NEET: क्या बिहार है पेपर लीक का केंद्र, 110 छात्रों पर एक्शन, 750 ने रीटेस्ट नहीं दिया
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) का कहना है कि नीट-यूजी 2024 का रीटेस्ट देने 48 फीसदी छात्र नहीं आए। एनटीए ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, जिन 1,563 छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए गए थे, उन्हें रविवार 23 जून को रीटेस्ट के लिए कहा गया था।
एनटीए ने जो जानकारी दी है, उसके मुताबिक कुल 1563 में से 813 (52 प्रतिशत) ने रीटेस्ट दिया और 750 ने छोड़ दिया। एनटीए ने छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, मेघालय और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ में सात परीक्षा केंद्र खोले थे। एनटीए ने हर केंद्र का डेटा जारी किया है।
एनटीए ने बताया कि चंडीगढ़ में 2 छात्रों को रीटेस्ट देना था, लेकिन वे नहीं आए। छत्तीसगढ़ में 603 को रीटेस्ट देना था, लेकिन 291 आए और 311 ने रीटेस्ट नहीं दिया। गुजरात में सिर्फ एक छात्र को रीटेस्ट देना था, उसने दिया। हरियाणा में 494 को रीटेस्ट देना था, जिसमें 287 ने दिया लेकिन 207 ने रीटेस्ट नहीं दिया। मेघालय में 464 को रीटेस्ट देना था, लेकिन 234 देने आए, 230 ने रीटेस्ट नहीं दिया।
नीट यूजी 2024 परीक्षा विवादों में आ गई है। यह परीक्षा 5 मई को 24 लाख छात्रों ने दी थी। 4 जून को नतीजे आए थे। उसी के बाद पेपर लीक और अन्य धांधली के आरोप लगे। सीबीआई ने रविवार 23 जून को इस संबंध में एफआईआर दर्ज की है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए पेपर लीक से इनकार करते रहे हैं। लेकिन बिहार और गुजरात पुलिस ने पेपर लीक के आरोप में गिरफ्तारियां की हैं।
सीबीआई की एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि परीक्षा के आयोजन के दौरान कुछ राज्यों में "कुछ अलग-अलग घटनाएं" हुईं। मामले की गंभीरता को देखते हुए, सीबीआई ने विशेष टीमों का गठन किया है जो गोधरा और पटना जा रही हैं, जहां पुलिस ने प्रश्न पत्र लीक के मामले दर्ज किए हैं।
एनटीए ने कहा कि नीट-यूजी परीश्रा के दौरान गलत तरीके अपनाने के आरोप में देश भर से 110 उम्मीदवारों को परीक्षा से बाहर कर दिया गया। इनमें बिहार से 17 और गुजरात के गोधरा से 30 लोग शामिल हैं।
मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि परीक्षा के संचालन और पूरे घटनाक्रम में एनटीए अधिकारियों की भूमिका और बड़ी साजिश जांच के दायरे में है। सरकार एनटीए के कामकाज की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय पैनल पहले ही बना चुकी है। एनटीए के डीजी सुबोध कुमार सिंह को हटाया जा चुका है।
क्या पेपर लीक का केंद्र बिहार है
पटना पुलिस ने रविवार शाम झारखंड के देवघर से हिरासत में लिये गये पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपी नालंदा के रहने वाले हैं। वे हैं: बलदेव कुमार, मुकेश कुमार, पंकू कुमार, राजीव कुमार और परमजीत सिंह। बयान में कहा गया है कि कुख्यात संजीव कुमार उर्फ लुटन मुखिया गिरोह से जुड़े बलदेव कुमार को कथित तौर पर परीक्षा से एक दिन पहले अपने मोबाइल फोन पर पीडीएफ प्रारूप में एनईईटी-यूजी परीक्षा की हल की गई उत्तर पुस्तिका प्राप्त हुई।
पुलिस के बयान में दावा किया गया कि कई अंतरराज्यीय पेपर लीक की साजिश रचने के आरोपी मुखिया गिरोह के सदस्य ही लीक उत्तर पुस्तिका के स्रोत थे। बलदेव और उनके सहयोगियों ने 4 मई को पटना के राम कृष्ण नगर में एक सुरक्षित घर में एकत्र हुए छात्रों को उत्तर पुस्तिका छापी। नीतीश कुमार और अमित आनंद, जिन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था, ने छात्रों को सुरक्षित घर में लाया था।
पुलिस के बयान में कहा गया है कि नीट-यूजी प्रश्न पत्र झारखंड के हजारीबाग के एक निजी स्कूल से मुखिया गिरोह द्वारा प्राप्त किया गया था। जांचकर्ताओं को पटना सुरक्षित घर से आंशिक रूप से जला हुआ प्रश्न पत्र बरामद हुआ है। उन्होंने पेपर का राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा प्रदान किए गए संदर्भ प्रश्न पत्र से मिलान किया है, जिससे लीक की पुष्टि होती है।
यह मामला संसद में उठ सकता है। संसद का नया सत्र सोमवार 24 जून से शुरू हो रहा है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, जयराम रमेश समेत कई विपक्षी नेताओं ने नीट यूजी परीक्षा में धांधली को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। राहुल ने कहा है कि वो इस मामले को संसद में भी उठाएंगे। राहुल का आऱोप है कि पीएम मोदी पर शिक्षा माफिया हावी है। उल्लेखनीय है कि गुजरात में गोधरा के एक पूरे सेंटर को ही पेपर लीक के आरोपों में घिरा पाया गया है। वहां के टीचर, प्रिंसिपल, मैनेजर को गिरफ्तार किया गया है।