NEET पेपर लीकः क्या एनडीए का विधायक ही सरगना है, सरकार चुप क्यों?
लखनऊ से लेकर दिल्ली तक नीट पेपर लीक के मामले ने अब सियासी हंगामा मचा दिया है। पेपर लीक में राजनीतिक कनेक्शन सामने आ रहे हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक बेदी राम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह पेपर लीक कर भर्ती कराने की बात कहते नजर आ रहे हैं। 10 साल पहले पेपर लीक मामले में वह जेल भी गए थे।
विधायक बेदी राम मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले हैं। खास बात यह है कि उनकी पार्टी फिलहाल उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी है। बेदी राम यूपी के गाजीपुर जिले की जखनिया सीट से विधायक चुने गए हैं। 2014 में वो पेपर लीक से जुड़े मामले में जेल जा चुके हैं।
सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद बेदी राम लगातार सुर्खियों में हैं। वीडियो में वह पेपर लीक कर भर्ती कराने का दावा कर रहे हैं। इतना ही नहीं बेदी राम खुद 2014 में जब गिरफ्तार हुए तो उन पर गैंगस्टर और राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) भी लगाया गया। पेपर लीक मामले में उन्हें भी एसटीएफ ने गिरफ्तार किया था। नीचे वीडियो देखिए-
Why no one is talking about this?
— Mahua Moitra Fans (@MahuaMoitraFans) June 26, 2024
Sting Operation by @UPTakOfficial shows NDA MLA @BediRam5 is the mastermind of #PaperLeak.
CM Yogi Adityanath should clarify why no action has been taken yet on this MLA. #NEET_छात्रों_की_आवाज़ #NeetScam pic.twitter.com/nEAaqAAXXm
विधायक बेदी राम को पेपर लीक गिरोह का सरगना माना जाता है। बेदी राम पर हिमाचल प्रदेश और मध्य प्रदेश में भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक करने का आरोप है। आरोप है कि बेदी राम रेलवे भर्ती परीक्षा के पेपर भी कई बार लीक कर चुके हैं। 2014 में रेलवे लोको पायलट के पेपर लीक मामले में एसटीएफ ने उन्हें लखनऊ से गिरफ्तार किया था।
सुभासभा एनडीए की उन 38 पार्टियों में है, जिसका दावा मोदी ने चुनाव से पहले किया था। भाजपा द्वारा आयोजित उन 38 पार्टियों के सम्मेलन में ओम प्रकाश राजभर शामिल हुए थे। उसके बाद अमित शाह के निर्देश पर राजभर को योगी आदित्यनाथ ने मंत्री बनाया। हालांकि योगी उनसे खुश नहीं हैं लेकिन गठबंधन की मजबूरी में रखा हुआ है। राजभर अपने बयानों के लिए मजाक का पात्र बनते रहते हैं। ये वही राजभर हैं जिन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए गठबंधन का साथ छोड़कर सपा का दामन थामा था। अखिलेश की जब सरकार नहीं बनी तो ओमप्रकाश राजभर ने फिर सपा का भी साथ छोड़ा और भाजपा की शरण में पहुंच गए।
बीजेपी और एनडीए की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक का नाम आने पर कांग्रेस ने कड़ा हमला किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पार्टी ने लिखा है- विधायक का नाम बेदी राम है और उनका धंधा देशभर में पेपर लीक करना और उससे पैसे कमाना है। बेदी राम बीजेपी के पसंदीदा हैं।
एक्स पर कांग्रेस ने उन्हें (सुभासपा) पीएम नरेंद्र मोदी का सहयोगी बताया और बेदी राम को लेकर कई सवाल उठाए गए। कांग्रेस ने कहा, ''एनडीए विधायक बेदी राम कहते हैं कि देश में कोई भी पेपर लीक हो सकता है। पेपर लीक मामले में वह पहले भी जेल जा चुके हैं। अगर बेदी राम ने पेपर लीक कराया है तो भी वो एनडीए में क्यों रखे गए हैं? कांग्रेस ने आरोप लगाया, “यह स्पष्ट है: जहां भी पेपर लीक हुआ है, वहां भाजपा का कनेक्शन है।”
नीट और यूजीसी नेट पेपर लीक का मामला बड़ा होता जा रहा है। इसके कनेक्शन बिहार के अलावा गुजरात के गोधरा से भी पाए गए हैं। सीबीआई की टीमों ने दोनों ही शहरों में पकड़े गए लोगों से पूछताछ की है। बिहार पुलिस और गुजरात पुलिस ने आरोपियों को सबसे पहले पकड़ा और जिससे पता चला कि सॉल्वर गैंग का नेटवर्क बहुत बड़ा है। मुख्य आरोपी बिहार से हैं। लेकिन गोधरा में तो एक पूरा सेंटर ही पेपर लीक का केंद्र था। वहां के टीचर, हेड मास्टर, मैनेजर गिरफ्तार किए गए हैं। यह सेंटर एक स्कूल में था।