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पंजाब को असली मुद्दों पर लौटना ही होगा, पीछे नहीं छूटने दूँगा: सिद्धू

पंजाब को असली मुद्दों पर लौटना ही होगा, पीछे नहीं छूटने दूँगा: सिद्धू

नवजोत सिंह सिद्धू ने क्यों कहा कि चुनाव साफ़ तौर पर अपूरणीय क्षति और क्षति पूर्ति के लिए आख़िरी मौक़े के बीच है? राज्य के संसाधनों को निजी जेब में जाने के बजाय राज्य के पास कौन वापस लाएगा? 

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने फिर से जिस तरह अपनी दो टूक बात रखी है उससे लगता है कि अभी भी पंजाब कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं हुआ है। उन्होंने रविवार को कहा कि राज्य को अपने वास्तविक मुद्दों पर वापस लौटना ही चाहिए जो हर पंजाबी और आने वाली पीढ़ियों से संबंधित हैं। उन्होंने कहा कि वह असली मुद्दों को छूटने नहीं देंगे।

उन्होंने ट्वीट किया है, 'पंजाब को अपने वास्तविक मुद्दों पर वापस लौटना ही चाहिए जो हर पंजाबी और हमारी आने वाली पीढ़ियों से संबंधित हैं। हम वित्तीय आपातकाल का मुक़ाबला कैसे करेंगे? मैं वास्तविक मुद्दों पर टिका रहूँगा और उन्हें पीछे धकेले नहीं जाने दूंगा!'

उनका यह बयान तब आया है जब पंजाब में दो घटनाक्रम चल रहे हैं। एक तो कांग्रेस नेताओं की पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से खटपट चल रही है और अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी पत्रकार अरूसा आलम के साथ दोस्ती को लेकर जुबानी जंग भी जारी है। दूसरे, पंजाब कांग्रेस में ही सबकुछ ठीक नहीं चलने की ख़बरें हैं।

हाल ही में दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं- के सी वेणुगोपाल और हरीश रावत के साथ अपनी बैठक के दौरान सिद्धू ने 18 सूत्रीय एजेंडे को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की थी। इस पर आलाकमान द्वारा अभी कार्रवाई की जानी है। एजेंडे में 2015 की बेअदबी के मामलों और ड्रग्स माफिया के दोषियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई शामिल है।

उन्होंने कहा था कि पंजाब के लोग पिछले अकाली दल-भाजपा शासन के दौरान गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान के बाद फरीदकोट के कोटकपूरा और बहबल कलां में 2015 की पुलिस फायरिंग के लिए न्याय की मांग करते हैं।

ड्रग्स के मुद्दे पर उन्होंने लिखा था, 'एसटीएफ की रिपोर्ट में जिस बड़ी मछली का जिक्र है उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाए और कड़ी सजा दी जाए।'

तब उन्होंने कहा था, 'मैं बहुत दुख के साथ यह कहना चाहता हूँ कि पंजाब के पास वापस उठ खड़े होने का यह आख़िरी मौक़ा है।'

आज के एक ट्वीट में भी उन्होंने कुछ ऐसा ही लिखा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'चुनाव साफ़ तौर पर अपूरणीय क्षति और क्षति पूर्ति के लिए आख़िरी मौक़े के बीच है। राज्य के संसाधनों को निजी जेब में जाने के बजाय राज्य के पास कौन वापस लाएगा? हमारे महान राज्य को समृद्धि के लिए पुनरुत्थान की पहल का नेतृत्व कौन करेगा।'

उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, "कोहरा छंटने दें, पंजाब के पुनरुद्धार के रोडमैप पर वास्तविकता को सूरज की तरह चमकने दें, निहित स्वार्थी लोगों को हटने दें और केवल उस मार्ग पर ध्यान केंद्रित करें जिससे 'जितेगा पंजाब, जितेगा पंजाबियत और जितेगा हर पंजाबी'!"

बता दें कि हाल ही में नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी। उन्होंने इस चिट्ठी में 13 बिन्दुओं का एक एजेंडा पार्टी अध्यक्ष को दिया था और कहा था कि 2017 में चुनाव पूर्व वायदे पूरे किए जाने चाहिए और जल्द से जल्द काम किए जाने चाहिए। उन्होंने कहा था कि पंजाब में कांग्रेस को बचाने का यह अंतिम मौक़ा है और इसके बाद डैमेज कंट्रोल का कोई मौक़ा नहीं मिलेगा।

तब कहा गया था कि इस चिट्ठी से साफ़ है कि सिद्धू के निशाने पर मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी हैं। इससे यह एक बार फिर उजागर होता है कि सिद्धू चन्नी को मुख्यमंत्री बनाए जाने से खुश नहीं हैं और मौजूदा मुख्यमंत्री से शुरुआत से ही उनकी नहीं बन रही है।

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