मुख्यमंत्री जी, ट्रैकिंग से महिलाओं की सुरक्षा होगी या सर्विलांस?
प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में लाल क़िले से अपने भाषण में कहा था कि महिलाओं की यौन हिंसा के लिए महिलाओं को ही ज़िम्मेदार ठहराना ग़लत है। उन्होंने कहा था कि अभिभावक बेटियों से सवाल तो करते हैं लेकिन बेटों से नहीं। लेकिन लगता है कि मोदी की ही पार्टी के नेता और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान उनसे अब तक सीख नहीं पाए हैं। दरअसल, उन्होंने सुझाव दिया है कि काम के लिए बाहर जाने वाली महिलाएँ पुलिस थाने में रजिस्ट्रेशन कराएँ ताकि उनकी सुरक्षा के लिए उन्हें ट्रैक किया जा सके। शिवराज सिंह के इसी सुझाव को महिलाओं को ही दोषी ठहराने के तौर पर लिया जा रहा है। उनकी यह कहकर भी आलोचना की जा रही है कि पुरुष के अपराध के लिए महिलाओं का सर्विलांस क्यों किया जा रहा है?
वैसे, शिवराज का यह बयान तो तीन-चार दिन पहले आया था, लेकिन सोशल मीडिया पर इसके लिए अब उनकी जमकर आलोचना की जा रही है।
शिवराज सिंह का यह बयान सोमवार को आया था। वह पखवाड़े भर चलने वाले महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध पर जागरूकता कार्यक्रम 'सम्मान' की शुरुआत करते हुए बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि महिलाओं की शादी की उम्र को 18 से बढ़ाकर 21 वर्ष कर देनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि एक नयी व्यवस्था लायी जाएगी जिसके तहत काम के लिए अपने घर से बाहर जाने वाली किसी भी महिला को ख़ुद को स्थानीय पुलिस थाने में रजिस्टर कराना होगा और उसकी सुरक्षा के लिए उसे ट्रैक किया जाएगा। एक हेल्पलाइन नंबर दिया जाएगा और सार्वजनिक परिवहन की गाड़ियों में पैनिक बटन लगाया जाएगा।
हालाँकि, जागरूकता कार्यक्रम शुरू करने से पहले भी उन्होंने 8 जनवरी को महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यही बात कही थी। ख़ुद शिवराज सिंह ने उसे ट्वीट किया था।
काम के लिए कुछ लोग बेटियों को गाँव से दूसरे शहर ले जाते हैं। कुछ दिनों बाद कई बेटियाँ गायब हो जाती हैं।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) January 8, 2021
हम बेटियों की सुरक्षा के लिए एक अभियान चलाने जा रहे हैं। दूसरे शहरों में काम करने जाने वाली बेटियों को कोई समस्या आने पर तुरंत मदद मिल सके, ऐसी व्यवस्था हम बना रहे हैं। pic.twitter.com/LDrSs1T8IK
शिवराज सिंह के इस बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। 'द इंडियन एक्सप्रेस' की ख़बर को ट्वीट करते हुए पत्रकार रक्षा कुमार ने मुख्यमंत्री के उस बयान को लिखा जिसमें उन्होंने कहा है कि महिला की सुरक्षा के लिए ट्रैक किया जाएगा। इसके बाद लोगों ने शिवराज पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए।
शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा, 'उसकी सुरक्षा के लिए ट्रैक किया जाएगा???
Surveillance स्टेट बनायेंगे सशक्तिकरण और सुरक्षा की आड़ में।'
‘Tracked for her safety’ ???
— Priyanka Chaturvedi (@priyankac19) January 13, 2021
Surveillance स्टेट बनायेंगे सशक्तिकरण और सुरक्षा की आड़ में। https://t.co/1XUBg3JWRV
पत्रकार रोहिणी सिंह ने लिखा, 'यह सुनिश्चित करने के बजाय कि पुलिस महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों के मामलों में तेज़ी से काम करे, महिला सुरक्षा को सुनिश्चित करने की ज़िम्मेदारी महिला पर ही डाल दी गई है। शिवराज चौहान जी, पुरुष ख़ुद को पंजीकृत क्यों नहीं कराते और ख़ुद को ट्रैक क्यों नहीं करवाते?
Instead of ensuring that the police acts swiftly on cases of crimes against women, the onus of ensuring women safety is put on the woman herself. Why don’t men register themselves and be tracked @ChouhanShivraj ji? https://t.co/BrGszcKLW1
— Rohini Singh (@rohini_sgh) January 13, 2021
कांग्रेस नेता श्रीवास्तव ने ट्वीट किया, "सांसद सीएम शिवराज ने कहा है कि काम पर जाने वाली किसी भी महिला को अपनी सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस स्टेशन में पंजीकरण कराना होगा और उसे 'ट्रैक' किया जाएगा।
पुरुष अपराध करते हैं लेकिन आप महिलाओं को ट्रैक और प्रतिबंधित करना चाहते हैं?
यह महिलाओं को नियंत्रित करने के लिए मोदी की मर्जी और आरएसएस के नये प्रोजेक्ट की तरह दिखता है।"
MP CM Shivraj has said that any woman going to work will have to register herself at local police station & she will be 'tracked' for her safety.
— Srivatsa (@srivatsayb) January 13, 2021
Men commit crimes but you want to track & restrict women?
This looks like a new RSS project to control women with Modi's blessings.
इस विवाद से अलग चौहान ने महिलाओं के विवाह के लिए न्यूनतम आयु बढ़ाने का भी समर्थन किया। उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि बेटियों की शादी की उम्र 18 से बढ़ाकर 21 साल कर दी जानी चाहिए। मैं इसे बहस का विषय बनाना चाहता हूँ और देश व राज्य को इस पर विचार करना चाहिए।'
बता दें कि बीजेपी के नेता बेटियों की शादी की उम्र बढ़ाने की वकालत करते रहे हैं। ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पिछले साल अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान कहा था कि सरकार महिलाओं के लिए क़ानूनी विवाह योग्य आयु को संशोधित करने के लिए एक समिति का गठन करेगी।
इस साल अगस्त महीने में ही ख़बर आई थी कि केंद्र सरकार ने सांसद जया जेटली की अध्यक्षता में 10 सदस्यों के टास्क फ़ोर्स का गठन कर दिया। टास्क फ़ोर्स के साथ इन्हीं सरोकारों पर ज़मीनी अनुभव बाँटने और प्रस्ताव से असहमति ज़ाहिर करने के लिए कुछ सामाजिक संगठनों ने 'यंग वॉयसेस नेशनल वर्किंग ग्रुप' बनाया। इस यंग वॉयसेस नेशनल वर्किंग ग्रुप ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शादी की उम्र बढ़ाने से नुक़सान होगा और इससे महिलाओं की सुरक्षा नहीं होगी। इसने महिलाओं के सशक्तिकरण पर जोर दिया है।