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कमला हैरिस के बाद बाइडन ने भी मोदी को दी नसीहत, कहा, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो

कमला हैरिस के बाद बाइडन ने भी मोदी को दी नसीहत, कहा, लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति से बात करते हुए द्विपक्षीय रिश्तों को और मजबूत करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान भारत में लोकतांत्रिक मूल्यों के क्षरण, लोकतांत्रिक संस्थानों के पतन और धार्मिक सहिष्णुता का मुद्दा छाया रहा।

पहले उप राष्ट्रपति कमला हैरिस और उसके बाद राष्ट्रपति जो बाइडन ने भारतीय प्रधानमंत्री को संकेत दिया है कि वे लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करें।जो बाइडन ने महात्मा गांधी को याद करते हुए उनकी अहिंसा, सहिष्णुता और धार्मिक सद्भाव की चर्चा की थी।

बाइडन ने किसी का नाम नहीं लिया, लेकिन समझा जाता है कि उन्होंने गांधी और उनके सिद्धान्तों का हवाला देकर मोदी को संकेत दिया है कि वे भारत में सहिष्णुता की कमी से चिंतित हैं और मोदी सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए।

बता दें कि इसके एक दिन पहले यानी गुरुवार को अमेरिका की उप राष्ट्रपति  कमला हैरिस ने मोदी से बात करते हुए कहा था कि लोकतांत्रिक मूल्यों व संस्थानों पर हमले हो रहे हैं और हमें अपने देश में इन मूल्यों की रक्षा करनी चाहिए। 

कमला हैरिस ने कहा था कि वे अपने निजी अनुभवों के आधार पर कह सकती हैं कि भारत में लोग लोकतांत्रिक सिद्धान्तों के लिए प्रतिबद्ध होते हैं।

समझा जाता है कि अमेरिका की उप राष्ट्रपति और राष्ट्रपति दोनों ने ही मोदी को संकेत दिया कि भारत में लोकतांत्रिक मूल्य ख़तरे में हैं और प्रधानमंत्री मोदी को इस पर ध्यान देना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ द्विपक्षीय बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी को याद किया। उन्होंने गांधी को उद्धृत करते हुए कहा कि वे कहा करते थे कि हम इस पृथ्वी के ट्रस्टी हैं और हमें संसाधनों का इस्तेमाल करते समय यह ध्यान में रखना चाहिए। 

मोदी ने इस पर ज़ोर देते हुए कहा कि पृथ्वी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए इसे सही अर्थों में लागू करना बेहद ज़रूरी है, यह पूरी मानवता के लिए ज़रूरी है। 

उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में भारत और अमेरिका एक दूसरे से सहयोग कर सकते हैं। 

क्या कहा बाइडन ने?

राष्ट्रपति जो बाइडन ने प्रधानमंत्री से कहा कि 40 लाख भारतीय-अमेरिकी प्रतिदिन अमेरिका को मजबूत बना रहे हैं। दुनिया के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत, क़रीबी और घनिष्ठ होना तय है।

बाइडन ने कहा, "मुझे भरोसा है कि अमेरिका-भारत कई तरह की चुनौतियों का समाधान करने में मददगार हो सकते हैं। हम भारत-अमेरिका संबंधों में एक नया अध्याय देख रहे हैं।"

 - Satya Hindi

प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर ज़ोर देते हुए मोदी ने कहा कि दोनों देशों के बीच इस मामले में बहुत ही अधिक सहयोग की संभावना है।

उन्होंने कहा कि कुछ ऐसी तकनीक है जो अमेरिका हमें दे सकता है, लेकिन कुछ ऐसी तकनीक भी हैं, जो हम अमेरिका को दे सकते हैं। यह हस्तांतरण दोनों देशों के हित में है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इसी मुद्दे पर कहा कि "मौजूदा दशक में सबसे बड़ा सेक्टर व्यापार है। दोनों देशों के बीच व्यापार बेहद अहम रहा है।"

इससे पहले बाइडन ने ट्वीट कर कहा था कि "द्विपक्षीय बातचीत के लिए मैं आज व्हाइट हाउस में भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत कर रहा हूँ। मैं दोनों देशों के बीच मज़बूत रिश्ते चाहता हूँ और चाहता हूं कि हिन्द-प्रशांत से लेकर कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन को लेकर हम साथ में काम करें।"

राष्ट्रपति जो बाइडन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरीसन और जापान से योशीहिदे सुगा व्हाइट हाउस में पहली बार आमने-सामने के क्वाड शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिकी राजधानी में एकत्र हुए हैं।

अधिकारियों ने बताया कि क्वैड नेताओं ने टीकों का वितरण शुरू करने और स्वास्थ्य देखभाल एवं अवसंरचना क्षेत्र में कई उपायों की घोषणा करने की भी योजना बनाई है।

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