महाराष्ट्र: देशमुख को लेकर महा विकास आघाडी की अहम बैठक आज
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर राज्य की सियासत में जबरदस्त गहमागहमी है। बीजेपी ने पूरा जोर लगाया हुआ है कि ठाकरे सरकार को देशमुख का इस्तीफ़ा लेने के लिए मज़बूर कर दिया जाए लेकिन ठाकरे सरकार दबाव में आती नहीं दिखी है। फिर भी इस मुद्दे पर महा विकास अघाडी सरकार के तीनों दल सोमवार को चर्चा करने जा रहे हैं। इससे पहले रविवार को एनसीपी के नेताओं की बैठक में साफ किया गया था कि देशमुख का इस्तीफ़ा नहीं लिया जाएगा।
एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने एनसीपी के नेताओं की बैठक में कहा कि देशमुख के खिलाफ लगे आरोप गंभीर हैं और उनकी गहन जांच किए जाने की ज़रूरत है। पवार ने यह भी कहा है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को इस बात का पूरा अधिकार है कि वह देशमुख पर लगे आरोपों की जांच कराएं या नहीं।
इस बैठक में एनसीपी के नेता प्रफुल्ल पटेल, उप मुख्यमंत्री अजित पवार, एनसीपी के महाराष्ट्र अध्यक्ष जयंत पाटिल, एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले मौजूद थे।
बैठक के बाद महाराष्ट्र एनसीपी के अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि विपक्ष मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिले विस्फोटक की घटना और ठाणे के मनसुख हिरेन की हत्या के मामले से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है। पाटिल ने कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता है। पहले परमबीर सिंह के आरोपों की जांच होगी उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
सूत्रों का कहना है कि शरद पवार ने रविवार को शिवसेना सांसद संजय राउत से भी अकेले में मुलाकात की और मौजूदा घटनाक्रम पर चर्चा की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने भी पवार से मुलाकात की है।
परमबीर सिंह ने दावा किया था कि अनिल देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी मुंबई में होटल और बार से उनके लिए हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें जिसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में भूचाल आ गया था।
सरकार के ख़िलाफ़ साज़िश : शिव सेना
उधर, शिव सेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में लिखा गया है कि बीजेपी दो दिन पहले जिस परमबीर सिंह के पीछे पड़ी हुई थी आज उसी परमबीर को लेकर वह नाच रही है। ‘सामना’ में लिखा है कि देवेंद्र फडणवीस दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करते हैं और 2 दिन बाद परमबीर इस तरह का आरोप गृह मंत्री अनिल देशमुख पर लगाते हैं। उनके पत्र का आधार लेकर विपक्ष जो हंगामा करता है, यह एक साजिश का ही हिस्सा नजर आता है।‘सामना’ में लिखा गया है, “महाराष्ट्र के संदर्भ में कानून व व्यवस्था आदि ठीक न होने का ठीकरा फोड़ा जाए और राष्ट्रपति शासन का हथौड़ा चलाया जाए, यही महाराष्ट्र के विपक्ष का अंतिम ध्येय नजर आता है और इसके लिए नए प्यादे तैयार किए जा रहे हैं। परमबीर सिंह का इस्तेमाल इसी तरह से किया जा रहा है, यह अब स्पष्ट दिखाई दे रहा है।”