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गिरफ़्तारी पर महाराष्ट्र सरकार मलिक को बर्खास्त नहीं करेगी; ममता ने दिया समर्थन

गिरफ़्तारी पर महाराष्ट्र सरकार मलिक को बर्खास्त नहीं करेगी; ममता ने दिया समर्थन

ईडी की गिरफ़्तारी के बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक का इस्तीफा लिया जाएगा या नहीं, जानिए इस मामले में सरकार ने क्या कहा।

प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी द्वारा गिरफ़्तारी के बाद भी महाराष्ट्र सरकार नवाब मलिक को मंत्री पद पर बनाए रखेगी और उनको पद से नहीं हटाएगी। ईडी द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक को गिरफ्तार करने के कुछ घंटों बाद ही बैठक कर उद्धव ठाकरे सरकार ने यह साफ़ कर दिया है। इधर, इस मामले में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की और अपना समर्थन व्यक्त किया।

एनसीपी नेता मलिक को अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों के ख़िलाफ़ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बुधवार को गिरफ्तार किया गया। उनसे ईडी ने क़रीब 8 घंटे पूछताछ की थी। उन्हें आज ही अदालत में पेश किया गया जहाँ से उन्हें 3 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।

इस पूरे मामले में चले घटनाक्रम को लेकर एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर पार्टी नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक के बाद पार्टी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री छगन भुजबल ने कहा, 'महाराष्ट्र सरकार नवाब मलिक का इस्तीफा नहीं लेगी। सीएम के साथ बैठक के बाद तीनों दलों ने इस पर सहमति जताई है।'

उन्होंने कहा, 'नवाब मलिक को ग़लत तरीक़े से गिरफ्तार किया गया था। उन्हें विरोधी पर हमला करने की सजा मिल रही है। हम न्याय के लिए लड़ेंगे। वे (केंद्र) हमारी सरकार को गिराने के लिए हमारे मंत्रियों पर दबाव बना रहे हैं।' 

एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि शरद पवार जी को ममता बनर्जी और कांग्रेस नेताओं के फोन आए और उन्होंने अपना समर्थन दिया है। 

इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा है कि जंग अभी शुरू हुई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि मंत्री को कपट से अंदर किया गया है।

राउत ने ट्वीट कर विरोधियों पर निशाना साधते हुए लिखा है कि कंस और रावण भी मारे गए...। 

नवाब मलिक के ख़िलाफ़ आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि दाऊद का नाम लेकर किसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करने का एक आसान तरीका है। उन्होंने कहा, 'मैं उनके ख़िलाफ़ मामले के बारे में नहीं जानता लेकिन प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करने की कोशिश के लिए दाऊद का नाम हमेशा लिया जाता रहा है।' पवार ने दावा किया कि जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे तब उन पर भी अंडरवर्ल्ड से संबंध रखने का आरोप लगाया गया था। उन्होंने कहा कि 25 साल बाद उसी चाल का इस्तेमाल परेशान करने और बदनाम करने के लिए किया जा रहा है।

हालाँकि बीजेपी ने राजनीतिक प्रतिशोध के आरोपों को खारिज किया है और मलिक पर गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के सहयोगी से ज़मीन खरीदने का आरोप लगाया है।

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