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मोदी का यूरोप दौरा: जर्मन चांसलर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता

मोदी का यूरोप दौरा: जर्मन चांसलर के साथ प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता

रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का तीन दिन का यूरोप दौरा भारत की विदेश नीति के लिहाज से वाकई बेहद अहम है। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 दिन के यूरोप दौरे पर हैं। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा ऐसे वक्त में हो रहा है जब रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है। बीते दो महीनों के दौरान इस युद्ध की वजह से रूस पर दुनिया के कई देशों ने आर्थिक व दूसरे प्रतिबंध लगा दिए हैं जबकि भारत का रूस को लेकर रूख नरम रहा है आर भारत मसले को बातचीत के जरिए सुलझाने की वकालत करता रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ़ स्कोल्ज़ ने बर्लिन में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। दोनों के बीच बैठक बर्लिन की फेडरल चांसलरी में हुई।

इधर, भारतीय समुदाय के लोगों से मिलने की तसवीरें ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा, 'बर्लिन में सुबह का समय था फिर भी भारतीय समुदाय के कई लोग आए। उनके साथ जुड़ना अद्भुत था। भारत को अपने प्रवासी भारतीयों की उपलब्धियों पर गर्व है।'

यूरोप के कई देशों ने भी यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। ऐसे में प्रधानमंत्री का यह दौरा और भी अहम हो जाता है। 

इस दौरान प्रधानमंत्री डेनमार्क, फ्रांस और जर्मनी में आयोजित कई कार्यक्रमों में भाग लेंगे। प्रधानमंत्री का साल 2022 में यह पहला विदेश दौरा है। फ्रांस में हाल ही में हुए चुनाव में इमैनुएल मैक्रों एक बार फिर के राष्ट्रपति के पद पर चुने गए हैं। मोदी उनसे भी मिलेंगे। 

 - Satya Hindi

भारत की कोशिश इन देशों के साथ अपने संबंधों को बेहतर करने की होगी लेकिन इसमें यूरोप के देशों से रूस के रिश्ते भी एक बहुत बड़ा पहलू होगा। प्रधानमंत्री इस दौरान बर्लिन के अलावा कोपेनहेगन भी जाएंगे और वहां डेनमार्क के प्रधानमंत्री से मुलाकात करेंगे।

इस दौरान वह द्विपक्षीय रिश्तों व कई कारोबारी मसलों पर बातचीत करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी दूसरी इंडिया-नॉर्डिक समिट में भी भाग लेंगे। प्रधानमंत्री का दौरा कुल 65 घंटों का होगा और इस दौरान वह 25 कार्यक्रमों में भाग लेंगे।

साल 2021 में भारत और जर्मनी ने अपने राजनीतिक रिश्तों के 70 साल पूरे कर लिए थे। 

रूस-यूक्रेन युद्ध के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दोनों देशों के राष्ट्रपतियों से बातचीत कर युद्ध को जल्द से जल्द खत्म करने की अपील कर चुके हैं। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच ही चीन और रूस के विदेश मंत्री भी भारत आए थे और इस दौरान बातचीत में रूस-यूक्रेन युद्ध एक अहम मसला रहा।

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