+
ईद पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी, चप्पे-चप्पे पर नज़र

ईद पर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा कड़ी, चप्पे-चप्पे पर नज़र

सियासी हंगामे और कश्मीर को लेकर मची उथल-पुथल के बीच शांति के माहौल में ईद का आयोजन कराना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती है।

कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाये जाने की गहमागहमी के बीच आज ईद मनाई जा रही है। सियासी हंगामे और कश्मीर को लेकर मची उथल-पुथल के बीच शांति के माहौल में ईद का आयोजन कराना सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती है। प्रशासन ने लोगों को पास की मसजिदों में नमाज़ की इजाजत दे दी है लेकिन बड़ी मसजिदों में इकट्ठा होने और नमाज़ पढ़ने की इजाजत नहीं दी गई है। बता दें कि इस तरह के ख़ुफ़िया इनपुट मिले हैं कि आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के 7 सदस्यों के आत्मघाती दस्ते ने कश्मीर में घुसपैठ की है और पाकिस्तान की ख़ुफ़िया एजेंसी आईएसआई ने उन्हें कश्मीर में बड़ा आतंकवादी हमला करने की ज़िम्मेदारी दी है।

ईद से एक दिन पहले रविवार को घाटी में बड़ी दुकानें और प्रतिष्ठान बंद रहे। लेकिन छोटे बाज़ार खुले रहे और लोगों ने ईद से जुड़ी ख़रीदारी की। पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिये लोगों को बताया कि फिर से धारा 144 लागू कर दी गई है। क्योंकि ऐसी ख़बरें हैं कि श्रीनगर में एक बार फिर पत्थरबाज़ सुरक्षाबलों पर हमला कर सकते हैं।

सुरक्षा बलों की नज़र उन सभी जगहों पर है जहाँ पर बड़ी संख्या में लोग इकट्ठे हो सकते हैं। इन जगहों में ईदगाह, जामिया मसजिद और हज़रतबल शामिल हैं। जम्मू के सभी 10 जिलों से धारा 144 हटा दी गई है। हालाँकि कुछ कस्बों किश्तवाड़, भद्रवाह और पुंछ में अभी भी धारा 144 लागू है। श्रीनगर के जिला उपायुक्त शाहिद चौधरी ने कहा कि इस बात की पूरी कोशिश की जा रही है कि लोग बिना किसी परेशानी के ईद मना सकें। चौधरी ने कहा कि ईद को शांतिपूर्वक ढंग से मनाया जा सके इसके लिए इमामों के साथ बैठक भी की गई है। 

सोमवार को ईद के मौक़े पर लोगों से कहा गया है कि वे अपने इलाक़े की मसजिदों में ही नमाज़ अदा करें। सुरक्षा बलों को इस बात का डर है कि अगर बड़ी संख्या में लोग बाहर निकले तो भीड़ उन पर हमला कर सकती है।

कश्मीर में अभी भी फ़ोन सेवाओं को बहाल नहीं किया गया है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के सूत्रों के मुताबिक़, लैंड लाइन, मोबाइल, इंटरनेट, ब्रॉडबैंड सेवा को अभी भी चालू नहीं किया गया है। लेकिन राज्य सरकार ने कश्मीर के लोगों को दूर-दराज के इलाक़ों में रह रहे उनके रिश्तेदारों से बात कराने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। लोगों को उम्मीद थी कि ईद के मौक़े पर लैंडलाइन सेवाओं को चालू कर दिया जाएगा लेकिन अब तक इस बारे में फ़ैसला न हो पाने के कारण लोगों को किसी तरह की परेशानी से बचाने के लिए श्रीनगर में 300 स्पेशल फ़ोन बूथ लगाए गए हैं।

इस तरह की ख़ुफ़िया जानकारी है कि असामाजिक तत्व और हुड़दंगी सोमवार को ईद के मौक़े पर माहौल को ख़राब करने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन सुरक्षा बल किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार हैं।

राज्य सरकार के अधिकारियों ने इस बात को सुनिश्चित किया है कि सभी बैंक खुले रहेंगे और एटीएम भी काम करते रहेंगे। इस बात को भी सुनिश्चित किया गया है कि बैंक और एटीएम में नक़दी की कमी न हो। सभी कर्मचारियों को उनकी तनख्वाह भी दे दी गई है। इसके अलावा सउदी अरब से हज़ करके आ रहे लोगों की सुरक्षित वापसी के लिए भी इंतजाम किए गए हैं। 

ख़बरों के मुताबिक़, कश्मीर रेंज के आईजी एसपी पानी ने रविवार को कहा था कि पिछले सोमवार से ही घाटी में किसी भी जगह से क़ानून व्यवस्था की स्थिति ख़राब होने की ख़बर नहीं है और सुरक्षा बलों ने कहीं भी फ़ायरिंग नहीं की है। उन्होंने कहा था कि घाटी में हालात सामान्य हैं। 

बता दें कि जब से भारत ने अनुच्छेद 370 को हटाने की प्रक्रिया की शुरुआत की है तभी से पाकिस्तान लगातार बेचैन है। पाकिस्तान में बैठे आतंकवादी संगठन कश्मीर में आतंकवादी हमले को अंजाम देने की फिराक में हैं तो वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान ख़ान दुनिया भर के देशों से इस मामले में मदद माँग रहे हैं लेकिन उन्हें इसमें निराशा ही मिली है। भारत ने जम्मू-कश्मीर को अलग राज्य बनाने के साथ ही इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। लद्दाख को भी केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देकर जम्मू-कश्मीर से अलग कर दिया गया है। 

सत्य हिंदी ऐप डाउनलोड करें