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यूएस कांग्रेस में नेतन्याहू का 'युद्ध' के लिए भाषण, बाहर जबरदस्त प्रदर्शन

यूएस कांग्रेस में नेतन्याहू का 'युद्ध' के लिए भाषण, बाहर जबरदस्त प्रदर्शन

इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू बुधवार को जब यूएस कांग्रेस में गजा में युद्ध तेज करने के लिए जब मदद मांग रहे थे तो उस समय यूएस कैपिटल में हजारों लोग नेतन्याहू के भाषण का जबरदस्त विरोध कर रहे थे। ऐसा अमेरिका में ही संभव है। भारत में तो ऐसे प्रदर्शनकारी कई किलोमीटर दूर रोक दिए जाते हैं या राजधानी में प्रवेश ही नहीं कर पाते।

अमेरिका से इजराइल को सैन्य सहायता बंद करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए वाशिंगटन के यूनियन स्टेशन के बाहर फिलिस्तीनी झंडे फहराए और अमेरिकी झंडे जलाए। जब नेतन्याहू का यूएस कांग्रेस (अमेरिकी संसद) में भाषण चल रहा था, तब पुलिस ने यूएस कैपिटल के बाहर जमा हुए हजारों प्रदर्शनकारियों में से कुछ पर काली मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया।

उधर, नेतन्याहू ने गजा में इजराइली युद्ध का बचाव किया और मदद मांगी। नेतन्याहू ने अमेरिकी संसद में तीखे भाषण में अमेरिकी प्रदर्शनकारियों की निंदा की। गजा में युद्ध के नौ महीने बाद, नेतन्याहू ने "पूर्ण विजय" तक युद्ध जारी रखने की कसम खाई। उन्होंने हमास और अन्य ईरान समर्थित सशस्त्र समूहों के खिलाफ लड़ाई के लिए अमेरिकी समर्थन बढ़ाने की भी मांग की।  अमेरिका के कई शीर्ष डेमोक्रेटिक सांसदों ने नेतन्याहू के भाषण का बहिष्कार किया।

नेतन्याहू ने कहा- “अमेरिका और इज़राइल को एक साथ खड़ा होना चाहिए। जब हम एक साथ खड़े होते हैं तो वास्तव चीजें आसा न हो जाती हैं: हम जीतते हैं, वे हारते हैं।” नेतन्याहू ने हमास द्वारा बंधक बनाए गए इजराइली बंधकों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए एक पीला पिन पहना हुआ था। उनके भाषण पर संसद में कई सांसदों ने तालियां बजाईं, लेकिन प्रमुख डेमोक्रेटों ने खड़े होकर जयकार करने से इनकार कर दिया। कुछ के पास नेतन्याहू के खिलाफ पोस्टर भी थे। 

मिशिगन डेमोक्रेट सांसद रशीदा तलीब संसद में रो रही थीं और उन्होंने एक तख्ती पकड़ रखी थी जिस पर नेतन्याहू के लिए लिखा था "युद्ध अपराधी।"

 - Satya Hindi

डेमोक्रेट सांसद रशीदा तलीब

इज़राइल में भी नेतन्याहू के खिलाफ आए दिन प्रदर्शन हो रहे हैं। उनकी लोकप्रियता और साख उनके अपने देश में खत्म हो गई है। इसीलिए वो यूएस कांग्रेस में संबोधित करने आए थे, उनका लक्ष्य खुद को इज़राइल के सबसे महत्वपूर्ण सहयोगी द्वारा सम्मानित राजनेता के रूप में चित्रित करना भी था। हालांकि यह काम इज़राइल और युद्ध पर अमेरिकियों के बढ़ते विभाजित विचारों के कारण काफी मुश्किल हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में यह भी एक प्रमुख मुद्दा बनकर उभरा है। अमेरिकी समाज का बड़ा हिस्सा गजा में निर्दोष लोगों को मारे जाने के खिलाफ है। 

यूएस कैपिटल में बुधवार का प्रदर्शन मामूली नहीं था। हजारों लोगों का किसी देश के प्रधानमंत्री के भाषण का विरोध करने के लिए जमा होना, अमेरिका में बड़ी बात मानी जाती है। पुलिस ने कैपिटल में ऊंचे स्टील अवरोधक लगा रखे थे और काली मिर्च स्प्रे यूनिट तैनात किया था। हजारों प्रदर्शनकारियों ने नेतन्याहू को "युद्ध अपराधी" बताते हुए निंदा की  और गजा में युद्धविराम का आह्वान किया।

यूएस कैपिटल पुलिस ने कहा कि मार्च कर रहे प्रदर्शनकारियों ने नाकाबंदी को पार करने की कोशिश की और कहे जाने पर भी पीछे नहीं हटे। पुलिस ने एक बयान में कहा, "भीड़ पुलिस लाइन से पीछे हटने के हमारे आदेश का पालन करने में नाकाम रही। हम कानून तोड़ने और उस लाइन को पार करने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति पर काली मिर्च स्प्रे डाल रहे हैं।"

प्रदर्शन में भाग लेने वाली डेलावेयर की एक फार्मेसी तकनीशियन सारा बाउल्स ने कहा- "हम (पुलिस के लिए) कोई खतरा नहीं थे।" सारा ने विरोध प्रदर्शन में भाग लेते हुए घायल प्रदर्शनकारियों की मदद भी की। प्रदर्शनकारी समूहों में से एक ने कहा कि मार्च करते समय पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर हमला किया।

गजा में यूएन स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि लगभग 40,000 फिलिस्तीनी इजराइली बमबारी और हमले में मारे गए हैं। जिनमें बच्चों और महिलाओं की संख्या ज्यादा है। इजराइल ने बच्चों के अस्पतालों, अनाथालयों को चुन-चुन कर निशाना बनाया और उन पर बम बरसाये। इसकी शुरूआत 7 अक्टूबर 2023 को हुई थी, जब हमास ने इजराइल के अंदर घुसकर हमला किया था। इस हमले में 1200 इजराइली नागरिक मारे गए थे और 250 लोगों को बंधक बना लिया गया था। 

फिलिस्तीन का लड़ाका समूह हमास लंबे समय से फिलिस्तीन में इजराइल के अवैध कब्जे के खिलाफ संघर्ष कर रहा है। अब संयुक्त राष्ट्र की सबसे बड़ी अदालत इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) ने भी कह दिया है कि फिलिस्तीन में इजराइली कब्जा अवैध है। इजराइल को फिलिस्तीन से हट जाना चाहिए।

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