मुकेश अंबानी केस: जांच अफ़सर वजे के संपर्क में थे हिरेन मनसुख
उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर मिली स्कॉर्पियो कार के मालिक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। इस कार से जिलेटिन की छड़ें बरामद हुई थीं। कार के मालिक का नाम मनसुख हिरेन था और उनकी लाश मुंबई से सटे ठाणे की झील से मिली है। ठाणे पुलिस की शुरुआती जाँच में पता चला है कि मनसुख हिरेन ने झील में कूदकर खुदकुशी की है, हालाँकि अभी तक इस घटना का कोई चश्मदीद गवाह नहीं मिला है।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुकेश अंबानी और स्कॉर्पियो मालिक मनसुख हिरेन की सुरक्षा का मुद्दा शुक्रवार को विधानसभा में उठाया था और मनसुख को सुरक्षा देने की मांग मुंबई पुलिस से की थी लेकिन कुछ देर बाद ही मनसुख की बॉडी मिलने से फडणवीस को सरकार पर एक और हमला करने का मौका मिल गया।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा में गृहमंत्री को मनसुख हिरेन और इस केस की जांच कर रहे एनकाउंटर स्पेशलिस्ट सचिन वजे के पिछले साल जून-जुलाई महीने की कॉल डिटेल्स की सीडीआर दिखाते हुए कहा कि जिस व्यक्ति की गाड़ी चोरी हुई आख़िर उसी व्यक्ति से एक साल पहले सचिन वजे क्यों बात कर रहे थे। फडणवीस ने यह भी कहा कि सचिन वजे और मनसुख हिरेन की पिछले साल जून से अब तक लगभग तीन सौ बार व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए भी बात हुई है। फडणवीस ने सचिन वजे पर सवाल उठाते हुए कहा कि आख़िरकार सरकार किसी न किसी को इस केस में बचा रही है। हालाँकि सरकार ने अब सचिन वजे को मुकेश अंबानी केस से हटा दिया है।
फडणवीस ने ठाकरे सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार और मुंबई पुलिस मुकेश अंबानी की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रही है। फडणवीस ने कहा है कि मुंबई पुलिस इस मामले की जांच करने में पूरी तरह से नाकाम हुई है इसलिए तत्काल प्रभाव से इस मामले की जांच सरकार को एनआईए को सौंपनी चाहिए।
महाराष्ट्र विधानसभा में फडणवीस द्वारा मनसुख हिरेन का मामला उठाए जाने के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मनसुख हिरेन की मौत की जांच मुंबई पुलिस कर रही है। जांच से ही साफ हो पायेगा कि आखिरकार मनसुख ने आत्महत्या की या फिर उनकी हत्या हुई है।
चोरी की थी कार
इस स्कॉर्पियो कार की एक सीसीटीवी फुटेज भी सामने आई थी जिसमें रात को एक बजे के करीब एक शख्स को अंबानी के घर से कुछ दूरी पर इसे पार्क करते हुए देखा गया था। इस कार को मुंबई से सटे विक्रोली से 8 दिन पहले चोरी किया गया था। मनसुख ने कहा था कि उसकी कार चोरी हो गई थी और उसकी शिकायत भी विक्रोली पुलिस स्टेशन में की थी। ऐसे में अब मनसुख की बॉडी मिलने से एक बार फिर से यह मामला गरमा गया है।
फर्जी था कार का नंबर
सीसीटीवी में यह भी बात सामने आई थी कि कार का ड्राइवर कार पार्क करने के 2 घंटे बाद तक कार में ही बैठा रहा था। इससे पहले इस कार को हाजी अली के सिग्नल पर भी देखा गया था और वहां भी यह कार पार्किंग में खड़ी देखी गई थी। इस गाड़ी के अंदर से 8 से 10 नंबर प्लेट भी मिली थीं जो कि फर्जी थीं। साथ ही इस कार का नंबर भी जांच में फर्जी पाया गया है।
जिलेटिन की छड़ों का नागपुर कनेक्शन
स्कॉर्पियो कार से जिलेटिन की जो छड़ें बरामद हुई थीं वह नागपुर की एक कंपनी ने बनाई हैं, जिसका पता जिलेटिन की छड़ों पर लिखा हुआ बताया जा रहा है। जिस कंपनी का नाम इन जिलेटिन की छड़ों पर लिखा हुआ है उस कंपनी ने कई सरकारी कंपनियों को भी जिलेटिन की इस तरह की छड़ों की सप्लाई की थी। वैसे, आमतौर पर जिलेटिन की इस तरह की छड़ों का इस्तेमाल मोटे पत्थरों को तोड़ने एवं फिल्म की शूटिंग के दौरान गाड़ियों को उड़ाने एवं विस्फोट करने के लिए किया जाता है। क्राइम ब्रांच की एक टीम ने कंपनी के मालिक से भी पूछताछ की थी कि हाल फिलहाल के समय में इस तरह की जिलेटिन की छड़ों को किन-किन लोगों को सप्लाई किया गया था।जैश-उल-हिंद का इनकार
मीडिया में आई ख़बरों में कहा गया था कि जैश-उल-हिंद नाम के आतंकी संगठन ने अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक रखने की जिम्मेदारी ली है लेकिन इस संगठन ने इससे पूरी तरह इनकार किया था। मुंबई पुलिस के मुताबिक़, जैश-उल-हिंद ने कहा है कि उसने कभी भी मुकेश अंबानी को कोई धमकी नहीं दी है।
आतंकी संगठन ने कहा है कि भारतीय मीडिया में अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने को लेकर यह बताया जाना कि जैश-उल-हिंद ने इसकी जिम्मेदारी ली है, पूरी तरह ग़लत है और उस टेलीग्राम अकाउंट से जिसके जरिये यह जिम्मेदारी ली गई है, उसका इस संगठन से कोई लेना-देना नहीं है।