भारत में मुस्लिम पीएम, सोशल मीडिया पर लोग भिड़े
भारत में आज मंगलवार 25 सितंबर को मुस्लिम प्रधानमंत्री ट्रेंड कर रहा है। जानते हैं क्यों, दरअसल ब्रिटेन में ऋषि सुनाक के प्रधानमंत्री बनने से इसका सीधा संबंध है। ब्रिटिश म्यूजियम के अध्यक्ष जॉर्ज ओसबोर्न ने एक ट्वीट किया, जिसमें पहले किसी ब्रिटिश एशियाई के पीएम बनने पर जश्न मनाने और ब्रिटेन पर गर्व करने की बात लिखी, जहां ऐसा संभव हो सका। इस पर कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जॉर्ज के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा - अगर ऐसा होता है तो मुझे लगता है कि हम सभी को यह मानना पड़ेगा कि ब्रिटिश लोगों ने दुनिया में कुछ बहुत ही दुर्लभ काम किया है। अपने सबसे पावरफुल दफ्तर में ब्रिटेन के अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्य को मौका दिया। हम भारतीय ऋषि सुनाक के लिए जश्न मनाएं। लेकिन आइए ईमानदारी से सवाल करें - क्या यहां हो सकता है।
If this does happen, I think all of us will have to acknowledge that theBrits have done something very rare in the world,to place a member of a visible minority in the most powerful office. As we Indians celebrate the ascent of @RishiSunak, let's honestly ask: can it happen here? https://t.co/UrDg1Nngfv
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) October 24, 2022
शशि थरूर ने मुस्लिम शब्द का इस्तेमाल किए बिना बहुत बड़ी बात कह दी और भारत के तमाम लोगों ने फौरन ही इस पर रिएक्शन देना और थरूर को ट्रोल करना शुरू कर दिया। ट्रोल करने वालों ने इतनी बार मुस्लिम प्राइम मिनिस्टर शब्द इस्तेमाल किया कि यह भारत में ट्विटर पर टॉप ट्रेंड में शामिल हो गया। मुस्लिम पीएम के बहाने कुछ लोगों ने इस बात पर भी सवाल पूछा है कि जिन लोगों ने कभी एक इटैलियन होने की वजह से सोनिया गांधी के नेतृत्व का विरोध किया था, आज उन्हीं कुनबों के लोग ऋषि सुनाक के ब्रिटिश पीएम बनने पर चहक रहे हैं।
पहले उन टिप्पणियों पर बात करते हैं जिनमें शशि थरूर की टिप्पणी का जिक्र नहीं है लेकिन वो शशि थरूर की टिप्पणी के बाद सामने आईं। प्रख्यात लेखिका और पत्रकार मृणाल पांडे ने लिखा - एक ईसाई राजा, एक मुस्लिम मेयर और एक हिन्दू प्रधानमंत्री, लंदन अमर, अकबर, एंथोनी के रीमेक के लिए तैयार है। बता दें कि सत्तर के दशक में अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर और विनोद खन्ना की एक्टिंग से सजी यह फिल्म मनमोहन देसाई ने बनाई थी। फिल्म देश के बहुसंस्कृति को दर्शाती थी और सुपरहिट साबित हुई थी। मृणाल पांडे ने इसका जिक्र कर बहुत कुछ कहने की कोशिश की।
#RishiSunak
— Mrinal Pande (@MrinalPande1) October 25, 2022
With a Christian King, a Muslim Mayor and a Hindu PM London is ready for a remake of Amar, Akbar, Anthony... 🥳😂🤠..
पत्रकार सबा नकवी ने ट्वीट किया - भारत में भारत के सबसे बड़े अल्पसंख्यक समुदाय से कोई मंत्री नहीं है और न ही कोई सांसद (बीजेपी से)। इतना स्पष्ट है कि हम यूनाइटेड किंगडम से एक अलग रास्ते पर हैं। सबा नकवी ने ऋषि सुनाक के पीएम बनने पर खुशी जताते हुए आगे लिखा - यह हमारे लिए अल्पसंख्यक प्रतिनिधित्व में गिरावट और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते जुबानी और शारीरिक हमलों पर चिंतन करने का भी क्षण है। यह उस जमीन से बहुत अलग है, जिसने कभी हम पर शासन किया था।
To those demanding a Muslim PM for India, I ask
— બ્રાઉન_मुंडा 👑જय દ્વાरકાधीશ👑🚩 (@akki_tamboli) October 25, 2022
1) Did Muslim majority Kashmir ever have a Hindu CM?
2) Did Sikh majority Punjab ever have a Hindu CM?
3)Did Christian majority Meghalaya, Nagaland & Mizoram ever have a Hindu CM?
