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मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज सईद को 5 साल जेल

मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज सईद को 5 साल जेल

मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज सईद को आतंकवादी गतिविधियों को पैसे देने के आरोप में 5 साल जेल की सज़ा हुई है। सईद को जेल भेज दिया गया है।

मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड हाफ़िज सईद को आतंकवादी गतिविधियों को पैसे देने के आरोप में 5 साल जेल की सज़ा हुई है। सईद को जेल भेज दिया गया है।

पाकिस्तान की आतंकवाद-निरोधी अदालत ने सईद को साढ़े पाँच साल जेल के अलावा 15,000 रुपए के ज़ुर्माने की सज़ा भी दी है। लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक सईद को एक दूसरे मामले में डेढ़ साल की सज़ा अलग से सुनाई गई है। पर ये दोनों सज़ाएँ साथ-साथ चलेंगी।

हाफ़िज सईद को ‘प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन का सदस्य होने’ और ‘ग़ैरक़ानूनी तरीके से ज़ायदाद रखने’ का दोषी पाया गया। हाफ़िज सईद पर आरोप है कि उन्होंने मुंबई में आतंकवादी हमला करने की साजिश रची थी, योजना बनाई थी और उसे अंजाम दिया था।

जिस संगठन के लोगों ने हमला किया था, उसकी स्थापना सईद ने ही की थी। इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित कर दिया था और उन पर प्रतिबंध लगा दिया था। 

आँख में धूल झोंक रहा है पाकिस्तान

बता दें कि फ़ाइनेंशियल एक्शन टास्क फ़ोर्स के निशाने पर पाकिस्तान लंबे समय से है। पाकिस्तान पर आरोप है कि वह आतंकवाद को बढ़ावा देता है और आतंकवादी गतिविधियों को आर्थिक मदद मुहैया कराने वालों को रोकता नहीं है। इसलामाबाद संस्था की ‘ग्रे लिस्ट’ में है, यानी उसे समय दिया गया है, कुछ सुझाव दिए गए हैं और उस समय सीमा के अंदर लागू करने को कहा गया है। यदि उसने समय के अंदर एफ़एटीएफ़ के कहे मुताबिक़ कार्रवाई नही की तो उसे काली सूची में डाला जा सकता है। ऐसा होने से उसे प्रतिबंधित कर दिया जाएगा। 

एक बार काली सूची में चले जाने और एफ़एटीएफ़ से प्रतिबंधित होने के बाद पाकिस्तान को किसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसी से कोई आर्थिक मदद नहीं मिलेगी। अंतरराष्ट्रीय एजेन्सियाँ उसकी रेटिंग ख़राब कर देगी और कोई पाकिस्तान में निवेश नहीं करेगा। इससे पाकिस्तान दिवालिया होने के कगार पर पहुँच सकता है। 

पर्यवेक्षकों का कहना है कि इस स्थिति से बचने के लिए पाकिस्तान ने हाफ़िज सईद को गिरफ़्तार किया है।

पर्यवेक्षकों का यह भी कहना है कि इसलामाबाद ने सिर्फ दिखावे के लिए ऐसा किया है, उसका मक़सद एफ़एटीएफ़ की आँख में धूल झोंकना है, सईद को सज़ा देना नहीं।

हाफ़िज सईद और उसके चार अनुयायियों को 2017 में गिरफ़्तार कर लिया गया था। पर कई महीने जेल में रहने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था। समझा जाता है कि हाफ़िज सईद को उस समय भी संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका को दिखाने के लिए ही गिरफ़्तार किया गया था। अमेरिका ने भी सईद को आतंकवादी घोषित कर रखा है और उसके सिर पर ईनाम का एलान कर रखा है। 

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