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मनी लॉन्ड्रिंग केसः ईडी की चार्जशीट में प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम का जिक्र

मनी लॉन्ड्रिंग केसः ईडी की चार्जशीट में प्रियंका गांधी वाड्रा के नाम का जिक्र

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने आरोपपत्र में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा का जिक्र किया है, जिसमें 2006 में दिल्ली स्थित रियल एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा से हरियाणा के फरीदाबाद में 40 कनाल (पांच एकड़) की कृषि भूमि खरीदने और उसी जमीन को फरवरी 2010 में बेचने में उनकी भूमिका का उल्लेख किया गया है। 

ईडी ने पहली बार एनआरआई कारोबारी सीसी थम्पी से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के नाम का जिक्र किया। ईडी ने मामले से संबंधित पहले के आरोपपत्र में उनके पति रॉबर्ट वाड्रा का नाम शामिल किया था। 

यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब लोकसभा चुनाव 2024 नजदीक आ चुका है। भाजपा समेत सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारी में व्यस्त हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि केंद्र की भाजपा सरकार अपने विरोधियों को निपटाने के लिए केंद्रीय जांच एजेंसियों ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स और अन्य का इस्तेमाल करती है। हर चुनाव में कोई न कोई कथित करप्शन का मुद्दा सामने आ जाता है। प्रियंका गांधी वाड्रा गांधी परिवार और कांग्रेस का प्रमुख चेहरा हैं। इस कथित मामले में नाम का उल्लेख होने से छवि पर असर पड़ेगा।


हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने अपनी चार्जशीट में कहा-  "पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा और बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा ने दिल्ली स्थित एक रियल एस्टेट एजेंट के माध्यम से हरियाणा के फरीदाबाद में जमीन खरीदी, जिसने एनआरआई व्यवसायी सीसी थम्पी को जमीन बेची।"

ईडी ने आरोप लगाया कि रॉबर्ट वाड्रा और थम्पी के बीच एक "लंबा और गहरा" रिश्ता है जो "सामान्य और व्यावसायिक हितों" तक फैला हुआ है। इस बड़े मामले में फरार हथियार डीलर संजय भंडारी शामिल है। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग, विदेशी मुद्रा कानूनों और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने की जांच चल रही है। वह 2016 में भारत से ब्रिटेन भाग गया था। ईडी की चार्जशीट में आरोपी सूत्रधारों में थम्पी और ब्रिटिश नागरिक सुमित चड्ढा शामिल हैं।

नवंबर में दायर नवीनतम आरोप पत्र में कहा गया है, “ एस्टेट एजेंट एचएल पाहवा, जिन्होंने वाड्रा और थम्पी दोनों को संपत्तियां बेचीं, ने हरियाणा में जमीन की खरीद के लिए कैश प्राप्त किया, और वाड्रा ने इस बिक्री के लिए पूरा भुगतान नहीं किया। पाहवा ने 2006 में प्रियंका गांधी को कृषि भूमि भी बेची और 2010 में उनसे इसे वापस खरीद लिया।''

लंदन में वाड्रा की प्रॉपर्टी

इस बीच एक मीडिया रिपोर्ट में लंदन में संपत्ति खरीद के संबंध में भी वाड्रा का उल्लेख किया जो जांच का हिस्सा है। मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है, “इस मामले में जांच के दौरान, यह पाया गया कि सीसी थम्पी और रॉबर्ट वाड्रा के बीच एक लंबा और गहरा रिश्ता मौजूद है। उनके बीच न केवल व्यक्तिगत/सौहार्दपूर्ण संबंध बल्कि सामान्य और समान व्यावसायिक हित भी पाए जाते हैं।"

रिपोर्ट के मुताबिक जनवरी 2020 में गिरफ्तार किए गए थम्पी ने कथित तौर पर ईडी को बताया कि वह वाड्रा को 10 साल से अधिक समय से जानते हैं और वे वाड्रा की यूएई यात्राओं के दौरान कई बार मिले थे। ईडी ने कहा है कि थंपी ने 2005 से 2008 तक हरियाणा के फरीदाबाद के गांव अमीपुर में 486 एकड़ जमीन खरीदने के लिए पाहवा की सेवाओं का इस्तेमाल किया था।

आरोपत्र में ईडी ने कहा- “यह उल्लेख करना जरूरी है कि रॉबर्ट वाड्रा ने 2005-2006 के बीच अमीपुर (फरीदाबाद) में 334 कनाल (40.08 एकड़) जमीन के तीन टुकड़े एचएल पाहवा से खरीदे और दिसंबर 2010 में वही जमीन पाहवा को बेच दी। इसके अलावा, रॉबर्ट वाड्रा की पत्नी प्रियंका गांधी ने अप्रैल 2006 में पाहवा से अमीपुर गांव में 40 कनाल (5 एकड़) कृषि भूमि खरीदी और वही जमीन पाहवा को बेच दी।

ईडी का आरोप है कि संजय भंडारी ने दिसंबर 2009 में लंदन में एक संपत्ति खरीदी, रॉबर्ट वाड्रा के फंड से उसका नवीनीकरण किया और कहा कि वाड्रा वहां तीन से चार बार रुके थे।

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