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दिल्ली-एनसीआर में मेथ लैब से 95 किलो ड्रग्स जब्त, तिहाड़ जेल वार्डन गिरफ्तार

दिल्ली-एनसीआर में मेथ लैब से 95 किलो ड्रग्स जब्त, तिहाड़ जेल वार्डन गिरफ्तार

एनसीबी ने कहा कि उसने मैक्सिकन ड्रग कार्टेल- कार्टेल डी जलिस्को नुएवा जेनरेशन के सदस्यों से जुड़ी एक गुप्त मेथामफेटामाइन बनाने वाली प्रयोगशाला का भंडाफोड़ किया है। जानिए, तिहाड़ जेल के अधिकारी से कैसा संपर्क।

दिल्ली-एनसीआर में ड्रग्स पर बड़ी कार्रवाई हुई है। ग्रेटर नोएडा में मेथ लैब से 95 किलो ड्रग्स को जब्त किया गया है और इसमें तिहाड़ जेल का वार्डन गिरफ़्तार किया गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी ने मंगलवार को यह कार्रवाई की है। 

एनसीबी ने कहा कि उसने मैक्सिकन ड्रग कार्टेल- कार्टेल डी जलिस्को नुएवा जेनरेशन के सदस्यों से जुड़ी एक गुप्त मेथामफेटामाइन बनाने वाली प्रयोगशाला का भंडाफोड़ किया है। एनसीबी अधिकारियों ने बताया कि भारतीय नागरिक दिल्ली के पास गौतमबुद्ध नगर के एक औद्योगिक क्षेत्र में प्रयोगशाला चला रहे थे। 

रिपोर्ट में कहा गया है कि तिहाड़ जेल के वार्डन, दिल्ली के एक व्यवसायी और मुंबई के एक केमिस्ट द्वारा ग्रेटर नोएडा में इसको चलाया जा रहा था और 25 अक्टूबर को इसका भंडाफोड़ किया गया। इस कार्रवाई में 95 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की गई। इसके साथ ही विभिन्न प्रीकर्सर रसायन और उन्नत विनिर्माण मशीनरी भी बरामद की गई। 

घरेलू उपयोग और निर्यात दोनों के लिए सिंथेटिक ड्रग्स के उत्पादन में शामिल एक गुप्त प्रयोगशाला के बारे में खुफिया जानकारी मिलने के बाद एनसीबी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की एक टीम ने ग्रेटर नोएडा में छापेमारी की। छापेमारी तब की गई जब यह पाया गया कि मैक्सिकन ड्रग कार्टेल के सदस्य भी ड्रग्स के उत्पादन में शामिल थे।

गिरफ्तार किए गए लोगों में एक दिल्ली का व्यवसायी भी शामिल था, जो घटनास्थल पर पाया गया। उसे पहले राजस्व खुफिया विभाग यानी डीआरआई ने मादक पदार्थ मामले में हिरासत में लिया था। उसने तिहाड़ जेल के वार्डन के साथ संबंध बनाए थे, जिसने कथित तौर पर ड्रग उत्पादन के लिए ज़रूरी रसायन और उपकरण खरीदने में उसकी सहायता की थी।

मुंबई के एक केमिस्ट को भी अन्य आरोपियों ने विनिर्माण प्रक्रिया की देखरेख के लिए बुलाया था, जबकि दिल्ली में रहने वाले कार्टेल के एक सदस्य द्वारा गुणवत्ता जांच की गई थी।

सभी चार संदिग्धों को 27 अक्टूबर को मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया, जिन्होंने उन्हें आगे की जांच के लिए तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। बाद में एक ऑपरेशन में व्यवसायी के एक सहयोगी को राजौरी गार्डन से हिरासत में लिया गया।

अधिकारी इसके माध्यम से अर्जित वित्तीय लेन-देन और संपत्तियों का पता लगा रहे हैं। इंडिया टुडे की रिपोर्ट के अनुसार एनसीबी ने स्थानीय प्रशासन से बचने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में गुप्त ड्रग लैब बनाने की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर किया है। इसी साल गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में इसी तरह की प्रयोगशालाओं को ख़त्म किया गया था। अक्टूबर की शुरुआत में एक सप्ताह के भीतर किए गए दो हालिया छापों में दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ ने बड़े पैमाने पर अंतरराष्ट्रीय ड्रग सिंडिकेट का पर्दाफाश किया, जिसमें अनुमानित 7600 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। पुलिस के अनुसार, सिंडिकेट ने थाईलैंड से सड़क परिवहन का उपयोग करके उत्तर प्रदेश के माध्यम से भारत में ड्रग्स की तस्करी की थी। 

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