मुकेश अंबानी किसे बनाएँगे उत्तराधिकारी, जानिए क्या है उनकी योजना
देश के सबसे धनी व्यक्तियों में से एक मुकेश अंबानी ने नेतृत्व में बदलाव की शुरुआत कर दी है। या एक तरह से कहें तो मुंकेश अंबानी के बाद उनकी संपत्ति को कौन संभालेगा या उसका उत्तराधिकारी कौन होगा, इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है।
यह शुरुआत इस रूप में है कि उन्होंने अपने बड़े बेटे को रिलायंस की अपनी दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो की अध्यक्षता सौंप दी है। यह क़दम अंबानी के साम्राज्य में बदलाव का पहला संकेत है। बड़े बेटे को ज़िम्मेदारी सौंपने को उनके उस बयान से जोड़कर देखा जा सकता है जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके बच्चों की व्यवसाय में महत्वपूर्ण भूमिका होगी। इस ताज़ा फ़ैसले से क्या यह संकेत नहीं मिल रहा है कि दुनिया के सबसे रईस व्यक्तियों में से मुकेश अंबानी बीस साल रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान संभालने के बाद अब रिटायरमेंट लेने की ओर बढ़ रहे हैं?
यह सवाल इसलिए भी है कि बड़े बेटे को टेलीकॉम यूनिट की ज़िम्मेदारी देने के बाद अब कहा जा रहा है कि उनकी बेटी ईशा अंबानी को रिलायंस रिटेल की ज़िम्मेदारी सौंपने की तैयारी चल रही है। ईशा अभी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की डाइरेक्टर हैं।
आकाश ब्राउन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद 2014 में दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो में लीडरशिप टीम में शामिल हो गए थे। एक गैर-कार्यकारी निदेशक के रूप में उन्होंने कंपनी की रणनीति और विकास योजनाओं पर काम किया। बता दें कि जियो 400 मिलियन से अधिक ग्राहकों के साथ भारत का सबसे बड़ा दूरसंचार ऑपरेटर बन गया है। 2019 में आकाश ने एक अमीर हीरा व्यापारी की बेटी श्लोका मेहता से शादी की।
ईशा, आकाश की जुड़वां बहन हैं। उन्होंने स्टैनफोर्ड से बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री ली है। रिलायंस भारत का सबसे बड़ा ब्रिक्स-एंड-मोर्टार रिटेलर भी है, जिसकी ई-कॉमर्स में तेजी से विस्तार करने की योजना है, ताकि अमेज़ॅन जैसे दिग्गजों को टक्कर दे सके। ईशा ने अरबपति उद्योगपति के बेटे आनंद पीरामल से शादी की।
अनंत अंबानी के सबसे छोटे बेटे हैं, जो समूह के नए ऊर्जा व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह अंबानी के लिए निवेश का एक प्रमुख क्षेत्र है। रिलायंस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हरित ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने की महत्वाकांक्षा में सबसे आगे रहने की होड़ में है।
तीनों संतानों को ऐसी ज़िम्मेदारियाँ दिए जाने से नेतृत्व परिवर्तन का संकेत मिलता है। वैसे भी मुकेश अंबानी ने पिछले साल खुद इसका संकेत दिया था।
उन्होंने धीरूभाई अंबानी के जन्मदिन पर एक कार्यक्रम में पिछले साल कहा था कि अब नई पीढ़ी को जिम्मेदारियाँ सौंपने का समय आ गया है। उन्होंने कहा था कि हमें उन्हें गाइड करना चाहिए, उन्हें सक्षम बनाना चाहिए और उनका उत्साह बढ़ाना चाहिए। मुकेश अंबानी अब 65 साल के हो चुके हैं और माना जा रहा है कि इसी कारण वह अगली पीढ़ी को बड़ी भूमिकाओं में सामने ला रहे हैं।