अग्निवेश की मौत पर पूर्व सीबीआई चीफ़ राव की ओछी टिप्पणी, लोग बोले- जाहिल हो तुम
कहते हैं कि किसी की मौत हो जाने के बाद उस व्यक्ति के बारे में कोई ऐसी बात नहीं करनी चाहिए, जिससे उसकी आत्मा को कष्ट हो। लेकिन कुछ बेहूदे लोग शायद इस बात को नहीं मानते। कुछ इसी तरह का काम किया है देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी सीबीआई के निदेशक के पद पर रहे एम. नागेश्वर राव ने।
हुआ यूं था कि शुक्रवार को बंधुआ मुक्ति मोर्चा के संस्थापक रहे स्वामी अग्निवेश का निधन हो गया था। स्वामी अग्निवेश भगवा कपड़े पहनते थे और आम लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ते थे। लेकिन पूर्व आईपीएस अफ़सर नागेश्वर राव को न जाने उनसे ऐसी क्या नफरत रही होगी कि उन्होंने स्वामी अग्निवेश की मौत पर ट्वीट कर कहा, ‘अच्छा हुआ, छुटकारा मिला।’
राव ने लिखा कि वह भगवा कपड़े पहनने वाले एक हिंदू विरोधी शख़्स थे। राव ने लिखा, ‘स्वामी अग्निवेश ने हिंदू धर्म को बहुत नुक़सान पहुंचाया था। मुझे इस बात का दुख है कि वह एक तेलुगू ब्राह्मण के रूप में पैदा हुए।’
आगे उन्होंने और ख़राब कमेंट करते हुए लिखा कि उन्हें यमराज से इस बात की शिकायत है कि उन्होंने इस काम में इतना ज़्यादा वक्त क्यों लिया। 80 साल के स्वामी अग्निवेश दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में भर्ती थे लेकिन शुक्रवार को कई अंग फ़ेल हो जाने और दिल का दौरा पड़ने के कारण उनकी मौत हो गई।
स्वामी अग्निवेश ने बंधुआ मज़दूरों के हक़ों के लिए काफी काम किया था और वह पूरे देश में एक जाना-पहचाना चेहरा थे। वह सांप्रदायिक राजनीति के धुर विरोधी थे और समाज में नफ़रत फैलाने वाली ताक़तों के ख़िलाफ़ एकजुट रहने और संघर्ष करने की अपील करते थे।
ख़ैर, नागेश्वर राव को जो कहना था, वो उन्होंने कह दिया। लेकिन इसके बाद ट्विटर यूजर्स ने उन्हें जमकर कोसा।
हाई कोर्ट के वकील नवदीप सिंह ने ट्वीट कर कहा कि राव का यह ट्वीट धर्म और मानवता के बुनियादी सिद्धांतों के ख़िलाफ़ है।
The tweet by this retired IPS officer goes against the very tenets of religion and basic humanity. To think that he was serving in the Govt and dealing with public with such thoughts at the back of his mind just a few days ago....
— Navdeep Singh (@SinghNavdeep) September 12, 2020
पत्रकार उत्कर्ष सिंह ने भी राव के इस बयान पर बेहद तीखी टिप्पणी की।
ज़रा सोचिए ...CBI का डायरेक्टर रहते हुए इस जाहिल ने अपनी संकीर्ण मानसिकता और पूर्वाग्रहों की वजह से कितने लोगों की ज़िंदगी बर्बाद की होगी! https://t.co/xr1jUhcgnx
— Utkarsh Singh (@UtkarshSingh_) September 12, 2020
एक आईपीएस अफ़सर दीपांशु काबरा ने राव को नसीहत दी कि किसी के निधन पर इस प्रकार की भाषा का प्रयोग निराशाजनक व निन्दनीय है।
किसी के निधन पर इस प्रकार की भाषा का प्रयोग निराशाजनक व निन्दनीय है.
— Dipanshu Kabra (@ipskabra) September 12, 2020
चाहे वजह जो भी हो मृतात्मा का सम्मान किया जाना चाहिए. https://t.co/K24SvT2Cgt
पूर्व आईएएस सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर कहा कि उन्होंने ऐसे सांप्रदायिक आईपीएस कभी नहीं देखेl
ऐसे सांप्रदायिक IPS कभी नहीं देखे l अगर फाॅर्स कम्यूनल हो जाये,तो लोकतंत्र का चीर हरण निश्चित है l https://t.co/lNH2yYErhg
— Surya Pratap Singh IAS Rtd. (@suryapsingh_IAS) September 12, 2020
इंडियन पुलिस फ़ाउंडेशन ने ट्वीट कर कहा, ‘एक पूर्व आईपीएस अफ़सर के इस तरह के नफ़रती मैसेज ने पुलिस की वर्दी को अपमानित किया है।’
Tweeting such hate messages by a retired officer posing as an IPS officer - he has desecrated the police uniform which he wore and embarrassed the government. He demoralises the entire police force in the country, especially the young officers. https://t.co/qOiI8D6dkO
— Indian Police Foundation (@IPF_ORG) September 12, 2020
अवमानना मामले में हुई थी सजा
बिहार के चर्चित मुज़फ़्फरपुर शेल्टर होम मामले में सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एम. नागेश्वर राव को कुछ घंटे तक अदालत में ही खड़े रहने की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने कहा था कि आपने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ खिलवाड़ किया है और अब भगवान ही आपकी मदद कर सकता है। सुप्रीम कोर्ट ने राव से कहा था कि वह बिना अदालत की अनुमति के सीबीआई के अफ़सर एके शर्मा का ट्रांसफ़र न करें लेकिन इसके बाद भी राव ने उनका ट्रांसफर कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राव ने ऐसा करके अदालत की अवमानना की है। शर्मा मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम मामले की जांच कर रहे थे।
इसके अलावा भी कई ट्विटर यूजर्स ने नागेश्वर राव को उनके इस ट्वीट के लिए लानतें भेजी। लेकिन हो सकता है कि नागेश्वर राव को अपने इस ट्वीट पर गर्व हो, वरना इतने लोगों के कहने के बाद तो वो कम से कम इस दुनिया से जा चुके किसी व्यक्ति के लिए की गई इस टिप्पणी के लिए माफी मांगते, लेकिन अब तक उन्होंने ऐसा नहीं किया है।