उत्तर प्रदेश में क़ानून-व्यवस्था सुधरने और महिला सुरक्षा के कितने भी दावे किए जाएं, लेकिन एक के बाद एक ऐसे अपराध उन दावों की पोल खोल देते हैं। देश के गृह मंत्री अमित शाह ने जिस यूपी के लिए कहा था कि 'अब यूपी में 16 साल की लड़की भी गहने लादकर रात 12 बजे सड़क पर निकल सकती है', उसी यूपी में एक स्कूल की 10वीं की 17 छात्राओं के साथ छेड़छाड़ की वारदात हुई है।
यह मामला यूपी के मुजफ्फरनगर का है। इस मामले में दो स्कूलों के प्रबंधकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई है। छात्राओं को सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षा के बहाने दूसरी जगह ले जाया गया था। आरोपियों में एक उस स्कूल का मैनेजर है, जहां लड़कियाँ पढ़ती थीं, वहीं दूसरा उस स्कूल का मैनेजर है, जहाँ उन्हें ले जाया गया था। इस कथित घटना के एक पखवाड़े से अधिक समय बीत जाने के बाद भी दोनों को गिरफ्तार किया जाना बाक़ी है।
आरोप है कि 17 नवंबर की रात लड़कियों को कथित तौर पर सिडेटिव यानी नशे वाला ड्रग्स मिला खाना खिलाया गया और उनके साथ छेड़खानी की गई। एफ़आईआर के अनुसार, नशा करने के बाद 17 बेहोश हो गईं और अगले दिन ही घर लौटीं। उन्हें धमकी दी गई थी कि वे किसी से बात नहीं करेंगी नहीं तो उनके परिवार के सदस्यों को मार डाला जाएगा।
'इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार, यह घटना तब सामने आई जब दो पीड़ितों के माता-पिता ने हाल ही में बीजेपी के पुरकाजी विधायक प्रमोद उटवाल से संपर्क किया। रिपोर्ट के अनुसार, इस घटना को लेकर जिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत स्कूल आता है उस थाना प्रभारी को हटा दिया गया है।
इस अंग्रेज़ी अख़बार की रिपोर्ट के अनुसार, ज़िला शिक्षा अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि दोनों आरोपी अपराध से बच गए क्योंकि माता-पिता बहुत ग़रीब हैं और उन्होंने लड़कियों को परीक्षा के लिए ले जाने पर सवाल नहीं उठाया।
विधायक प्रमोद उटवाल ने कहा कि माता-पिता से संपर्क करने के बाद उन्होंने एसएसपी अभिषेक यादव से संपर्क किया और जांच शुरू की गई।
एसएसपी यादव ने कहा कि आरोप सही पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि संबंधित थाने के प्रभारी को पुलिस लाइन भेज दिया गया है और उसके ख़िलाफ़ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है।
उटवाल ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'पीड़ित आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों से हैं और उन्हें धमकी दी गई थी। लड़कियां इतनी दहशत में हैं कि 17 नवंबर की रात से वे स्कूल नहीं गई हैं। हम आरोपियों के लिए कड़ी से कड़ी सजा सुनिश्चित करेंगे। अगर वे समय पर आत्मसमर्पण नहीं करते हैं, तो उनके परिवारों को भी इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।'
बता दें कि उत्तर प्रदेश में अपराध को लेकर विपक्षी दल लगातार योगी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की रिपोर्ट में सबसे ज्यादा रेप केस के मामलों में यूपी दूसरे स्थान पर रहा था। राज्य में 2 हजार 796 मामले आए। इससे पिछले साल की रिपोर्ट में भी यूपी दूसरे स्थान पर ही रहा था।