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फोन टैपिंग डाटा लीक: मुंबई पुलिस ने किया सीबीआई प्रमुख को तलब

फोन टैपिंग डाटा लीक: मुंबई पुलिस ने किया सीबीआई प्रमुख को तलब

सीबीआई प्रमुख को मुंबई पुलिस ने क्यों तलब किया? क्या महाराष्ट्र में फोन टैपिंग और डाटा लीक मामले से उनका भी कुछ लेना-देना है? 

सीबीआई प्रमुख सुबोध कुमार जायसवाल को मुंबई पुलिस के साइबर सेल ने फोन टैपिंग और डाटा लीक मामले में तलब किया है। मुंबई पुलिस ने कहा है कि समन एक ई-मेल के ज़रिए भेजा गया है, जिसमें उन्हें अगले गुरुवार को पेश होने के लिए कहा गया है।

इस फोन टैपिंग डाट लीक मामले ने इस साल मार्च महीने में महाराष्ट्र की राजनीति में उथप-पुथल ला दी थी। इसकी गूंज अभी भी सुनाई देती है। इस मामले की सुनवाई अभी भी बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा की जा रही है। यह मामला आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला द्वारा महाराष्ट्र में पुलिस तबादलों में कथित भ्रष्टाचार के बारे में तैयार की गई एक रिपोर्ट के 'लीक' होने से जुड़ा है। शुक्ला तब राज्य के खुफिया विभाग की प्रमुख थीं। उस दौरान सुबोध कुमार जायसवाल पुलिस महानिदेशक थे।

महाराष्ट्र की राजनीति में उस समय बवाल मच गया था जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट के हवाले से कई आरोप लगाए थे। शुक्ला के नेतृत्व वाली एजेंसी द्वारा पिछले साल अगस्त से अक्टूबर के बीच खुफिया जानकारी के आधार पर कुछ दलालों के फ़ोन नंबर सर्विलांस पर रखकर टेप किए गए थे। टेप किए गए नंबरों से खुलासा हुआ था कि महाराष्ट्र के लगभग दो दर्जन से ज़्यादा पुलिस अधिकारियों ने ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए दलालों से संपर्क किया था, और ये दलाल महाराष्ट्र के कई बड़े नेताओं से संपर्क में थे। 

बाद में इस रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा हुआ था कि कुछ पुलिस अधिकारियों के तबादले और पोस्टिंग इस रिपोर्ट के अनुसार ही हुए थे। इतना ही नहीं, रश्मि शुक्ला ने टॉप सीक्रेट रिपोर्ट महाराष्ट्र के डीजीपी को सौंपी थी और डीजीपी ने महाराष्ट्र के अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह को रिपोर्ट सौंपी थी। फिर सवाल उठा कि आख़िर यह रिपोर्ट कहाँ से लीक हुई?

इस हंगामे के बाद एनसीपी ने आरोप लगाया था कि रश्मि शुक्ला ने बीजेपी की एजेंट की तरह काम किया। एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कहा था कि रश्मि शुक्ला की रिपोर्ट में किसी तरह का तथ्य नहीं है और ठाकरे सरकार को बदनाम करने के लिए यह खेल चल रहा है।

महाराष्ट्र सरकार ने इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने पर आपत्ति जताई थी। जिस तरह से पूर्व इंटेलिजेंस कमिश्नर रश्मि शुक्ला ने बगैर सरकार की इजाजत के मंत्रियों, विधायकों और पुलिस अफसरों के फ़ोन टेप किए उसे निजता का हनन माना गया। सरकार ने टेप कांड के मामले की जाँच के लिए एक कमेटी का गठन किया था। 

बाद में मुंबई पुलिस की साइबर सेल ने सीक्रेट रिपोर्ट लीक करने के मामले में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ़ मामला दर्ज किया। आरोप लगा कि जांच के दौरान वरिष्ठ नेताओं और अधिकारियों के फोन अवैध रूप से टैप किए गए और रिपोर्ट जानबूझकर लीक की गई। लेकिन साइबर सेल द्वारा इस संबंध में दर्ज की गई प्राथमिकी में शुक्ला या किसी अन्य अधिकारी का नाम नहीं है।

बता दें कि महाराष्ट्र कैडर के 1985 बैच के आईपीएस अधिकारी जायसवाल को इस साल मई में दो साल की अवधि के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो का प्रमुख नियुक्त किया गया है। सीबीआई पद पर नियुक्ति के बाद उनसे पूछताछ के लिए समन भेजा गया है। 

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