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नेटफ्लिक्स की नई सीरीज़ 'बेताल' में नहीं दिखा ज़रा भी हॉरर, निराश करती है कहानी

नेटफ्लिक्स की नई सीरीज़ 'बेताल' में नहीं दिखा ज़रा भी हॉरर, निराश करती है कहानी

सुपरस्टार शाहरुख ख़ान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज़ द्वारा प्रोड्यूस की गई व पैट्रिक ग्राहम और निखिल महाजन द्वारा डायरेक्ट की गई सीरीज़ 'बेताल' की कहानी हॉरर आधारित है। 

सीरीज़- बेताल

डायरेक्टर- पैट्रिक ग्राहम, निखिल महाजन

कास्ट- विनीत कुमार, सुचित्रा पिल्लै, आहना कुमरा, जीतेंद्र जोशी

स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म- नेटफ्लिक्स

शैली- हॉरर-थ्रिलर

रेटिंग- 1.5/5

ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफ़ॉर्म नेटफ्लिक्स पर एक नई सीरीज़ रिलीज़ हुई है। नाम है 'बेताल'। विक्रम-बेताल की तो सभी ने बचपन में कहानियाँ सुनी ही होंगी लेकिन यह सीरीज़ उस बेताल से ज़रा भी ताल्लुक नहीं रखती। सुपरस्टार शाहरुख ख़ान के प्रोडक्शन हाउस रेड चिलीज़ द्वारा प्रोड्यूस की गई व पैट्रिक ग्राहम और निखिल महाजन द्वारा डायरेक्ट की गई सीरीज़ 'बेताल' की कहानी हॉरर आधारित है। सीरीज़ में विनीत कुमार, सुचित्रा पिल्लै और आहना कुमरा लीड रोल में हैं। तो आइये जानते हैं इसकी कहानी के बारे में-

'बेताल' की कहानी शुरू होती है एक आदिवासी गाँव से जहाँ पर एक हाइवे का निर्माण कार्य होना है और इसकी ज़िम्मेदारी कॉन्ट्रैक्टर अजय मधुलवन (जीतेंद्र जोशी) की होती है। गाँव में ही एक गुफा जिसे वहाँ के ग्रामीण तोड़ने के सख़्त ख़िलाफ़ हैं क्योंकि उसमें एक बेताल रहता है। बेताल के रूप में एक ब्रिटिश सेना का अफ़सर है जो अपनी पूरी सेना के साथ उस गुफा में रहता है। गाँव वालों को हटाने का ज़िम्मा सीआईपीडी फ़ोर्स की कमांडिंग अफ़सर त्यागी (सुचित्रा पिल्लै) के पास आता है और वो जवान विक्रम सिरोही (विनीत कुमार), अहलुवालिया (आहना कुमरा) व अन्य के साथ गाँव के लिए निकल जाती हैं। अफ़सर और गाँव वालों के बीच मुठभेड़ होती है इसमें गुफा खुल जाती है। इसके बाद जॉम्बी ब्रिटिश अफ़सर अपनी सेना के साथ आज़ाद हो जाता है। अब पूरी जॉम्बी की सेना को सीआईपीडी के जवान कैसे रोकते हैं या सभी लोग मर जाते हैं, क्या आदिवासी गाँव के लोग बचेंगे या सभी लोगों को जॉम्बी मार देंगे, ये सब जानने के लिए आपको सीरीज़ 'बेताल' को नेटफ्लिक्स पर देखना होगा।

डायरेक्शन

पैट्रिक ग्राहम ने सुहानी कँवर के साथ मिलकर सीरीज़ की कहानी को लिखा है। पैट्रिक ग्राहम और निखिल महाजन के डायरेक्शन में बनी इस सीरीज़ की कहानी उसी तरह से है जैसे कि हम पहले भी कई बॉलीवुड फ़िल्मों में देखते आ रहे हैं। कुछ ऐसे सीन्स और इफ़ेक्ट्स डाले गए हैं जो आपको चौंका देंगे लेकिन सीरीज़ में जो जॉम्बी बनाए गए हैं वो डराने से ज़्यादा हँसाते हैं। अगर इस पर ध्यान दिया जाता तो सीरीज़ अच्छी बन सकती थी।

 - Satya Hindi

सीरीज़ 'बेताल' का एक दृश्य।

एक्टिंग

विनीत कुमार सिंह जिनका सीरीज़ में सबसे अहम रोल है और उन्होंने हमेशा की तरह शानदार एक्टिंग की है लेकिन कहानी अच्छी न होने के कारण उनकी मेहनत बेकार लगती है। अहाना कुमरा की एक्टिंग ठीक-ठाक रही लेकिन वह अपने रोल के साथ पूरी तरह से न्याय नहीं कर पाईं। सुमित्रा पिल्लै को ज़्यादा स्क्रीन नहीं मिली और उस हिसाब से उनकी एक्टिंग भी ठीक रही। सीरीज़ के बाक़ी सभी स्टार जीतेंद्र जोशी, साइना आनंद, मंजरी पुपाला, अंकुर विकाल और अन्य ने भी अपने-अपने रोल में ठीक-ठाक ही काम किया है।

सीरीज़ 'बेताल' में देखने वाली चीज है उसके नाइट इफ़ेक्ट्स और एक्शन। अगर आप बिना कुछ सोचे-समझे इस सीरीज़ को देखेंगे तब आपको यह एक बार सही लग सकती है। सीरीज़ 'बेताल' से लोगों को काफी उम्मीद थी और इस लॉकडाउन के समय में सभी लोग कुछ अच्छा ही देखना चाहते हैं। लेकिन नेटफ्लिक्स ने एक बार फिर से लोगों को निराश किया। 

किसी भी सीरीज़ या फ़िल्म की जान उसकी कहानी होती है और कहानी जब हॉरर हो तो उससे उम्मीदें ज़्यादा होती हैं। 'बेताल' के जॉम्बी डराने में एकदम नाकामयाब साबित होते हैं। रेड चिलीज़ एंटरटेनमेंट के बैनर तले बनी और नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हुई सीरीज़ 'बेताल' ने भी उसी तरह निराश किया है जैसे कुछ समय पहले आई सीरीज़ 'बार्ड ऑफ़ ब्लड' ने किया था। यहाँ पर यह कहावत फिट बैठती है 'ऊँची दुकान और फीके पकवान'।

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