अडानी समूह पर विपक्ष का विरोध बढ़ता ही जा रहा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रिपोर्ट आने के करीब दस दिन बाद सोमवार को चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में चर्चा को टालने के लिए अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं। अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद विरोध बढ़ता ही जा रहा है। एक तरफ अडानी समूह के शेयर लगातार गोता खा रहे हैं दूसरी तरफ विपक्ष अडानी के साथ नरेंद्र मोदी को संबंधों को लेकर हमलावर है।
सदन में चर्चा की मांग करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि "देश को पता होना चाहिए कि अरबपति व्यवसायी (अडानी) के पीछे कौन सी ताकत लगी है। मोदी जी संसद में अडानी जी पर चर्चा टालने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, जबकि मैं अडानी मुद्दे पर चर्चा चाहता हूं, और इसकी सच्चाई सामने आनी चाहिए, लाखों-करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ है, वह सामने आना चाहिए। देश को पता होना चाहिए कि अडानी के पीछे कौन सी ताकत है।
राहुल गांधी ने कहा कि मैं कई वर्षों से, 'हम दो, हमारे दो' की बात कर रहा हूं। सरकार अडानी जी पर संसद में चर्चा से डरती है, और उसके बारे में कोई चर्चा नहीं करना चाहती।
जबकि इससे पहले विपक्षी सांसदों ने संसद के बाहर लगी गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और सरकार से मांग की कि अडानी मुद्दे पर संसद में चर्चा कराए और जांच के लिए ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन करे।
संसद शुरु हुए छह दिन बीत जाने के बाद अभी तक राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा तक नहीं हो पाई है। विपक्ष की मांग है कि सरकार इस मुद्दे पर चर्चा करे और समिति का गठन करे। सरकार नें सदन न चल पाने को लेकर विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा था कि विपक्ष नहीं चाहता कि सदन चले, इसलिए चर्चा से भाग रहा है।
इससे पहले आज दिन में, कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता जीवन बीमा निगम (एलआईसी) कार्यालयों और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की शाखाओं के सामने देश भर में विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतरे। उनकी मांग थी कि अडानी समूह पर लग रहे आरोपों की जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो और अडानी समूह के खिलाफ वित्तीय धोखाधड़ी के आरोपों की जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए।
अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है जिसमें आरोप लगाया गया है कि समूह ने अपने खातों में छेडछाड की है, तथा शेयरों के भाव अनावश्यक रूप से बढ़ा रखे हैं।
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अडानी शेयरों में लगातार गिरावट जारी है। अडानी समूह की मार्केट वैल्यू घट कर आधी रह गई है। खुद गौतम अडानी अमीरों की सूची में दूसरे नंबर से खिसककर 18वें नंबर पर आ गये हैं।