विधानसभा चुनावः नागालैंड में 73 और मेघालय में 63.91% मतदान
नगालैंड और मेघालय में आज सोमवार को मतदान शुरू हो गया है। नागालैंड में 3 बजे तक 73 और मेघालय में 63.91 फीसदी मतदान हो चुका है। नागालैंड में कुल 183 उम्मीदवार मैदान में हैं। 59 सीटों के लिए मतदान हो रहा है। बीजेपी पहले ही एक सीट निर्विरोध जीत चुकी है।
राज्य में अतिरिक्त अर्धसैनिक बल चप्पे चप्पे पर तैनात हैं और भारत-म्यांमार सीमा पर भी नजर रखी जा रही है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए असम, मणिपुर और अरुणाचल प्रदेश के साथ अंतरराज्यीय सीमाओं को सील कर दिया गया है।
कानून और व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा करने के लिए डीजीपी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ पिछले 48 घंटों में वोखा और मोकाकचुंग जिलों का दौरा किया।
#WATCH | Voting underway across 59 constituencies in Assembly elections in Meghalaya
— ANI (@ANI) February 27, 2023
Visuals from Tura, Garo Hills pic.twitter.com/s70YbkZcSS
मुख्य निर्वाचन अधिकारी, एफ.आर. खारकोंगनोर ने बताया कि मेघालय में निष्पक्ष मतदान कराने के लिए लगभग 1000 मतदान केंद्रों पर मतदान की वेबकास्टिंग की जाएगी।
मेघालय विधानसभा
राज्य के 21 लाख से अधिक मतदाता आज सोमवार को 369 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करने जा रहे हैं।राज्य के 59 विधानसभा क्षेत्रों के 3,419 मतदान केंद्रों पर मतदान हो रहा है। मतदान शाम चार बजे तक चलेगा। मेघालय के 60 विधानसभा क्षेत्रों में से 36 खासी, जयंतिया हिल्स क्षेत्र में आते हैं जबकि 24 गारो हिल्स क्षेत्र में हैं।
यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) के उम्मीदवार एचडीआर लिंगदोह के निधन के बाद सोहियोंग विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान स्थगित कर दिया गया है।
इस वर्ष 21 लाख से अधिक (21,75,236) पंजीकृत और पात्र मतदाता हैं, जिनमें 10.99 लाख महिलाएं और 10.68 लाख पुरुष हैं। मेघालय में, महिला मतदाताओं की संख्या उनके पुरुष समकक्षों की तुलना में अधिक है। राज्य में लगभग 81,000 पहली बार मतदाता हैं।
First five early voters receive momentos to encourage early voting in #Meghalaya Assembly elections.#MeghalayaAssemblyElection pic.twitter.com/GVS5tkyiI5
— Ranabir Aich (@RanabirAich) February 27, 2023
कुल 369 उम्मीदवार मैदान में हैं जिनमें 36 महिलाएं हैं। कुल उम्मीदवारों में से 44 निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को इस बार सत्ता विरोधी लहर से जूझना पड़ सकता है। दूरस्थ और पहाड़ी क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास की कमी इस बार प्रमुख चुनावी मुद्दों में से एक है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के आरोप भी एनपीपी सरकार को सता रहे हैं।
एक अन्य कारण जो इस साल के चुनावों के नतीजों पर असर डाल सकता है, वह जयंतिया और खासी हिल्स में अवैध कोयला खनन है। जब प्रमुख चुनावी मुद्दों की बात आती है, तो बेरोजगारी को भी युवा एक मुद्दा मान रहे हैं। सभी पार्टियों ने अपने घोषणापत्र में नौकरियों और चुनाव के अवसर पैदा करने का वादा किया था।
एनपीपी ने मेघालय के लिए इनर लाइन परमिट (आईएलपी) की मांग के लंबे समय से लंबित मुद्दे के साथ बीजेपी पर हमला किया है। इनर लाइन परमिट राज्य सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक यात्रा दस्तावेज है जो एक सीमित समय के लिए संरक्षित क्षेत्र में यात्रा की अनुमति देता है।