महाराष्ट्र: फ़्लोर टेस्ट से पहले ही बीजेपी ने मानी हार, फडणवीस ने दिया इस्तीफ़ा
महाराष्ट्र में मंगलवार को तेजी से बदले घटनाक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस्तीफ़ा दे दिया। फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इस्तीफ़ा देने की घोषणा की। प्रेस कॉन्फ़्रेंस के बाद फडणवीस ने राजभवन जाकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफ़ा सौंप दिया। फडणवीस से पहले एनसीपी के बाग़ी नेता अजीत पवार ने भी उप मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दे दिया। राज्यपाल ने 23 नवंबर को दोनों नेताओं को शपथ दिलाई थी। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था और अदालत ने दो दिन तक सुनवाई के बाद बुधवार को फ़्लोर टेस्ट कराने का आदेश दिया था।
Mumbai: Devendra Fadnavis submits his resignation to Governor Bhagat Singh Koshyari #Maharashtra. pic.twitter.com/0oGLYJ7qrN
— ANI (@ANI) November 26, 2019
प्रेस कॉन्फ़्रेंस में फडणवीस ने कहा कि बीजेपी-शिवसेना को सरकार बनाने का जनादेश मिला था और हमने सरकार बनाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘हमने कभी शिवसेना से ढाई साल के मुख्यमंत्री पद का वादा नहीं किया। हमने शिवसेना का काफ़ी इंतजार किया लेकिन उन्होंने एनसीपी और कांग्रेस से बातचीत शुरू कर दी थी।’
23 नवंबर को तड़के देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार ने मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ लेकर जो अप्रत्याशित धमाका किया था आज उससे बड़ा धमाका सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोनों नेताओं के इस्तीफ़ा देने से हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक़, बुधवार को 5 बजे से पहले देवेंद्र फडणवीस को अपना बहुमत साबित करना था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने हार स्वीकार कर ली।
अजीत पवार को मनाने के लिए मंगलवार सुबह से ही सुप्रिया सुले के पति सदानंद सुले उनके साथ ट्राईडेंट होटल में थे। अजीत पवार को मनाने की कोशिशें पिछले दो दिनों से चल रही थीं और उसमें एक बात यह निकल कर आयी थी कि एक बार शरद पवार और सुप्रिया सुले की मीटिंग अजीत पवार से करा दी जाए। यह काम सदानंद सुले ने किया। उन्होंने शरद पवार की पत्नी प्रतिभा पवार से अजीत पवार की मुलाक़ात कराई। बताया जाता है कि प्रतिभा पवार की किसी भी बात को अजीत पवार नहीं टालते हैं और उनका विशेष सम्मान करते हैं।
अजीत पवार ने रखी थी शर्त
प्रतिभा पवार से मीटिंग होने के बाद अजीत पवार ने एक शर्त रखी थी कि वह वापस आयेंगे लेकिन सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लेंगे। इस शर्त के बाद शरद पवार और सुप्रिया सुले उनसे मिले और इस फ़ैसले को अंतिम रूप दिया और थोड़ी देर बाद अजीत पवार ने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया।
अजीत पवार के इस फ़ैसले पर बीजेपी नेताओं की भी नजर थी और जैसे ही पवार के निर्णय की उन्हें जानकारी मिली उन्होंने दिल्ली में हाई कमान को सूचित किया। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने इस पर तुरंत चर्चा की और अपना निर्णय देवेंद्र फडणवीस और महाराष्ट्र के नेताओं को बता दिया।
इससे पहले सुबह ट्राईडेंट होटल में एनसीपी नेताओं से मुलाक़ात के बाद अजित पवार, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलने उनके सरकारी आवास वर्षा गए थे और वहां उन्होंने अपना इस्तीफ़ा फडणवीस को सौंप दिया था। एनसीपी नेताओं और देवेंद्र फडणवीस से मुलाक़ात के बाद अजित पवार अपने भाई श्रीनिवास पवार के घर गए थे।
फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद अजीत पवार ने हमसे सरकार बनाने की बात की। फडणवीस ने कहा, ‘अजीत पवार के प्रस्ताव पर हमने उनसे चर्चा की और उनके समर्थन से सरकार बनाने की पहल की। अजीत पवार के इस्तीफ़े के बाद हमने यह निर्णय किया कि हम किसी दल के विधायक नहीं खरीदेंगे और इस्तीफ़ा देंगे।’ फडणवीस ने कहा कि अब दूसरे दल सरकार बनाएं, हम उन्हें शुभकामनाएं देते हैं।'
फ़्लोर टेस्ट से पहले ही देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार के इस्तीफ़ा देने को बीजेपी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। क्योंकि बीजेपी यह दावा कर रही थी कि उसके पास 170 विधायकों का समर्थन है। बीजेपी ने अजीत पवार के भरोसे ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने का क़दम उठाया था और उसे उम्मीद थी कि अजीत पवार अपने साथ एनसीपी के कुछ विधायकों को तोड़कर लाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। हालांकि पहले यह कहा गया कि अजीत पवार के पास 22 विधायक हैं लेकिन 24 घंटे के अंदर ही लगभग सभी विधायक एनसीपी में वापस चले गए।