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फडणवीस की देखरेख में चल रहा था जाली नोटों का कारोबार: मलिक

फडणवीस की देखरेख में चल रहा था जाली नोटों का कारोबार: मलिक

आर्यन ख़ान क्रूज़ ड्रग्स मामला एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर लगे गंभीर आरोपों के बाद अब नवाब मलिक बनाम देवेंद्र फडणवीस होता दिख रहा है।  

मुंबई क्रूज ड्रग्स केस का मामला अब व्यक्तिगत होता जा रहा है। इस मामले में महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और एनसीपी के नेता नवाब मलिक और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस आमने-सामने आ गए हैं। 

पहले मलिक ने जहां फडणवीस पर आरोप लगाए थे। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा था कि नवाब मलिक के संबंध डी कंपनी के लोगों के साथ हैं। अब बुधवार को नवाब मलिक ने इसका जवाब देते हुए फडणवीस पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। 

मलिक ने कहा है कि मुख्यमंत्री रहते हुए देवेंद्र फडणवीस महाराष्ट्र में जाली नोटों का कारोबार कर रहे थे। उनके ही संरक्षण में पाकिस्तान और बांग्लादेश तक यह कारोबार हो रहा था। 

एनसीपी नेता मलिक ने आरोप लगाया कि फडणवीस की सरकार के दौरान महाराष्ट्र में कई जगहों पर जाली नोट पकड़े गए थे लेकिन पूरे महाराष्ट्र में जाली नोटों के कारोबार को लेकर एक भी केस दर्ज नहीं हुआ था। उन्होंने कहा, “इसका मतलब यह हुआ कि देवेंद्र फडणवीस की देखरेख में जाली नोटों का कारोबार चल रहा था।”

नवाब मलिक का आक्रामक रुख़

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने पिछले महीने की 2 तारीख को फिल्म अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को ड्रग्स मामले में गिरफ्तार किया था। उसी के बाद नवाब मलिक एनसीबी को घेरने में जुट गए थे। मलिक तब से हर रोज एनसीबी पर निशाना साधते हुए कई नए-नए खुलासे कर रहे हैं। इसी दौरान उन्होंने फडणवीस को भी निशाने पर ले लिया और कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री के संबंध ड्रग पेडलर से रहे हैं। 

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इस आरोप के बाद फडणवीस ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि मलिक ने अंडरवर्ल्ड के लोगों से जमीन खरीदी थी। जिसके जवाब में मलिक ने कहा था कि वह बुधवार को हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। 

मलिक ने कहा, “आठ नवंबर, 2016 को देश में नोटबंदी की गई थी। नोटबंदी के बाद देश में कई जगहों पर जाली नोट पकड़े गए थे। इन जाली नोटों के साथ बहुत से लोगों को पकड़ा गया था, लेकिन पूरे महाराष्ट्र में एक साल तक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ था।” कैबिनेट मंत्री ने कहा, यानी कि नकली नोटों के अभियुक्तों को या तो छोड़ दिया गया या फिर उनके केस को दबा दिया गया। 

8 अक्टूबर, 2017 को महाराष्ट्र में हुई एक छापेमारी में 14 करोड़ 56 लाख से ज्यादा के जाली नोट पकड़े गए थे। उस मामले को फडणवीस ने पुलिस में पहुंचने से पहले ही सेटल करा दिया।


नवाब मलिक, कैबिनेट मंत्री, महाराष्ट्र सरकार

मलिक ने आरोप लगाया कि 14 करोड़ 56 लाख में से सिर्फ 8 लाख 80 हजार बताकर मामले को दबाया गया। पुलिस ने इस मामले में कमजोर धाराओं के तहत केस दर्ज किया था। जिसके चलते अभियुक्तों को कुछ दिन में ही जमानत मिल गई। 

एनआईए को क्यों नहीं भेजा मामला?

