मोदी-मॉरिसन के बीच यूक्रेन और चीन पर चर्चा, यूएन चार्टर का समर्थन
भारतीय विदेश मंत्रालय ने पीएम मोदी और ऑस्ट्रेलियाई पीएम स्कॉट मॉरिसन के बीच शिखर वार्ता को उपयोगी बताते हुए कहा है कि दोनों के बीच यूक्रेन युद्ध और चीन पर भी चर्चा हुई। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि शिखर सम्मेलन एक बहुत ही उपयोगी, रचनात्मक और विचारों की वाला था। यह शिखर सम्मेलन भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मौजूद घनिष्ठ संबंधों को दर्शाता है, साथ ही इस द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए दोनों प्रधानमंत्री कृत संकल्प हैं।
विदेश सचिव ने कहा कि दोनों नेताओं ने यूक्रेन में चल रहे संघर्ष और मानवीय स्थिति के बारे में गंभीर चिंताओं पर चर्चा की। उन लोगों ने इस तथ्य पर समान रूप से जोर दिया कि तमाम देशों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के सम्मान पर वो संयुक्त राष्ट्र चार्टर के समर्थन में हैं। यूक्रेन के मुद्दे पर, यह स्पष्ट था कि दोनों पक्षों ने क्वाड शिखर सम्मेलन का उल्लेख किया था जिसमें नेताओं का स्पष्ट दृष्टिकोण था कि यूक्रेन की स्थिति का हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर प्रभाव नहीं होना चाहिए।पीएम मोदी ने लद्दाख में एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) पर पिछले वर्ष की घटनाओं का उल्लेख किया और उन्होंने जोर देकर कहा कि सीमा क्षेत्र में शांति जरूरी है। चीन के साथ संबंधों को सामान्य करने के लिए शांति एक आवश्यक शर्त है।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा भारतीय विदेश नीति की तारीफ पर विदेश सचिव ने कहा - यह कहना कि एक व्यक्ति (हमारी विदेश नीति की प्रशंसा) ने तारीफ की, गलत होगा। प्रधानमंत्री के स्तर पर हमारी कई विदेश नीति पहलों के लिए हमें दुनिया भर में प्रशंसा मिली है। मुझे लगता है कि हमारा रिकॉर्ड खुद बोलता है।
विदेश सचिव ने कहा कि पीएम मोदी और पीएम स्कॉट मॉरिसन ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों को उच्च प्राथमिकता देने और हमारे दोनों देशों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। एक प्रगतिशील इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को दोहराते हुए, दोनों नेताओं ने मानवीय सहायता और आपदा राहत के लिए प्रशांत द्वीप देशों के समर्थन पर एक दूसरे के साथ सहयोग करने और सहयोग करने पर चर्चा की। नेताओं ने आतंकवाद जैसी साझा चिंताओं सहित क्षेत्रीय और बहुपक्षीय मामलों और पारस्परिक हित के ग्लोबल मुद्दों पर नजरिए का आदान-प्रदान किया।