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नीट का मुद्दा संसद में उठाने से रोका गया, दोनों सदन में हंगामा

नीट का मुद्दा संसद में उठाने से रोका गया, दोनों सदन में हंगामा

संसद में सरकार विपक्ष के किसी भी मुद्दे पर बहस होने नहीं दे रही है। नेता प्रतिपक्ष ने नीट पर एक दिन की बहस की पेशकश की लेकिन स्पीकर ने उसे नामंजूर कर दिया। तमाम विपक्षी सांसद तीनों नए आपराधिक कानूनों पर लोकसभा और राज्यसभा में बहस चाहते थे लेकिन उन्हें भी अनुमति नहीं मिली। विपक्ष ने नाराज होकर सदन से वाकआउट किया।

संसद के दोनों सदनों में विपक्ष ने नीट और मुस्लिमों पर हमले का मुद्दा उठाना चाहा लेकिन सत्ता पक्ष से जबरदस्त ऐतराज हुआ। इस पर दोनों सदनों में इस पर बहस नहीं हो पाई। राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इन मुद्दों को उठाना चाहा तो लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने नीट पर बहस के लिए पूरा एक दिन मांगा लेकिन स्पीकर ने सुझाव को नामंजूर कर दिया। 

राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए, एलओपी मल्लिकार्जुन खड़गे ने नीट पेपर लीक मुद्दे पर सरकार पर निशाना साधा। खड़गे ने सुझाव दिया, "सिर्फ नीट या एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ही नहीं, बल्कि संपूर्ण शिक्षा प्रणाली की सुप्रीम कोर्ट के तहत समीक्षा की जानी चाहिए।" इस पर अध्यक्ष जगदीप धनखड़ ने कहा कि हर संस्थान को पहले अपना काम करना चाहिए। 

राज्यसभा में सदन के नेता जे.पी.नड्डा ने पहले हस्तक्षेप किया और विपक्ष के नेता पर सभापति पर "गंभीर आरोप लगाने" का आरोप लगाया। नड्डा ने कहा- “अगर विपक्ष के नेता कह रहे हैं कि अध्यक्ष को अगले 3.5 वर्षों तक सच्चाई का समर्थन करना चाहिए, तो इसका ऑटोमैटिक मतलब है कि वह यह आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने पिछले 1.5 वर्षों में ऐसा नहीं किया है।” खड़गे ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण केवल सरकार की प्रशंसा से भरा था, जिसमें समाज के सबसे कमजोर वर्गों के लिए प्रावधान की कमी जैसे मूलभूत मुद्दों की अनदेखी की गई थी।

खड़गे ने सदन में मुस्लिम युवकों की लिंचिंग की घटनाओं को जैसे ही उठाना चाहा, सत्ता पक्ष के सांसदों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। खड़गे ने कहा कि उन्हें जनहित के मुद्दे उठाने से रोका जा रहा है।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने नीट पर विपक्षी सांसदों के स्थगन प्रस्तावों को स्वीकार नहीं किया। पेपर लीक मुद्दे पर एक दिवसीय चर्चा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के सुझाव पर भी विचार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, "आप अपने सुझाव दे सकते हैं, लेकिन मैं फैसला करता हूं कि चर्चा नहीं होगी।" इस पर कई विपक्षी सांसद वॉकआउट करके चले गए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने 1 जुलाई से लागू तीन नए आपराधिक कानूनों पर उन पर चर्चा के उद्देश्य से स्थगन प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन स्पीकर ने उसे नामंजूर कर दिया।

राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने बाद में सरकार से आश्वासन मांगा कि धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के बाद नीट मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कहा, "हम संसद से छात्रों को संदेश भेज सकते हैं कि NEET का मुद्दा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम इस पर बहस करेंगे।" इस पर स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा- धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस के दौरान कोई अन्य चर्चा करने की कोई परंपरा नहीं है। यानी कुल मिलाकर सरकार नीट पर चर्चा के लिए किसी भी रूप में राजी नहीं हुई।

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