पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की माँग की मोदी के मंत्री ने
पश्चिम बंगाल में केंद्रीय जाँच ब्यूरो के साथ चल रहे विवाद के बीच नरेंद्र मोदी सरकार के राज्य मंत्री बाबुल सुप्रियो ने राज्य सरकार को बर्ख़ास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग की है। उन्होंने रविवार शाम ट्वीट कर कहा कि राज्य सरकार भ्रष्ट लोगों को बचाने के लिए सीबीआई को अपना काम नहीं करने दे रही है। यह संवैधानिक संकट खड़े होने की स्थिति जैसी है, ऐसे में यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर देना चाहिए।
President’s Rule should be imposed on West Bengal to control this ‘Rogue’ #TMchhi Govt under a corrupt CM MamtaBanerjee•This is a constitutional crisis ‘created’ by Mamta to shield her corrupt & tainted accomplices
— Babul Supriyo (@SuPriyoBabul) February 3, 2019
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यह गंभीर बात इसलिए है कि सुप्रियो पश्चिम बंगाल के आसनसोल से बीजेपी के सांसद तो हैं ही, केंद्र सरकार में मंत्री भी हैं। वे नरेंद्र मोदी सरकार में भारी उद्योग और उद्यम मंत्रालय में राज्य मंत्री है। वेस्टमिनस्टर मॉडल वाली सरकारों में 'सामूहिक ज़िम्मेदारी' की बात होती है, यानी सरकार का कोई भी फ़ैसला सामूहिक होता है और उसके लिए सभी मंत्री बराबर के ज़िम्मेदार होते हैं। केंद्र सरकार की सिफ़ारिश पर ही राष्ट्रपति किसी राज्य सरकार को बर्खास्त कर वहां राष्ट्रपति शासन लागू करने का निर्णय लेते हैं। ऐसे में एक केंद्रीय मंत्री की यह माँग बेहद महत्वपूर्ण है।
इस मुद्दे पर बीजेपी की भी यही राय है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद और प्रवक्ता राकेश सिन्हा ने पहले पश्चिम बंगाल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लागू करने की माँग की और उसके बाद फिर ट्वीट कर कहा कि राज्य बहुत तेज़ी से राष्ट्र्पति शासन की ओर बढ़ रहा है।
The West Bengal is fast moving towards President Rule .TMC govt should be immediately suspended.
— Prof Rakesh Sinha (@RakeshSinha01) February 3, 2019
पश्चिम बंगाल में संकट की शुरुआत रविवार को तब हुई जब सीबीआई की एक टीम कोलकाता पुलिस के प्रमुख राजीव कुमार से पूछताछ करने उनके आवास जा पहुँची। सीबीआई का कहना है कि पुलिस कमिश्नर ने शारदा चिटफंड घोटाले की जाँच में जानबूझ कर देरी और संदिग्धों को बचाया। उसने यह भी कहा कि वे सीबीआई से सहयोग नहीं कर रहे हैं और बुलाने पर भी उसके यहां नहीं आ रहे हैं। सीबीआई ने यह भी कहा कि राजीव कुमार फ़रार हो गए हैं। कोलकाता पुलिस ने आधिकारिक तौर पर कहा कि कमिश्नर अपने दफ़्तर में दिन भर मौजूद रहे और सामान्य कामकाज करते रहे। रविवार शाम कोलकाता पुलिस की टीम कमिश्नर के घर गई, उसने सीबीआई टीम के कुछ लोगों को हिरासत में लिया और पास के शेक्सपियर स्ट्रीट स्थित थाने ले गई। बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया।
राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इसे लोकतंत्र पर हमला और राज्य सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया और ख़ुद धरने पर बैठ गईं। धरना स्थल के पास ही उनका अस्थाई दफ़्तर भी खोल दिया गया। इसके बाद सैकड़ों की तादाद में तृणमूल कार्यकर्ता वहाँ पहुँच गए।