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कांग्रेस ने देश को अंधेरे के युग की ओर धकेला, मोदी ने कहा

कांग्रेस ने देश को अंधेरे के युग की ओर धकेला, मोदी ने कहा

बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद रामलीला मैदान में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस पर ज़बरदस्त हमला बोल दिया। 

भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद रामलीला मैदान में कार्यकर्ताओ को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर देश को अंधेरे के युग की ओर धकेलने का आरोप लगाया। उन्होंने एक बार फिर बल्लभ भाई पटेल को पहला प्रधानमंत्री नहीं बनाने का मुद्दा उठाया और नेहरू का नाम लिए बग़ैर उन पर हमला बोला। मोदी ने कहा कि यदि देश के पहले प्रधानमंत्री पटेल हुए होते तो आज देश की स्थिति कुछ और होती, पर ऐसा नहीं हो सका। कांग्रेस पार्टी ने देश को अंधेरे की ओर धेकला और इस स्थिति में पहुँचा दिया। 

उन्होंने दावा किया कि अब तक उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी आरोप नहीं लगा है और उन्होंने यह साबित कर दिखाया है कि घपला किए बग़ैर भी सरकार चल सकती है। 

सप-बसपा से परेशान?

रामलीला मैदान में मोदी के भाषण शुरू होने के थोड़ी देर पहले ही लखनऊ में मायावती और अखिलेश यादव ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन की औपचारिक घोषणा की और सीटों के बँटवारे का एलान किया। पर्यवेक्षकों का कहना है कि सपा-बसपा गठबंधन उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए बडी मुसीबत बनने जा रही है और उसे वहां काफ़ी तीखे संघर्ष का सामना करना पड़ेगा।

'मज़बूर नहीं, मजबूत सरकार की ज़रूरत'

मोदी ने सपा-बसपा का नाम लिए बग़ैर उन पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सिर्फ़ उन्हें और उनकी सरकार को रोकने के लिए कुछ दल गठबंधन बना रहे हैे, दरअससल वे 'मजबूत' नहीं, 'मजबूर' सरकार चाहते हैं। मोदी ने इसके आगे कहा कि देश का विकास 'मजबूर सरकार' से नही हो सकता, इसके लिए 'मजबूत सरकार' की ज़रूरत है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि मजबूत सरकार बीजेपी ही दे सकती है। 

 - Satya Hindi

चुनाव प्रचार?

मोदी का ज़्यादा ज़ोर लोगों को यह बताने पर था कि उनकी सरकार ने लोगों के क्या-क्या किया है और आगे क्या करने की मंशा वे रखते हैं। इसलिए उन्होंने किसानों, दलितों, ग़रीबों, सवर्णो सबकी बात की, तमाम स्कीमों का हवाला दिया और दावा करते रहे कि उनका पूरा ज़ोर तो सिर्फ़ देश की जनता पर है। उन्होंने 'जन धन योजना', 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' समेत स्कीमों की चर्चा तो की है, आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए आरक्षण की भी बात की और उसका जम कर बचाव किया। वे किसानों पर भी बोले और उनकी स्थिति के लिए कांग्रेस सरकार को ही एक बार फिर दोषी ठहराया। समझा जाता है कि तीन विधानसभा चुनावों में पार्टी की ज़बरदस्त हार के बाद बीजेपी को लगता है कि किसानों की नाराज़गी भी हार की एक वजह थी। 

चुनाव प्रचार शुरू?

नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर राम मंदिर जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अपने वकीलों के ज़रिए राम मंदिर निर्माण के राह मे रोड़े अटका रही है। इस मुद्दे पर खुद मोदी कम से कम बाहरी तौर पर फँसे हुए हैं। उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संग और विश्व हिन्दू परिषद समेत तमाम हिन्दूत्ववादी दल मंदिर बनाने के लिए अध्यादेश लाने का दबाव बना रहे हैं। मोदी ख़ुद कह चुके हैं कि अदालत का फ़ैसला आने के बाद ही क़ानून बनाने पर विचार किया जा सकता है। मोदी ने इस कार्यक्रम का पूरा इस्तेमाल अपनी बात आम जनता तक पहुँचाने के लिए किया। ऐसा लग रहा था मानो वे चुनाव रैली में बोल रहे हों। वह दिन भी बहुत दिन दूर नहीं है।  

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