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गंभीर मरीजों को एक घंटे में रेमडेसिविर दें : एमपी हाईकोर्ट

गंभीर मरीजों को एक घंटे में रेमडेसिविर दें : एमपी हाईकोर्ट

कोरोना को लेकर अव्यवस्था पर मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने निर्देश दिये हैं कि कोरोना के गंभीर रोगियों को एक घंटे में रेमडेसिविर इंजेक्शन और 36 घंटे में आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

मध्य प्रदेश में भी कहर बरपा रहे कोरोना संक्रमण से पूरी तरह से चरमरा गई स्वास्थ्य सुविधाओं, सिलसिलेवार मौतों की सूचनाओं और अन्य अव्यवस्थाओं को लेकर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जोरदार फटकार लगाई है। हाई कोर्ट ने दो टूक कहा है, ‘हम मूकदर्शक बनकर नहीं देख सकते।’ कोर्ट ने साफ़ निर्देश दिये हैं कि कोरोना के गंभीर रोगियों को एक घंटे में रेमडेसिविर इंजेक्शन और 36 घंटे में आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए।

देश के कई राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की तरह मध्य प्रदेश में भी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर कहर बरपा रही है। मध्य प्रदेश के सभी ज़िला मुख्यालयों के साथ अब गाँव और कस्बों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमण के नये रोगी मिल रहे हैं। सरकारी और निजी अस्पतालों में बेड नहीं हैं। आईसीसीयू और वेंटिलेंटर वाले बिस्तरों की भारी कमी हो गयी है। ऑक्सीजन की भारी कमी से मौतों की सूचनाएँ आ रही हैं। संक्रमित रोगी को बेहद गंभीर हालातों से उबारने के लिए उपयोग किए जा रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन नहीं मिल पा रहे हैं।

यही नहीं, कोरोना के ए-सिम्टोमैटिक और घर में ही रहकर उपचार करा सकने वाले संक्रमितों में संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए ज़रूरी दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।

इन्हीं हालातों के बाद सरकार को दिशा-निर्देश देने के लिए दायर की गईं अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए मध्य प्रदेश हाइकोर्ट ने सोमवार को तल्ख टिप्पणी की है। रेमडेसिविर की कमी पर हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार रेमडेसिविर का उत्पादन बढ़ाए, अगर ज़रूरत पड़े, तो आयात करे। 

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के पत्र-याचिका समेत कोरोना को लेकर दायर अन्य 6 याचिकाओं की सुनवाई करते हुए फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था। सोमवार को चीफ जस्टिस जस्टिस मोहम्मद रफीक और जस्टिस अतुल श्रीधरन की डिवीजन बेंच ने 49 पेज का विस्तृत आदेश जारी किया। इसने 15 दिन के अंदर प्रदेश की मेडिकल व्यवस्था में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को 10 मई को अगली सुनवाई में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने क्या आदेश दिये?

  • राज्य सरकार स्वास्थ्य विभाग के खाली पदों पर तत्काल संविदा पर नियुक्ति करे
  • दो-तीन साल में रिटायर मेडिकल स्टाफ़ को सेवा में फिर से लिया जाए 
  • प्रदेश में विद्युत शवदाह गृहों की संख्या बढ़ाए
  • ज़रूरतमंद मरीज को एक घंटे में रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध कराए 
  • रेमडेसिविर की क़ीमत अस्पताल में चस्पा की जाए
  • मरीज को आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट 36 घंटे में दी जाए
  • प्रदेश में कोरोना की जांच बढ़ाई जाए 
  • निजी अस्पतालों में भी रेमडेसिविर इंजेक्शन व ऑक्सीजन की उपलब्धता कलेक्टर व सीएमएचओ सुनिश्चित कराएं।
  • सरकारी और निजी अस्पताल में एयर सेपरेशन यूनिट लगाए जाएं, -निजी अस्पतालों में यूनिट के लिए सॉफ्ट लोन दिए जाएं
  • प्रदेश में 9 अक्टूबर 2020 की स्थिति में प्रारंभ किए गए 262 हॉस्पिटल के कोविड-19 सेंटर, 62 डेडिकेटेड कोविड-19 केयर सेंटर और 16 डेडिकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल को फिर से शुरू करें

हाईकोर्ट ने हालातों के मद्देनज़र केन्द्र सरकार को दखल देने का आदेश भी दिया है। इसने केन्द्र सरकार से कहा है कि वह उद्योगों को दी जाने वाली ऑक्सीजन अस्पतालों में पहुँचाए, देश में रेमडेसिविर इंजेक्शन का उत्पादन बढ़वाने का प्रयास करे, विदेशों से रेमडेसिविर आयात भी करवाए।

हाईकोर्ट ने कहा है निजी अस्पतालों में रोगियों को मनमानी वसूली से बचाने के लिए सरकार इलाज की दर फिक्स करे। स्कूल, कॉलेजों, मैरिज हॉल, होटल, स्टेडियम को अस्थाई अस्पतालों के लिए अधिग्रहित करने को भी कहा गया है। कहा गया है कि अस्पताल किसी दूसरी बीमारी से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने से इंकार न करें। मध्यम वर्ग, निम्न मध्यमवर्ग, ग़रीब और बीपीएल श्रेणी के लोगों के लिए भी ऑक्सीजन, रेमडेसिविर और अन्य व्यवस्थाएँ सुनिश्चित की जाएँ।

कलेक्टर और सीएमएचओ निजी, सरकारी अस्पतालों, पैथोलॉजी सेंटर और डायग्नॉस्टिक सेंटर के प्रतिनिधियों से समय-समय पर मीटिंग करते रहें, जिससे अन्य आवश्यकताओं की भी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। शासन स्तर पर आईएमए और मध्य प्रदेश नर्सिंग होम एसोसिएशन के पदाधिकारियों से बैठक सुनिश्चित करें कि मरीजों से अत्यधिक शुल्क न वसूला जाए।

50 हजार जांचें, 12 हजार से ज्यादा संक्रमित मिले

सरकारी आंकड़ों के अनुसार मध्य प्रदेश में 19 अप्रैल को नये संक्रमितों का आंकड़ा 12 हजार 897 रहा। कोरोना फैलने के बाद से अब तक का यह सबसे बड़ा आँकड़ा रहा। कुल 50 हजार 942 नमूने लिये गये थे। पिछले 24 घंटों की जांच के इस आँकड़े के अनुसार पॉजिटिव केसों का प्रतिशत 25 प्रतिशत से कुछ ज़्यादा रहा।

प्रदेश में 79 मौतें भी पिछले 24 घंटों में दर्ज हुईं। नये रोगियों के बाद कोरोना के कुल संक्रमित एक्टिव केस का आँकड़ा 19 अप्रैल को 74 हजार 558 रहा। अब तक के कुल 4 लाख 20 हजार 977 संक्रमितों में 3 लाख 41 हजार 783 संक्रमित ठीक होकर अपने घरों को भी लौटे।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत करते हुए मध्य प्रदेश के कोरोना से जुड़े हालातों पर विमर्श किया। सरकारी विज्ञप्ति में बताया गया कि मुख्यमंत्री ने रक्षामंत्री से सेना के सहयोग के संबंध में चर्चा की। रक्षा मंत्री ने हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। 

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