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खाड़ी के देशों से रिश्ते सुधारने में जुटे मोदी, जयशंकर

खाड़ी के देशों से रिश्ते सुधारने में जुटे मोदी, जयशंकर

भारत में हाल ही में इसलामोफ़ोबिया को लेकर मुसलमानों के साथ भेदभाव की ख़बरें सामने आने के बाद भारत ने खाड़ी के देशों से संबंध सुधारने की क़वायद तेज कर दी है। 

भारत में हाल ही में 'इसलामोफ़ोबिया' को लेकर मुसलमानों के साथ भेदभाव की ख़बरें सामने आने के बाद भारत ने खाड़ी के देशों से संबंध सुधारने की क़वायद तेज कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने इस मामले में मोर्चा संभाला है। कोरोना संक्रमण के इस काल में दिल्ली के मरकज़ निज़ामुद्दीन में हुए धार्मिक कार्यक्रम के बाद भारत में सोशल मीडिया पर इसलाम विरोधी पोस्ट्स की बाढ़ आ गई थी। इसके बाद ‘इसलामोफ़ोबिया’ को लेकर देश में कई जगहों पर मुसलमानों के साथ भेदभाव किए जाने की ख़बरें सामने आईं। 

कुछ ऐसे वीडियो भी सामने आए, जिनमें यह देखा गया कि कई जगहों पर फल-सब्जी बेच रहे मुसलमानों से उनका धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया गया। इसलामिक देशों के समूह ऑर्गनाइजेशन ऑफ़ इसलामिक को-ऑपरेशन (आईओसी) ने बयान जारी कर कहा कि भारत में 'इसलामोफ़ोबिया' के नाम पर मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सामने आना पड़ा और उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस किसी को शिकार बनाने से पहले उसका धर्म, जाति, रंग आदि नहीं देखता है और हमें इस वायरस से मिलकर लड़ना है। 

मोदी ने खाड़ी के देशों और बाक़ी इसलामिक देशों के नेताओं से भी बात की। इसके बाद विदेश मंत्री एस. जयशंकर आगे आए और उन्होंने शुक्रवार को फिलिस्तीन के विदेश मंत्री रियाद अल मलिकी, यूएई के विदेश मंत्री शेख़ अब्दुल्लाह बिन ज़ायद से बात की। इसके अलावा उन्होंने क़तर और ओमान के विदेश मंत्रियों से भी बात की। जयशंकर ने ख़ुद ट्वीट इस बात की जानकारी दी है। इसके अलावा भारतीय राजनयिकों ने भी फ़ेक सोशल मीडिया पोस्ट्स को पूरे विवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया। 

अंग्रेजी अख़बार टाइम्स ऑफ़ इंडिया के मुताबिक, विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने कहा है कि जयशंकर ने बातचीत के दौरान खाड़ी के देशों को आश्वस्त किया है कि भारत रमज़ान के महीने के दौरान उन्हें खाने के सामान की पर्याप्त आपूर्ति जारी रखेगा। इसके अलावा वह सऊदी अरब, बहरीन, ओमान, क़तर, इजिप्ट और फिलिस्तीन को हाइड्रोऑक्सी क्लोरोक्वीन औऱ पैरासिटामॉल की आपूर्ति करता रहेगा। 

भारत ने सोशल मीडिया पर चल रही नफरत भरी पोस्ट्स को लेकर पैदा हुए विवाद के मोर्चे पर भी काम किया है। ओमान में भारत की राजदूत मुनु महावर ने वहां रह रहे भारतीयों से अपील की कि वे सोशल मीडिया पर चल रही फर्जी पोस्ट्स से भ्रमित न हों। उन्होंने कहा कि भारत और ओमान के बीच बेहतर संबंध हैं। 

कुछ दिन पहले यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर ने भी ट्वीट कर ऐसा ही मैसेज दिया था। उन्हें भी ऐसा इसलिए करना पड़ा था क्योंकि ट्विटर पर ऐसी कई पोस्ट्स आई थीं जिनमें यह कहा गया था कि कोरोना वायरस फैलने के लिए हिंदू समुदाय के लोग मुसलमानों को दोष दे रहे हैं। 

‘इसलामोफ़ोबिया’ को लेकर बढ़ रही घटनाओं के बीच भारत में 101 पूर्व नौकरशाहों ने भी कहा है कि ऐसे क़दम उठाए जाने चाहिए जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि भारत में अल्पसंख्यकों को कोई भय नहीं है। पत्र में पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) शिवशंकर मेनन, पूर्व चुनाव आयुक्त एस.वाई.क़ुरैशी, पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार नितिन देसाई, पूर्व डीजीपी जूलियो रिबेरो, पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह सहित कई अन्य पूर्व नौकरशाहों के हस्ताक्षर हैं। 

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