Why is Indian secularism sole burden of Hindus? https://t.co/Ti5SN5wFnW
ज्यादातर लोग मुस्लिम पीएम के विचार का विरोध करते नजर आए। सबा नकवी के ट्वीट का जवाब देते हुए अक्की तंबोली ने सवाल किया - क्या मुस्लिम बहुसंख्यक वाले राज्य जम्मू कश्मीर में कोई हिन्दू सीएम बना, क्या सिख बहुसंख्यक राज्य पंजाब में कभी कोई हिन्दू सीएम बना, क्या ईसाई बहुसंख्यक राज्य नगालैंड, मिजोरम, मेघालय में कभी कोई हिन्दू सीएम बना। आखिर भारत के हिन्दू अकेले क्यों धर्मनिरपेक्षता का बोझ उठाएं।
Proud moment that UK will have its first Indian origin PM. While all of India rightly celebrates, it would serve us well to remember that while UK has accepted an ethnic minority member as its PM, we are still shackled by divisive & discriminatory laws like NRC & CAA.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) October 24, 2022
जम्मू कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने दीवाली की बधाई और कश्मीरी पंडितों के साथ कश्मीरी मुसलमानों के दीवाली मनाने की फोटो रीट्वीट की। लेकिन उन्होंने यह ट्वीट भी किया - गर्व का क्षण है कि यूके का पहला भारतीय मूल का पीएम होगा। जबकि पूरा भारत सही मायने में जश्न मना रहा है, यह याद रखना हमारे लिए अच्छा होगा कि यूके ने एक अल्पसंख्यक सदस्य को अपने प्रधान मंत्री के रूप में स्वीकार कर लिया है, फिर भी हम एनआरसी और सीएए जैसे विभाजनकारी और भेदभावपूर्ण कानूनों से जूझ रहे हैं। महबूबा मुफ्ती के इस ट्वीट पर उन्हें काफी ट्रोल किया गया।
बहरहाल, शशि थरूर को जवाब देते हुए राजनीतिक टिप्पणीकार सुनंदा वशिष्ठ ने लिखा - दो कार्यकाल के लिए सिख पीएम, मुस्लिम राष्ट्रपति, महिला प्रधानमंत्री, महिला राष्ट्रपति ....कई ऐसे उदाहरण हैं। हम इसके बारे में अधिक हो हल्ला नहीं करते। क्योंकि हम ब्रिटिश के विपरीत नस्लवादी नहीं है। बेशक उनके लिए यह बहुत बड़ी बात है।
अभिषेक मिश्रा नामक यूजर्स ने कठोर भाषा का इस्तेमाल करते हुए लिखा कि कश्मीर में जिस दिन कोई हिन्दू मुख्यमंत्री बन जाएगा, उस दिन भारत का पीएम भी कोई मुसलमान बन जाएगा।
country had witnessed a Muslim Home Minister, lakhs of Kashmiri Pandits were massacred from Jammu- Kashmir, honor of daughters was looted openly. Evicted from movable and immovable property. mind is not satisfied even with rape, then cut it with a saw. #muslimPM #KashmiriPandit
— Haresh Kumar (@HareshK04248354) October 25, 2022
एक दक्षिणपंथी मीडिया समूह से जुड़े खुद को मैनेजर बताने वाले हरेश कुमार ने लिखा - देश ने मुस्लिम गृह मंत्री देखा। जम्मू-कश्मीर में लाखों कश्मीरी पंडितों का कत्लेआम किया गया। बेटियों का सम्मान खुलेआम लूटा गया। चल और अचल संपत्ति से बेदखल किया गया। रेप से भी मन नहीं भरा तो आरी से काटा।
A Hindu can become PM of the British Empire with 75% Christian population, A Hindu can become the Vice President of USA, with 80% Christian population, But India a country with just 20% Muslim population, cannot guarantee their peaceful coexistence . pic.twitter.com/klAqwJCH98
— Jasmine Fernando (@Jasmine01737661) October 24, 2022
इन्हीं नफरती ट्वीट के बीच जस्मीन फर्नांडो का ट्वीट भी नजर आया। उन्होंने लिखा - एक हिन्दू 75 फीसदी ईसाई वाले मुल्क ब्रिटेन का पीएम बन सकता है। एक हिन्दू 80 फीसदी ईसाई वाले मुल्क यूएसए की उपराष्ट्रपति बन सकती है लेकिन 20 फीसदी मुस्लिम आबादी वाला देश भारत अपने अल्पसंख्यकों को सह अस्तित्व की गारंटी नहीं दे सकता।
Should our India elect a "Muslim PM"? India needs to elect a competent PM, irrespective of the PM's religion or gender ! Our Indian PM must have a vision does not matter if our PM is Hindu, Muslim, Jain, atheist, Bisexual, homosexual, asexual, male, female, tansgender!1n
— Tehseen Poonawalla Official 🇮🇳 (@tehseenp) October 25, 2022
तहसीन पूनावाला ने लिखा है - क्या हमारे भारत को "मुस्लिम पीएम" चुनना चाहिए? भारत को एक सक्षम पीएम चुनने की जरूरत है, चाहे पीएम का धर्म या लिंग कुछ भी हो! हमारे भारतीय पीएम के पास एक दृष्टि होनी चाहिए, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हमारा पीएम हिंदू, मुस्लिम, जैन, नास्तिक, उभयलिंगी, समलैंगिक, अलैंगिक, पुरुष, महिला या ट्रांसजेंडर है!
हजारों ट्वीट के बीच ये चंद ट्वीट थे, जिनका जिक्र यहां किया गया है। लेकिन ज्यादातर ट्वीट मुस्लिम पीएम विचार के खिलाफ है। देश में पनपते नफरती माहौल के बीच ऐसे ट्वीट पर कोई हैरानी भी नहीं है। इसी से पता चलता है कि बीजेपी हर चुनाव में धार्मिक ध्रुवीकरण क्यों कराती है। लेकिन नफरती माहौल देश के विकास में बाधा बनता है, इतनी सी बात राजनीतिक दलों को समझ नहीं आ रही है।