लखीमपुर हिंसा के ख़िलाफ़ चंडीगढ़ में प्रदर्शन पर सिद्धू हिरासत में
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हिंसा के ख़िलाफ़ चंडीगढ़ में गवर्नर हाउस के बाहर प्रदर्शन कर रहे पंजाब कांग्रेस प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू को हिरासत में लिया गया है। उनके साथ ही उनके समर्थकों को भी हिरासत में लिया गया है। इसके साथ ही धारा 144 लगे होने का हवाला देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को यूपी यात्रा की अनुमति नहीं दी गई है। उन्होंने विमान से जाने की इजाजत मांगी थी।
चंडीगढ़ पुलिस ने सिद्धू और उनके समर्थकों को जबरन वहाँ से हटाया। लखीमपुर घटना के सिलसिले में केंद्रीय राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर सिद्धू पंजाब कांग्रेस के विधायकों और पीवाईसी अध्यक्ष बरिंदर ढिल्लों के साथ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। सिद्धू ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की भी मांग की।
सिद्धू ने खट्टर के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग इसलिए की क्योंकि एक वायरल वीडियो में खट्टर की भाषा ही कुछ ऐसी है। उन्हें वीडियो में यह कहते सुना जा सकता है, “500, 700, 1000 लोगों का समूह बनाओ, उन्हें स्वयंसेवक बनाओ। और उसके बाद हर जगह ‘शठे शाठ्यं समाचरेत’। इसका क्या अर्थ है… इसका मतलब है जैसे को तैसा।”
खट्टर के इस बयान के कुछ घंटे बाद ही यूपी के लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन कर रहे किसानों को कथित रूप से कार से रौंद दिया गया। आरोप है कि लखीमपुर सांसद व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे मोनू की कार से यह हादसा हुआ है। 4 किसानों की मौत कार से कुचलकर हुई है जबकि चार अन्य लोगों की मौत हिंसा में हुई है।
इस मामले में अब तक कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और सपा नेता अखिलेश यादव सहित कई नेताओं को या तो हिरासत में लिया गया है या फिर नज़रबंद किया गया है।
पंजाब से ही उप मुख्यमंत्री एस एस रंधावा को विमान से यूपी के लखनऊ जाना था, लेकिन यूपी सरकार ने उतरने की इजाजत ही नहीं दी।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विमान को भी लखनऊ हवाई अड्डे पर उतरने की इजाजत नहीं दी गई। अब पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने एयरपोर्ट अधिकारियों से चंडीगढ़ और लखनऊ में उड़ान भरने और उतरने की इजाजत मांगी है।
न्यायिक जाँच होगी
इस बीच यूपी सरकार ने घोषणा की है कि लखीमपुर खीरी में कार से कुचलकर मारे गए किसानों के मामले में इसने किसानों की मांग मान ली है। किसान एफ़आईआर दर्ज कराएँगे। न्यायिक जाँच होगी। और किसानों को सरकारी नौकरी मिलेगी और मुआवजा दिया जाएगा। इसकी घोषणा पुलिस प्रमुख ने की है।
एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने कहा, 'कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45-45 लाख रुपये देगी और एक सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे।'