अख़लाक मामला: कारनामे हत्या और लूट के, दिखावा गो रक्षक होने का
गो रक्षा के नाम पर किसी की जान ले लेना, गो मांस घर में रखा होने के शक में या ले जाने के शक़ में हैवानियत पर उतर आना और ख़ुद को छाती ठोक के गो रक्षक बताना, लेकिन जरा आप ख़ुद से यह सवाल पूछिए कि क्या ऐसे लोग गो रक्षक हो सकते हैं। ये वे लोग हैं जो न तो क़ानून को मानते हैं और न ही नियमों या व्यवस्थाओं को। ये गो रक्षा के नाम पर उन्माद फैलाते हैं, धार्मिक रूप से अल्पसंख्यकों को पीटते हैं और ख़ुद ही जज बनकर कहीं भी किसी को सजा देने के लिए तैयार रहते हैं और विडंबना यह है कि ये ख़ुद को किसी भी हिंदू संगठन का नेता बताते घूमते हैं।
ग्रेटर नोएडा के बिसाहड़ा गाँव में घर में गो माँस रखे होने के शक में उन्मादी भीड़ के द्वारा पीट-पीटकर मारे गए 52 वर्षीय मुहम्मद अख़लाक की हत्या के एक ऐसे ही अभियुक्त को पुलिस ने मुठभेड़ में धर दबोचा है जिस पर कई आपराधिक मुक़दमे दर्ज हैं।
पुलिस ने बताया कि पकड़ा गया अभियुक्त 30 साल का हरिओम है और वह बिसाहड़ा गाँव का ही रहने वाला है। पुलिस को हत्या, हत्या के प्रयास, लूट, आर्म्स एक्ट के कम से कम 11 मामलों में उसकी तलाश थी। पुलिस ने उसके ख़िलाफ़ आईपीसी के सेक्शन 307 आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 के तहत मुक़दमा दर्ज किया है।
हरिओम उन 18 अभियुक्तों में शामिल है जिन्होंने 28 सितंबर, 2015 को घर में घुसकर अख़लाक़ की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। कुछ समय तक जेल में रहने के बाद ये सभी बरी हो गए थे और रवि नाम के एक अभियुक्त की न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।
सोमवार तड़के 3.30 बजे, पुलिस को सूचना मिली कि हरिओम ग्रेटर नोएडा के ही जारचा में समाना नहर के आसपास घूम रहा है। टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक़, जारचा के एसएचओ अनिल कुमार ने बताया, ‘जब हमें इस बात की सूचना मिली तो उस दौरान हम लोग उसी इलाक़े में पेट्रोलिंग कर रहे थे। हम तुरंत मौक़े पर पहुँचे तो हरिओम एक बिना नंबर की बजाज प्लैटिना मोटरसाइकिल पर दिखाई दिया। हमने उससे रुकने के लिए कहा लेकिन उसने हम पर फ़ायर झोंक दिया और भागने की कोशिश की।’
एसएचओ ने बताया कि जवाब में पुलिसकर्मियों ने भी फ़ायरिंग की जिसमें हरिओम के बाँये पाँव में गोली लगी और वह ज़मीन पर गिर गया। एसएचओ ने कहा, ‘हरिओम से एक देसी पिस्टल और दो कारतूस मिले हैं और इन्हें कब्जे में ले लिया गया है। हम उसे एक नज़दीकी अस्पताल में ले गए और वहाँ से डिसचार्ज होने के बाद उसे जेल भेज दिया जाएगा।’
एसएचओ ने बताया कि हरिओम पिछले एक साल से अपराध की दुनिया में सक्रिय था और ग़ाज़ियाबाद के मसूरी पुलिस थाने में उसके ख़िलाफ़ लूट के चार मुक़दमे दर्ज हैं। इसके अलावा वह छिनैती के मामलों में भी शामिल रहा है। एसएचओ के मुताबिक़, हरिओम ने बताया कि उसे जेल में कई लोग मिले जो उसे अपराध की दुनिया में खींच लाये।
पुलिस के मुताबिक़, अख़लाक की हत्या में नाम आने से पहले भी हरिओम पर दंगे, धमकी देने सहित तीन मुक़दमे दर्ज थे।
प्रधानमंत्री ने जताई थी नाराजगी
यहाँ याद दिला दें कि गो रक्षा के नाम पर मुसलमानों से मारपीट व हत्या की घटनाएँ बढ़ने पर अगस्त, 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सार्वजनिक मंच पर कड़ी नाराजगी जताई थी। फर्जी गो रक्षकों पर प्रहार करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को इनसे सचेत रहने को कहा था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि कुछ लोग गो रक्षा के नाम पर समाज में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने राज्य सरकारों से ऐसे लोगों की पहचान करने और इनके ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने को कहा था।लोकसभा चुनाव के प्रचार के दौरान अख़लाक़ की हत्या का एक अभियुक्त विशाल राणा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दादरी में हुई जनसभा में दिखाई दिया था। इस दौरान जब मुख्यमंत्री जनसभा को संबोधित कर रहे थे तो विशाल ने योगी-योगी के ख़ूब नारे लगाये थे। समझा जा सकता है कि विशाल की सत्तारुढ़ पार्टी से नजदीकी रही होगी, वरना वह योगी आदित्यनाथ के समर्थन में नारेबाज़ी क्यों करता।
#WATCH: One of the accused in September 2015 Mohd Akhlaq lynching case, Vishal Singh (bearded man in white shirt), was seen in a BJP rally in Bisada village yesterday. The rally was addressed by CM Yogi Adityanath. (31.03.2019) pic.twitter.com/QViy7LoUWV
— ANI UP (@ANINewsUP) April 1, 2019
अक्टूबर 2017 में मीडिया में ऐसी ख़बरें आई थीं कि अख़लाक़ की हत्या के 15 अभियुक्तों को नेशनल थर्मल पावर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) में नौकरी दी गई है और इसमें बीजेपी के एक स्थानीय विधायक ने उनकी मदद की है। तब इसे लेकर ख़ासा हंगामा हुआ था लेकिन एनटीपीसी ने एक बयान जारी कर साफ़ कर दिया था कि इस तरह की ख़बरें पूरी तरह ग़लत हैं और उसने अख़लाक़ की हत्या के किसी भी अभियुक्त को नौकरी नहीं दी है।