नमाज प्रकरणः मोहित की पत्नी ने कहा- मेरे पति ने 'इंसानियत' दिखाने की कीमत चुकाई
नौकरी जाने की वजह से खुदकुशी करने वाले यूपी रोडवेज के बस कंडक्टर मोहित यादव की पत्नी रिंकी यादव ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए गए इंटरव्यू में कहा है कि नौकरी जाने के बाद घर का रोजाना का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया था। मेरे पति डिप्रेशन में चले गए और दिनों दिन शारीरिक रूप से भी कमजोर होते चले गए। वो रात में सो भी नहीं पाते थे। उनका वेतन 17000 रुपये महीना था। जून में उन्हें नौकरी से हटा दिया गया। उसके बाद लोगों ने काफी मदद की। लेकिन लोग कितना करते। पूरा परिवार मेरे पति के वेतन पर ही आश्रित था।...मेरे पति ने इंसानियत दिखाने की कीमत चुकाई।
बरेली-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर 3 जून को एक बस के कंडक्टर और ड्राइवर ने दो मिनट के लिए बस रोककर दो मुस्लिम यात्रियों को नमाज पढ़ने की अनुमति दे दी थी, क्योंकि उनकी नमाज का समय हो गया था। बस सिर्फ दो मिनट के लिए रुकी थी और इसी दौरान दोनों यात्रियों ने नमाज पढ़ ली थी। लेकिन इस घटनाक्रम का किसी यात्री ने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इस मामले में बस कंडक्टर मोहित यादव और ड्राइव को निलंबित कर दिया गया। मोहित यादव अनुबंध पर कंडक्टर थे यानी वो सेवा में स्थायी नहीं थे। मोहित यादव ने मैनपुरी में एक ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली। उनका शव सोमवार को उनके घर के पास रेलवे लाइन पर पाया गया। वो रविवार रात से गायब थे।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक रिंकी यादव ने कहा- मेरे पति की मौत के लिए यूपी परिवहन निगम के अधिकारी, खासकर क्षेत्रीय प्रबंधक (बरेली) दीपक चौधरी जिम्मेदार हैं। वो अक्सर मेरे पति को फोन करते और उनको तरह-तरह की बातें कहकर बेइज्जती करते थे। मोहित ने इंसानियत दिखाई थी और अपनी जान देकर उसकी कीमत चुकाई।
Rinki, wife of deceased Mohit. She claims her husband was innocent and was wrongly suspended over the viral video. Mohit was the eldest sibling and the sole breadwinner of the family. pic.twitter.com/TEcmmrSa5i
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) August 29, 2023
मोहित खुदकुशी से पहले इस बात को लेकर पसोपेश में थे कि क्या इस बात के लिए भी किसी की नौकरी जा सकती है। आखिर उन्होंने गलत क्या किया है। दरअसल, टाइम्स ऑफ इंडिया के रिपोर्टर को खुदकुशी से काफी पहले मोहित यादव ने अपनी दुखभरी दास्तान सुनाई थी और रिपोर्टर ने उस बातचीत को वीडियो पर रेकॉर्ड किया था। मोहित की मौत के बाद वो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। उस वीडियो इंटरव्यू में मोहित को कहते सुना जा सकता है- मैंने यह सोचकर बस रुकवाई की सिर्फ दो मिनट की ही तो बात है। वो इस दौरान नमाज भी पढ़ लेंगे। बस रुकी तो लोग शौच के लिए भी गए। लेकिन किसी ने उस बारे में शिकायत नहीं की। सारी शिकायत नमाज पढ़ने देने को लेकर है।
Mohit Yadav, a conductor in UP roadways who was suspended after he allegedly allowed two passengers to offer Namaz while halting a Delhi-bound bus, killed himself on the night of August 26 in Manipuri UP. He had narrated the entire incindent that took place on June 3. pic.twitter.com/rJh5NgfLq6
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) August 29, 2023
मोहित अपने भाई-बहनों में सबसे बड़े थे। आठ लोगों के परिवार में सिर्फ वही अकेले कमाने वाले थे। उनके 18 साल के छोटे भाई मनोज ने टाइम्स ऑफ इंडिया से कहा कि मेरे भैया बहुत खुशमिजाज और बातचीत करने वाले इंसान थे। लेकिन नौकरी से हटाए जाने के बाद उन्होंने बोलना ही बंद कर दिया था। मेरे भैया ने अधिकारियों से बहुत फरियाद की। काफी हाथ-पैर जोड़े लेकिन किसी ने कोई सुनवाई नहीं की। मेरी बहन की इसी साल शादी होने वाली थी।
यूपी रोडवेज के सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों ने हाल ही में मोहित यादव को साफ बोल दिया था कि उसकी नौकरी नहीं बचाई जा सकती। जबकि मोहित आठ साल से बस कंडक्टर थे, लेकिन उनकी नौकरी अस्थायी थी। मोहित के अलावा उस बस के ड्राइवर केपी सिंह को निलंबित किया गया है लेकिन उन्हें अब आधी तनख्वाह मिल रही है।
यूपी रोडवेज के अतिरिक्त क्षेत्रीय प्रबंधक एसके श्रीवास्तव ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि मोहित के अनुबंध नवीनीकरण की अर्जी जुलाई में आई थी। इस संबंध में एक रिपोर्ट क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक चौधरी को भेजी गई थी, जो अभी भी उन्हीं के पास लंबित है। इस बारे में पूछे जाने पर दीपक चौधरी का जवाब था- हमारे पास 2500 से ज्यादा अनुबंध वाले कर्मचारी हैं। मुझे उसके (मोहित) ऐप्लिकेशन की जानकारी नहीं है।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इस घटना की लगातार रिपोर्टिंग की है। अखबार को मोहित यादव के नजदीकी दोस्त ने बताया कि मोहित के पास अब पैसे नहीं थे। उन्हें रोजमर्रा की जिन्दगी चलाना मुश्किल हो रहा था। समझा जाता है कि इन हालात ने मोहित यादव को खुदकुशी के लिए मजबूर किया। मैनपुरी में घिरौर थाने के एसएचओ भोलू सिंह भाटी ने बताया कि जीआरपी वालों को मोहित का शव रेल पटरी पर मिला था।
अपनी पहचान गुप्त रखने की शर्त पर मोहित यादव के दोस्तों ने बताया कि मरने से पहले मोहित ने अपने नजदीकी दोस्तों को पैसे न होने के बारे में बताया था। उसके एक दोस्त ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि हम साथ ही काम करते थे। रविवार रात को जब उसका फोन आया तो उसके पास पैसे खत्म हो चुके थे, यहां तक की रीचार्ज कराने तक का पैसा नहीं था। मोहित ने उसे बताया था कि उसने अपने विभाग में अपील की है लेकिन नौकरी वापस मिलने की कोई उम्मीद नहीं लगती है। बरेली यूपीएसआरटीसी के अधिकारी दीपक चौधरी के अड़ियल रवैए की वजह से मोहित डिप्रेशन में चला गया था।
टाइम्स ऑफ इंडिया ने इससे पहले जब यूपी रोडवेज के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक चौधरी से बात की थी तो चौधरी ने कहा था कि सोशल मीडिया पर शिकायत आने के बाद हमने दोनों (कंडक्टर-ड्राइवर) के खिलाफ कार्रवाई की थी। नमाज वाला वीडियो अपने आप में उसकी गलती बताने के लिए पर्याप्त है। मोहित को अपील दाखिल करना चाहिए थी। उसके मौत की वजह कुछ और रही होगी।