‘जय श्री राम’ न बोलने पर जिंदा जलाने का आरोप, पुलिस ने नकारा
उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक मुसलिम किशोर का आरोप है कि कुछ लोगों ने ‘जय श्री राम’ न बोलने पर उसकी देह में आग लगा दी। पीड़ित नाबालिग है और उसकी हालत गंभीर है। उसे वाराणसी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन पुलिस उसके आरोपों को ग़लत बता रही है। नाबालिग का नाम ख़ालिद है और उसकी उम्र 17 साल है। न्यूज़ चैनल 'आज तक' के मुताबिक़, नाबालिग ने कहा, ‘मैं कुछ लोगों के साथ दुधारी पुल पर टहलने गया था। वहाँ से 4 लोगों ने मुझे अगवा कर लिया। फिर उनमें से दो लोगों ने मेरे हाथ पकड़ लिए और उन्होंने मुँह ढक रखा था। मेरे ऊपर मिट्टी का तेल छिड़क कर और माचिस जलाकर वे लोग भाग गए।'
पुलिस ने कहा कि नाबालिग विरोधाभासी बयान दे रहा है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, चंदौली के एसपी संतोष कुमार सिंह ने कहा, ‘नाबालिग के बयानों में अंतर है और ये झूठे हैं। किशोर ने स्वयं ही ख़ुद को आग लगाई है।’ एसपी ने कहा, ‘किशोर को 45 फ़ीसदी जली हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह अलग-अलग लोगों के बारे-बारे में अलग-अलग बयान दे रहा है, इसलिए यह मामला संदिग्ध लगता है। ऐसा लगता है कि उसे कुछ सिखाया गया है।’ एसपी ने कहा कि पुलिस ने किशोर के बताये हुए इलाक़ों के सीसीटीवी फ़ुटेज की जाँच की है और यह पाया कि वह उनमें से किसी भी जगह पर नहीं था।
SP Chandauli: He's admitted in a hospital with 45% burns. He had given different statements to different people, so it seemed suspicious. It seemed he had been tutored. Police monitored CCTV footage of places he had mentioned & found that he had not been at any of those places. https://t.co/VwQokLzcvd
— ANI UP (@ANINewsUP) July 29, 2019
एसपी के मुताबिक़, ‘पहले किशोर ने कहा कि वह महाराजपुर गाँव में दौड़ने के लिए गया था जहाँ उसे चार लोग मिले, जिन्होंने उसे खेत में खींच लिया और उसे जला दिया। लेकिन जब उसे बीएचयू में रेफ़र किया गया तो वहाँ उसने पुलिस इंस्पेक्टर को बताया कि मोटरसाइकिल पर आए चार लोगों ने उसका अपहरण कर लिया और उसे हतीजा गाँव में ले गए।’ पुलिस का कहना है कि महाराजपुर और हतीजा गाँव अलग-अलग दिशाओं में हैं।
बता दें कि मॉब लिंचिंग और ‘जय श्री राम’ के नारे को लेकर देश में चारों तरफ़ चर्चा का माहौल गर्म है। हाल ही में फ़िल्म निर्देशकों, अभिनेताओं, कला जगत की हस्तियों ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर चिंता ज़ाहिर की थी और कहा था कि इन घटनाओं को जल्द से जल्द रोका जाए। उन्होंने इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था। पत्र में कहा गया था कि बेहद दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि ‘जय श्री राम’ का नारा युद्धोन्माद पैदा करने वाला बन गया है और इस वजह से क़ानून व्यवस्था की स्थिति ख़राब होती जा रही है और इसके नाम पर हत्या की कई घटनाएँ हो चुकी हैं। पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा गया था कि आपने इस तरह की घटनाओं की संसद में कड़ी निंदा की थी लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। यह बताइए कि ऐसी घटनाओं को अंजाम देने वालों के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई की गई है। वहीं 62 फ़िल्मी हस्तियों ने इन लोगों पर ‘गिने-चुने मामलों में ग़ुस्सा दिखाने’, ‘झूठे नैरेटिव तैयार करने’ और ‘राजनीतिक पूर्वाग्रह की भावना’ से ऐसा करने का आरोप लगाते हुए पलटवार किया था।