महाराष्ट्र में उद्धव सरकार के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक और एनसीबी के बीच शह और मात का खेल चल रहा है। नवाब मलिक ने क्रूज ड्रग्स मामले में एनसीबी के ख़िलाफ़ मोर्चा खोला हुआ है तो अब एनसीबी भी जोरदार जवाब देने की तैयारी में है।
एनसीबी ने एक अफ़सर ने एएनआई से कहा कि वह नवाब मलिक के दामाद समीर ख़ान की जमानत को रद्द कराने की मांग को लेकर बॉम्बे हाई कोर्ट जाएगी। एनसीबी का कहना है समीर ख़ान जमानत के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं।
एनसीबी ने नवाब मलिक को इस साल 13 जनवरी को ड्रग्स से जुड़े एक मामले में गिरफ़्तार किया था। ख़ान को 27 सितंबर को इस मामले में जमानत मिली थी। वह आठ महीने तक जेल में रहे थे।
नवाब मलिक के अलावा भी महाराष्ट्र की महा विकास आघाडी सरकार के कई नेता केंद्रीय एजेंसियों से दो-दो हाथ कर रहे हैं। इनमें राज्य के बड़े नेता एकनाथ खडसे, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार शामिल हैं।
दूसरी ओर, नवाब मलिक इस मामले में एनसीबी पर लगातार हमलावर रहे हैं। मलिक समीर वानखेड़े को बीजेपी का तोता बता चुके हैं और उन्होंने उन पर महाराष्ट्र सरकार और बॉलीवुड को बदनाम करने की साज़िश रचने का आरोप लगाया था।
उधर, नवाब मलिक और एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े के बीच चल रहा घमासान और तेज़ हो गया है। नवाब मलिक ने सोमवार को एक जन्म प्रमाण ट्विटर पर पोस्ट किया है और दावा किया है कि यह समीर वानखेड़े का है। इसके बाद वानखेड़े के बारे में तमाम बातें कही जा रही हैं। जबकि वानखेड़े ने कहा है कि मलिक उनकी मां और उनके धर्म को बीच में घसीट रहे हैं।
मलिक ने इस जन्म प्रमाण पत्र के जरिये दावा किया है कि वानखेड़े ने अपनी नौकरी हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज़ों का इस्तेमाल किया था। मलिक ने इसके कैप्शन में लिखा है, “यहां से शुरू हुआ फर्जीवाड़ा।”