मलिक का कहना है कि जाली नोटों के कारोबार पर एनआईए एक्शन लेती है तो फिर इस मामले को एनआईए के पास क्यों नहीं भेजा गया। मलिक ने कहा, “क्योंकि इस मामले में मुख्यमंत्री ने खुद दिलचस्पी दिखाई थी इसी के चलते इसे रफा-दफा कर दिया गया।”

मलिक ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक फोटो जारी की और आरोप लगाया कि देवेंद्र फडणवीस दूसरों पर अंडरवर्ल्ड के लोगों से संबंध रखने का आरोप लगाते हैं, लेकिन खुद उन्होंने अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन रखने वाले लोगों को राजनीतिक पद दिए।

एनसीपी नेता ने आरोप लगाया कि फडणवीस ने मुन्ना यादव नाम के एक व्यक्ति को कंस्ट्रक्शन बोर्ड का अध्यक्ष बनाया। जबकि उस पर हत्या के कई मामले दर्ज थे। मलिक के मुताबिक़, फडणवीस दाऊद के करीबी रियाज भाटी के जरिए धन उगाही का काम कर रहे थे। मलिक यह भी आरोप लगाया कि फडणवीस की सरकार में बेगुनाह लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करके वसूली की जाती थी। जमीन मालिकों को पकड़कर लाया जाता था और उनसे जमीनें अपने नाम पर लिखवाई जाती थीं।

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रियाज भाटी का नाम 

मलिक ने कहा कि रियाज भाटी कुछ समय पहले दो पासपोर्ट के साथ पकड़ा गया था लेकिन उसे सिर्फ 2 दिन में ही जमानत मिल गई थी। वह बीजेपी के नेताओं के साथ कार्यक्रम में दिखता था। मलिक ने रियाज़ भाटी की एक तसवीर जारी करते हुए कहा कि वह देवेंद्र फडणवीस के साथ डिनर भी किया करता था। 

मलिक ने कहा, “रियाज भाटी पर फडणवीस साहब इतने मेहरबान थे कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम तक पहुंच गया था।”

वानखेड़े को बचाने का आरोप 

एनसीपी नेता ने एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े पर निशाना साधते हुए कहा कि महाराष्ट्र में जब जाली नोट का मामला सामने आया था, उस समय वानखेड़े ने ही इस मामले की जांच की थी। मलिक ने कहा, “यह साफ है कि फडणवीस का वानखेड़े को संरक्षण पिछले काफी समय से था, इसलिए फडणवीस अब उन्हें बचाने में लगे हुए हैं।” बता दें कि जिस समय जाली नोटों का मामला सामने आया था, उस समय समीर वानखेडे डीआरआई में थे।

एक तरफ जहां आर्यन केस में मुंबई पुलिस और एनसीबी की एसआईटी की टीमें जांच कर रही हैं, वहीं अब यह मामला राजनीतिक लड़ाई का रूप ले चुका है। 

बीजेपी ने किया पलटवार

बीजेपी ने नवाब मलिक के आरोपों का जवाब देते हुए पूछा है कि मलिक ने देवेंद्र फडणवीस के साथ रियाज भाटी के जो फोटो जारी किए हैं उसमें नया क्या है। बीजेपी विधायक नितेश राणे ने कुछ फोटो ट्वीट करते हुए कहा कि रियाज भाटी से देवेंद्र फडणवीस के संबंध बताए गए हैं और अंडरवर्ल्ड कनेक्शन दिखाया गया है। दरअसल, उसी रियाज भाटी के फोटो महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और यहां तक कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के साथ भी हैं। राणे ने चुटकी लेते हुए कहा कि क्या शरद पवार और उद्धव ठाकरे के भी संबंध डी कंपनी के लोगों से हैं। लगातार आरोप-प्रत्यारोप के बाद ऐसा लग रहा है कि मुंबई का क्रूज़ ड्रग्स केस पूरी तरह से राजनीतिमय हो गया है।

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