यूक्रेन-रूस युद्ध के प्रभाव से निपटने को भारत अमेरिका परामर्श जारी रखेंगे: बाइडेन
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक वर्चुअल बैठक में यूक्रेन-रूस युद्ध पर बातचीत की। बाइडेन ने कहा कि यूक्रेन-रूस युद्ध के प्रभावों से निपटने और इसको स्थिर करने के तौर-तरीक़ो पर अमेरिका और भारत परामर्श जारी रखेंगे।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को यूक्रेन के बुचा में नागरिकों के ख़िलाफ़ रूसी आक्रामकता की नई दिल्ली की निंदा की याद दिलाई। इसके साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही वार्ता शांति का मार्ग प्रशस्त करेगी।
Addressing the India-US virtual summit with @POTUS @JoeBiden. https://t.co/sgYlj2nqSG
— Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2022
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े और सबसे पुराने लोकतंत्रों के रूप में दोनों देश स्वाभाविक साझेदार हैं।
यूक्रेन की स्थिति के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए मोदी ने कहा, 'हमारी आज की बातचीत ऐसे समय में हो रही है जब यूक्रेन में स्थिति बहुत चिंताजनक बनी हुई है। भारत को उम्मीद है कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रही बातचीत से शांति का मार्ग प्रशस्त होगा। मैंने यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों से बात की। मैंने राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन के राष्ट्रपति के साथ सीधी बातचीत करने का सुझाव दिया।'
उन्होंने बुचा में निर्दोष नागरिकों की हत्या की हालिया रिपोर्टों को बहुत चिंताजनक करार दिया। पीएम मोदी ने कहा कि हमने तुरंत इसकी निंदा की और निष्पक्ष जांच की मांग की।
बाइडेन ने कहा, 'मैं यूक्रेन के लोगों के लिए भारत के मानवीय सहयोग का स्वागत करता हूं, जो भीषण हमले का सामना कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि अमेरिका, भारत इस रूसी युद्ध के प्रभावों से कैसे निपटा जाए और स्थिर किया जाए, इस पर करीबी परामर्श जारी रखने जा रहे हैं।'
यह दोनों नेताओं के बीच अपनी तरह का पहला संवाद है जो बाइडेन प्रशासन के तहत भारत-अमेरिका 2+2 वार्ता के साथ ही हुआ है। बाइडेन ने कहा कि भारत और अमेरिका एक मज़बूत और बढ़ती हुई प्रमुख रक्षा साझेदारी साझा करते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज दवाओं और राहत सामग्री के मामले में युद्धग्रस्त यूक्रेन में भारत के योगदान की बात की। उन्होंने कहा, 'हमने यूक्रेन में नागरिक आबादी की सुरक्षा और उन्हें मानवीय सहायता की निर्बाध आपूर्ति को भी महत्व दिया है...।' उन्होंने आगे कहा, 'जब मैं पिछले साल सितंबर में वाशिंगटन आया था तो आपने कहा था कि भारत-अमेरिका साझेदारी कई वैश्विक समस्याओं के समाधान में योगदान दे सकती है। मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं।'