+
हरीश रावत की चेतावनी के बाद सिद्धू के सलाहकार माली ने दिया इस्तीफ़ा

हरीश रावत की चेतावनी के बाद सिद्धू के सलाहकार माली ने दिया इस्तीफ़ा

पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि सिद्धू को इन सलाहकारों को हटा देना चाहिए और ज़रूरत पड़ी तो वे इन्हें हटाने का निर्देश देंगे। 

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली ने इस्तीफ़ा दे दिया है। माली की कुछ हालिया फ़ेसबुक पोस्ट को लेकर जबरदस्त विवाद हुआ था और बीजेपी ने इसे मुद्दा बना लिया था। इसके अलावा सिद्धू के एक और सलाहकार प्यारे लाल गर्ग के बयान को लेकर भी विवाद हुआ था और इसके बाद पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने कहा था कि सिद्धू को इन सलाहकारों को हटा देना चाहिए और ज़रूरत पड़ी तो वे इन्हें हटाने का निर्देश देंगे। 

सिद्धू ने हाल ही में चार सलाहकार नियुक्त किए थे। 

हरीश रावत के बयान से साफ हो गया था कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के पुरजोर विरोध के बाद भी नवजोत सिंह सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने वाला हाईकमान इस बार कैप्टन के साथ है। साथ ही वह सिद्धू से ख़फ़ा है, यह बात भी उसने साफ कर दी थी। रावत ने यह भी कहा था कि कांग्रेस अमरिंदर सिंह की ही अगुवाई में पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 को लड़ेगी। 

अमरिंदर का शक्ति प्रदर्शन 

सिद्धू को घिरता देख अमरिंदर ने भी शुक्रवार को चंडीगढ़ में अपनी सियासी ताक़त का मुज़ाहिरा किया और कैबिनेट मंत्री राणा गुरमीत सिंह सोढ़ी के आवास पर रखे गए डिनर में 58 विधायकों और 8 सांसदों को जुटा लिया। बता दें कि बीते कुछ दिनों में एक बार फिर अमरिंदर के ख़िलाफ़ बग़ावत तेज़ हुई है और बग़ावती नेताओं का कहना है कि उनके साथ 46 विधायकों का समर्थन है। 

लेकिन अमरिंदर ने उनकी बात को ग़लत साबित कर दिया है। अमरिंदर के गुट की ओर से इस डिनर की तसवीरें और वीडियो भी जारी किए गए हैं। इस डिनर में अमरिंदर की कैबिनेट के 8 मंत्री भी शामिल रहे। 

माली और गर्ग के बयान 

माली ने कुछ दिन पहले एक फ़ेसबुक पोस्ट में लिखा था, “कश्मीर कश्मीरियों का देश है। 1947 में अंग्रेजों के भारत छोड़ते वक़्त किए गए समझौते के अनुसार और यूएनओ के फ़ैसले के ख़िलाफ़, कश्मीर को दो भागों में बांट दिया गया और इस पर भारत और पाकिस्तान ने कब्जा कर लिया।” माली ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को लेकर एक विवादित स्कैच भी फ़ेसबुक पर पोस्ट किया था। जिसे लेकर तमाम कांग्रेसियों ने नाराज़गी जताई थी। 

जबकि प्यारे लाल गर्ग ने अमरिंदर सिंह के पाकिस्तान की आलोचना करने को लेकर सवाल उठाया था। इन दोनों के बयानों को लेकर मुख्यमंत्री के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी ने भी कड़ी आपत्ति जताई थी। तिवारी ने कहा था कि क्या ऐसे लोगों को इस देश में रहने का कोई हक़ है।

 - Satya Hindi

बीजेपी, अकाली दल हुए थे हमलावर 

बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस मामले में सिद्धू पर हमला बोला था। पात्रा ने एएनआई से बातचीत में कहा था कि प्यारे लाल गर्ग कहते हैं कि पाकिस्तान के ख़िलाफ़ मत बोलो क्योंकि यह पंजाब के हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि सिद्धू और उनके सलाहकार डाल-डाल और पात-पात चल रहे हैं। पात्रा ने कहा था कि सिद्धू पाकिस्तान गए थे और वहां के आर्मी चीफ़ से गले मिले थे। 

शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि मलविंदर सिंह माली की पोस्ट देश विरोधी है और सिद्धू को स्पष्ट करना चाहिए कि उन्होंने ऐसे लोगों को अपना सलाहकार क्यों नियुक्त किया, जो देश को तोड़ने की बात करते हैं। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें