एमपी: कांग्रेस विधायकों को बनाया गया बंधक, बीजेपी पर सरकार गिराने का आरोप
मध्य प्रदेश की 14 महीने पुरानी कमलनाथ सरकार को गिराने और बचाने का ‘खेल’ तेज हो गया है। कांग्रेस और उसकी सरकार का समर्थन कर रहे दलों के लगभग 10 विधायकों को बीजेपी द्वारा गुड़गांव के एक होटल में बंधक बनाये जाने के आरोप लगे हैं। नाथ सरकार के दो मंत्रियों ने बीजेपी के कथित कब्जे से बसपा की एक महिला विधायक सहित छह विधायकों को छुड़ा लिया है और चार्टर्ड प्लेन में लेकर सभी विधायकों को इंदौर ले आया गया है। कांग्रेस ने बीजेपी नेताओं पर महिला विधायक से मारपीट करने के आरोप लगाये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा है कि अभी भी चार विधायक बीजेपी के कब्जे में हैं। इनमें कांग्रेस के तीन और एक विधायक निर्दलीय है।
230 विधानसभा सीटों वाली मध्य प्रदेश की विधानसभा में कांग्रेस के 114 (स्पीकर सहित) और बीजेपी के 107 सदस्य हैं। निर्दलीय विधायकों की संख्या 4, बसपा के दो और सपा का एक सदस्य है। दो सीटें अभी रिक्त हैं। बहुमत के लिए कुल 116 सदस्यों की आवश्यकता होती है। कांग्रेस ने निर्दलीय, बसपा और सपा की मदद से सरकार बना रखी है। चूंकि अभी दो सीटें रिक्त हैं लिहाजा 228 के हिसाब से बहुमत का नंबर 115 है।
बीजेपी अनेक अवसरों पर नाथ सरकार के गिरने के दावे करती रही है। ये दावे केवल दावों तक ही सीमित थे लेकिन पिछले तीन-चार दिनों से मध्य प्रदेश में सियासी पारा गर्माया हुआ है। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पिछले सप्ताह दिल्ली में प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर दावा किया था कि बीजेपी कमलनाथ सरकार को अस्थिर करने के प्रयासों में जुटी हुई है। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के विधायकों को ‘पाला’ बदलने के लिए 25 से 35 करोड़ रुपये ऑफ़र किये जा रहे हैं।
दिग्विजय सिंह ने सरकार गिराने के प्रयासों के खेल में शिवराज सरकार में मंत्री रहे नरोत्तम मिश्रा और कुछ अन्य बीजेपी नेताओं के शामिल होने का आरोप लगाया था। सिंह ने यह भी दावा किया था कि ख़रीद-फरोख़्त के प्रयासों से जुड़ी फ़ोन रिकार्डिंग कांग्रेस के पास है।
बीजेपी ने दिग्विजय सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज किया था। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी दिग्विजय सिंह के आरोपों को मिथ्या एवं सनसनी फैलाने का प्रयास बताया था। मंगलवार को दिग्विजय सिंह ने नया ‘खुलासा’ किया था कि पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता भूपेन्द्र सिंह बसपा की विधायक रामबाई को चार्टर्ड प्लेन से दिल्ली ले गये हैं। बीजेपी ने इन आरोपों का भी खंडन किया था। भूपेन्द्र सिंह से मीडिया ने बात करने का प्रयास किया था लेकिन उनका मोबाइल फ़ोन बंद था।
बहरहाल, मंगलवार देर शाम सूचनाएं आना आरंभ हो गईं थीं कि बीजेपी, मध्य प्रदेश के कांग्रेस सहित बसपा, सपा और निर्दलीय विधायकों को दिल्ली में ‘इकट्ठा’ कर रही है। कमलनाथ सरकार के मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह (दिग्विजय सिंह के बेटे) को आनन-फानन में दिल्ली भेजा गया। उधर, शिवराज सिंह चौहान ने भी मंगलवार शाम को दिल्ली के लिये उड़ान भरी।
जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह ने मंगलवार रात को गुड़गांव के पांच सितारा होटल में ‘छापेमारी’ की। बीजेपी द्वारा कथित तौर पर बंधक बनाकर रखे गये विधायक इस होटल में नहीं मिले थे। सुगबुगाहट थी कि ‘छापेमारी’ की भनक लगने पर बीजेपी ने विधायकों को अन्यत्र ‘शिफ्ट’ कर दिया।
मंगलवार देर रात क़रीब तीन बजे एक वीडियो वायरल हुआ। इस वायरल वीडियो में जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह नाथ सरकार को समर्थन दे रहीं बसपा की विधायक रामबाई को साथ लाते नजर आ रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों ने दावा किया कि वीडियो दिल्ली का है। वीडियो में पटवारी एक पुलिस अफ़सर से भिड़ रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि पुलिस बसपा विधायक को ‘प्रोटेक्शन’ देने का प्रयास कर रही है। पटवारी ने दावा किया कि रामबाई उन्हें होटल के बाहर मिलीं। हालांकि रामबाई कुछ नहीं बोल रही हैं।
मंगलवार दोपहर को मुरैना जिले की सबलगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक बैजनाथ कुशवाहा सामने आये थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि बीजेपी ने उन्हें खरीदने का प्रयास किया। उन्होंने दमोह से बीजेपी के विधायक राहुल सिंह से ऑफ़र मिलने का दावा किया था।
कमलनाथ से खफ़ा हैं कई विधायक
मंत्री पद के दावेदार कांग्रेस के कई वरिष्ठ विधायक मुख्यमंत्री कमलनाथ से खफ़ा हैं। ऐसे विधायकों में बिसाहूलाल सिंह और ऐंदल सिंह कंसाना के नाम सबसे ऊपर हैं। सरकार का समर्थन करने वाले बसपा-सपा और कुछ निर्दलीय विधायकों की नाराजगी भी सरकार को लेकर सामने आती रही है। अनेक मौक़ों पर सार्वजनिक तौर पर इन्होंने खुलकर सरकार के ख़िलाफ़ नाराजगी जताई है।
अभी भी जिन विधायकों को कथित रूप से बीजेपी के द्वारा ‘बंधक’ बनाकर रखा गया है, उनमें बिसाहूलाल सिंह, ऐंदल सिंह कंसाना के अलावा कांग्रेस के हरदीप सिंह, बसपा के संजीव कुशवाहा और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा के भी नाम सामने आये हैं। कांग्रेस के रणवीर जाटव और गिर्राज दंडोतिया, सपा विधायक राजेश शुक्ला के बारे में कांग्रेस का दावा है कि वह इन्हें वापस ले आयी है।
राज्यसभा चुनाव में होगी परीक्षा
मध्य प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र 16 मार्च से शुरू होने जा रहा है। सत्र में बजट के अलावा कमलनाथ सरकार की कड़ी परीक्षा मध्य प्रदेश में रिक्त हुईं राज्यसभा की तीन सीटों के लिए होने वाले चुनाव में भी होनी है। संख्याबल के हिसाब से कांग्रेस के खाते में दो सीटें आनी हैं। सरकार गिराने और बचाने का जो खेल चल रहा है उसने कांग्रेस खेमे की सांसें फुलाई हुई हैं। फिलहाल कांग्रेस के सामने सबसे बड़ी चुनौती अपने विधायकों के अलावा समर्थन देने वाले अन्य दलों और निर्दलीय विधायकों को एकजुट बनाये रखने और सरकार बचाने की है।
बीजेपी डर गई है: कमलनाथ
इस घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा, ‘बीजेपी अपने मंसूबों में सफल नहीं हो सकेगी।’ कांग्रेस विधायकों ने मुझे बताया कि बीजेपी पैसों का ऑफ़र दे रही है। सरकार बीजेपी राज के 15 सालों के घोटालों की जांच कर रही है। शीघ्र होने वाले खुलासों से बीजेपी डर गई है।’
उधर, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को ग्वालियर में कहा, ‘हाॅर्स ट्रेडिंग की कोई जानकारी मुझे नहीं है और ना ही कोई तथ्य मेरे सामने आये हैं।’ उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी। सिंधिया के बयान पर मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने चुटकी लेते हुए कहा, ‘कांग्रेस के तीन अंग (इशारा कमलनाथ, दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया पर) हैं, उनमें एक अंग कह रहा है - खरीद-फरोख्त के बारे में मुझे पता नहीं। यह कांग्रेस का अंतर्विरोध है।’