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एमपी: राज्यपाल ने सरकारी मंच से लगवाये जय श्रीराम के नारे!

एमपी: राज्यपाल ने सरकारी मंच से लगवाये जय श्रीराम के नारे!

क्या सरकारी कार्यक्रमों में धार्मिक नारे लगाए जा सकते हैं? खासकर, संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसा करना क्या उचित है? जानिए मध्य प्रदेश के राज्यपाल क्यों हैं विवादों में।

संवैधानिक संस्थाओं और उनके कर्ताधर्ताओं की कार्यप्रणाली पर ऊंगली उठने की घटनाएँ भी क़रीब-क़रीब हर दिन सामने आने लगी हैं। मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल के एक वायरल वीडियो के बाद कुछ इसी तरह के सवाल उठने लगे हैं।

वायरल हुए वीडियो में मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने एक सरकारी कार्यक्रम में मंच से जय श्रीराम के नारे लगवाए। उनके आव्हान पर जब धीमी आवाज में नारे लगते हैं तो पटेल लोगों से कहते हैं, ‘कौन नहीं बोल रहा है, यहां पर मुझे सब दिखाई दे रहा है।’

मामला भोपाल से लगे आगर मालवा के लसुल्डीया गोपाल गांव के सरकारी स्कूल का है। राज्यपाल हेल्थ कैंप, आंगनबाड़ी केंद्र और प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घरों को देखने गुरुवार को पहुंचे थे। राज्यपाल ने बाबा बैजनाथ महादेव मंदिर में अभिषेक किया।

राज्यपाल ने मंच से दो बार जयश्री राम का नारा लगवाया। इस बारे में प्रतिक्रिया लेने के लिए गवर्नर ऑफिस संपर्क किया गया, लेकिन इस घटना के संबंध में अभी राज्यपाल की ओर से कोई बयान नहीं आया है।

मोदी के बेहद ख़ास हैं पटेल

गुजरात के मूल निवासी मंगूभाई पटेल ने 8 जुलाई 2021 को मध्य प्रदेश का गवर्नर पद संभाला है। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद क़रीबियों में गिना जाता है। वह लगातार प्रदेश के दौरे करते हैं। सरकारी आयोजन में शिरकत करते हैं। आदिवासी समुदाय से आते हैं। वह इस वर्ग के लिये काम प्रदेश में कर रहे हैं।

आदिवासी समाज में आम सिकलसेल एनीमिया अनुषांगिक बीमारी की रोकथाम को लेकर वे न केवल लगातार काम कर रहे हैं, बल्कि समय-समय पर राज्य सरकार को सुझाव और मार्गदर्शन भी देते हैं। सीएम शिवराज सिंह चौहान कई बार कह चुके हैं कि इस रोग पर अंकुश लगाने के लिए राज्यपाल से मार्गदर्शन मिलता है।

देश के पहले पीपीपी मोड से पुनर्विकसित रानी कमलापति रेलवे स्टेशन के लोकार्पण के समय पीएम मोदी ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल की खुले दिल से सराहना की थी।

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