गोली मारने के लिए लोगों को भड़का रहे हैं केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर
देश का केंद्रीय मंत्री यदि किसी को गोली मारने की बात कहे, किसी को जान से मार डालने के लिए लोगों को भड़काए तो आप क्या कहेंगे क्या इससे यह नहीं साबित होता है कि सत्तारूढ़ दल लगातार कुछ ख़ास किस्म के लोगों को निशाने पर ले रहा है, उनके ख़िलाफ़ लोगों को भड़का रहा है। क्या इससे यह नहीं पता चलता है कि समाज में कितना ज़हर घोला जा रहा है
ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर की सभा में नारे लगाए गए, ‘देश के गद्दारों को, गोली मारो सालों को।’ हालांकि इसमें यह नहीं कहा गया है कि देश के गद्दार कौन लोग हैं, पर यह बिल्कुल साफ़ है क्योंकि बीजेपी समुदाय विशेष के लोगों को ‘गद्दार’ बताती रही है।
क्या हुआ रिठाला में
दिल्ली के रिठाला विधानसभा क्षेत्र में एक चुनाव रैली में भाषण देने के बाद अनुराग ठाकुर मंच से नारा लगाते हैं, ‘देश के गद्दारों को’ और उनके सामने खड़े बीजेपी कार्यकर्ता इसका जवाब देते हैं, ‘गोली मारो सालों को।’ ठाकुर ऐसा बार-बार करते हैं और हर बार उनके कार्यकर्ता वही जवाब देते हैं।Shocking: It was a local BJP leader from Delhi back then, its now a front line BJP leader and MoS Finance, Anurag Thakur who is leading the crowd to chant “Desh ke gaddaron ko, Goli maro salon ko”.
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) January 27, 2020
Such is the level of politics, ladies and gentlemen! pic.twitter.com/rXZ8M8m6lz
इसके पहले दिल्ली विधानसभा चुनाव में मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा ने यही नारा लगाया था। उन्होंने एक रैली निकाली थी, जिसमें वे इसी तरह के नारे लगाते हैं और उनके साथ चल रहे पार्टी कार्यकर्ता इसी तरह का जवाब देते हैं।
'शाहीन बाग में करंट लगे'
इसी तरह केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को दिल्ली की बाबरपुर विधानसभा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘जब आप 8 फ़रवरी को वोटिंग मशीन का बटन दबाएं तो इतने ग़ुस्से से दबाना कि बटन यहां बाबरपुर में दबे और इसका करंट शाहीन बाग़ में लगे।’ अमित शाह ने कहा कि अगर आप बीजेपी को वोट देते हैं तो दिल्ली सुरक्षित रहेगी और यहां शाहीन बाग़ जैसे आंदोलन नहीं होंगे।
इन तीन घटनाओं से यह साफ़ है कि अनुराग ठाकुर ने जो कुछ कहा, वह संयोगवश या भूल से नहीं कहा है। यह ज़ुबान फिसलने का मामला नहीं है। यह सोची समझी रणनीति के तहत हो रहा है।
बीजेपी जानबूझ कर ध्रुवीकरण करना चाहती है, वह उत्तेजक बातें कह रही है और लोगों को भड़का रही है। उसका मक़सद है कि इसी तरीके से वोटों का ध्रुवीकरण हो और वह दिल्ली के चुनावों में उसका फ़ायदा उठाए।
दिलचस्प बात यह है कि अनुराग ठाकुर वित्त राज्य मंत्री है, बमुश्किल 10 दिन बाद बाद बजट पेश किया जाना है। उनका ध्यान बजट की तैयारियों पर होना चाहिए। पर वे इसके बदले इस तरह की भड़काऊ बातें कर रहे हैं।
बीजेपी की रणनीति
लेकिन बीजेपी की रणनीति इस तरह की भड़काऊ बातें सिर्फ दिल्ली चुनाव तक सीमित रखने की नहीं है। वह पूरे देश में अलग-अलग जगहों पर अलग-अलग समय में इस तरह की बातें कर रही है। पश्चिम बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष ने बीते दिनों कहा :
“
‘जो लोग सीएए का विरोध करेंगे उन्हें कुत्तों की तरह गोली मार दी जाएगी, हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश में ऐसा किया है। यदि हम पश्चिम बंगाल में जीत गए और हमारी सरकार बन गई तो हम यहाँ भी ऐसा ही करेंगे।’
दिलीप घोष, बीजेपी अध्यक्ष, पश्चिम बंगाल
सवाल यह उठता है कि सत्तारूढ़ दल इस तरह की विभाजनकारी बातें क्यों करती है क्या उसका मक़सद यह है कि वह एक काल्पनिक दुश्मन बनाए और उस दुश्मन के पीछे पड़ी रहे ताकि इसी बहाने वह लोगों को अपने पीछे लामबंद रखे इस बहाने वह अपनी दूसरी नाकामियों को भी छुपाए रख सकती है। देश आर्थिक फटेहाली के दौर से गुजर रहा है। पर लोगों का ध्यान इस ओर न जाए, कोशिश यह है। इसलिए सत्तारूढ़ दल जानबूझ कर इस तरह की बातें करती है।