डासना: मंदिर में 'मुसलिमों का प्रवेश नहीं' बोर्ड क्यों कर रहा ट्रेंड?
ग़ाज़ियाबाद के जिस मंदिर में पानी पीने के लिए 14 साल के मुसलिम बच्चे की बेरहमी से पिटाई करने की ख़बर आई थी उस मंदिर के बोर्ड को लेकर अब सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जा रहा है। अभियान कि वह बोर्ड नहीं हटाया जाएगा। वही बोर्ड जिस पर इसलिए विवाद है कि उसपर लिखा है- 'यह मंदिर हिंदुओं का पवित्र स्थल है, यहाँ मुसलमानों का प्रवेश वर्जित है। आदेशानुसार: नरसिंहानंद सरस्वती।'
यह मामला उससे जुड़ा है जिसमें एक पिटाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। वीडियो में दिखा कि एक युवक एक बच्चे से उसका और उसके पिता का नाम पूछता है। बच्चा नाम बताता है जिससे लगता है कि वह मुसलिम है। फिर युवक पूछता है कि वह मंदिर में क्या करने आया था। बच्चा कहता है कि वह पानी पीने आया था। इसके बाद युवक उस बच्चे को बेरहमी से पीटने लगता है। उसके बाद कथित तौर पर आरोपी युवक ने ही वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल किया। ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ़्तार किया।
बच्चे की पिटाई को लेकर जब सवाल किए जाने लगे तो इसमें दक्षिणपंथियों ने यह मुद्दा उठा दिया कि मंदिर के बोर्ड पर मुसलिमों के घुसने की मनाही होने की बात लिखे होने के बाद भी बच्चा कैसे घुस गया। बता दें कि जिस मंदिर में पिटाई की यह घटना हुई थी उसके बाहर मुसलमानों के प्रवेश वर्जित होने की बात लिखी हुई है।
इस बोर्ड के सामने आने के बाद कुछ लोगों ने तर्क दिया कि मंदिर जैसे धार्मिक स्थलों पर किसी के घुसने की मनाही नहीं होनी चाहिए और ऐसे स्थलों का काम मानव सेवा होना चाहिए।
लेकिन इसी बोर्ड को अब ट्विटर पर शेयर कर हैशटैग के साथ यह अभियान चलाया जा रहा है कि मंदिर से बोर्ड नहीं हटेगा। दीपक कुमार मिश्रा नाम के ट्विटर हैंडल से इसी हैशटैग के साथ दो तसवीरें ट्वीट की गई हैं।
#mandir ka board pic.twitter.com/ffMytVm6CS
— Deepak Kumar Mishra (@DeepakK55449372) March 18, 2021
इसमें एक ट्वीट तो उस मंदिर के बोर्ड का है जिसमें पिटाई की घटना हुई जबकि दूसरा बोर्ड एक मसजिद का है जिस पर लिखा हुआ है कि 'ग़ैर नमाजी का मस्जिद में आना मना है।'
जाहिर तौर पर तुलना कर यह बताने की कोशिश की गई है कि यदि दूसरे धर्म में ऐसा हो सकता है तो हिंदू धर्म में क्यों नहीं?
