को निकालने के प्रयास जारी थे।