संजीव हिंदू नाम के एक ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, 'मंदिर से बोर्ड नहीं हटेगा।'
Mandir Se Board Nhi Hatega 🚩#मंदिर_का_बोर्ड_नही_हटेगा pic.twitter.com/Cn69ovcLNz
— 🚩 संजीव हिंदू 🚩🚩 (@SANJU038) March 17, 2021
इस ट्वीट में उस मंदिर के बाहर का दरवाजे की तसवीर भी है जिसमें मुसलमानों के घुसने पर रोक की बात लिखी हुई है।
अजय चौधरी नाम के ट्विटर हैंडल से भी 'मंदिर से बोर्ड नहीं हटेगा' को लेकर कई हैशटैग ट्वीट किया गया है। लेकिन इसमें ख़ास बात यह है कि इसमें सिर्फ़ कथित तौर पर मसजिदों के बाहर टंगे बोर्ड की तसवीरें ट्वीट की गई हैं। उन तसवीरों में भी ऐसी ही बात लिखी हुई है कि मुसलिम धर्म में भी यह ख़ास पंथ से संबंधित है और उसी धर्म के दूसरे पंथ के लोगों के प्रवेश पर पाबंदी है।
#मंदिर_का_बोर्ड_नही_हटेगा #मंदिर_से_बोर्ड_नहीं_हटेगा #मंदिर_का_बोर्ड_नहीं_हटेगा pic.twitter.com/Gp46jsqFfp
— AJAY CHAUDHARY 🇮🇳 (@bajiyaAj) March 18, 2021
'टीम हिंदू यूनाइटेड' नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है, 'हम यह बोर्ड सभी मंदिरों पर लगा देखना चाहते हैं।'
We Want This Board On Every Temple.#मंदिर_का_बोर्ड_नही_हटेगा pic.twitter.com/vkeD8O5Lsr
— Team Hindu United (@TeamHinduUnited) March 17, 2021
बता दें कि इस मामले में पहले भी ज़बर्दस्त प्रतिक्रिया आई थी जब बच्चे की पिटाई की ख़बर आई थी। लोगों ने अपने ट्वीट के साथ उस बच्चे से माफ़ी मांगने वाला हैशटैग जोड़ा था। पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा कि 'पानी पीने के लिए एक बच्चे को पीटना कितना अमानवीय है? एक आदमी इतनी नफ़रतों से भरा है कि वह आधारभूत मानवीयता के प्रति भी अंधा है और उसे भगवान के प्रति भी प्रेम नहीं हो सकता।'
कविता कृष्णन ने लिखा, 'एक प्यासे बच्चे को एक मंदिर में पीने के पानी के लिए शृंगी यादव नामक एक व्यक्ति ने पीटा - क्योंकि उसका नाम... उसे मुसलिम के रूप में पहचान दिलाता था। सांप्रदायिक छुआछूत - बहुत हद तक उस तरह ही है जिस तरह की जातिगत छुआछूत प्रथा, जहाँ सामुदायिक जल स्रोतों का उपयोग करने के लिए दलितों की पिटाई की जाती है।'
आरफा खानम शेरवानी ने ट्वीट किया, 'मैं एक ऐसे भारत का सपना देखती हूँ जहाँ पानी पाने के लिए मंदिर जाने के लिए पीटे जा रहे एक मुसलिम बच्चे की प्रतिक्रिया में उन सभी के लिए मसजिदें खोली जाएँ जिन्हें पानी या भोजन की ज़रूरत है (चाहे वे किसी भी धर्म के हों)। मुझे इस नफरत और अंधेरे से लड़ने का कोई अन्य तरीक़ा नहीं पता है।'
14 वर्षीय बच्चे को पीटने की घटना पिछले हफ्ते की बताई जाती है। पुलिस का कहना है कि जैसे ही यह मामला सामने आया आरोपियों की गिरफ़्तारी हुई। इसमें से मुख्य आरोपी शृंगी नंदन यादव है और उसका दूसरा साथी शिवानंद। पुलिस ने कहा है कि दोनों के ख़िलाफ़ शांति भंग करने के इरादे से अपमान), हमला, सार्वजनिक दुराचार वाला बयान के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के अनुसार मंदिर प्रबंधन समिति के अनिल यादव ने कहा कि वे क़ानूनी सहायता से शृंगी यादव की मदद करेंगे। उन्होंने कहा, 'शृंगी एक इंजीनियर है जिसकी कोरोना के दौरान नौकरी चली गई। उसने हमारे वीडियो देखे और हमारे आईटी सेल का प्रबंधन करके मंदिर में हमारी मदद करने का फ़ैसला किया। वह एक अच्छा व्यक्ति है; हम यह सुनिश्चित करेंगे कि वह रिहा हो।'